'आतंकियों का धर्म देखकर दुखी मत होइए', संसद में अमित शाह का अखिलेश पर तीखा वार, कहा- पाकिस्तान से आपकी बात होती है क्या?
गृह मंत्री अमित शाह के भाषण के बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने टिप्पणी की और आतंकवादियों के बारे में कुछ कहा जिसपर सदन में हंगामा मच गया. शाह के वक्तव्य के दौरान विपक्ष की तरफ़ से टोकाटोकी भी हुई. इस दौरान शाह और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के भींच नोंकझोंक भी हुई.
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ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में बहस दूसरे दिन भी जारी है. गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में जोरदार भाषण दिया. उनके वक्तव्य के दौरान विपक्ष की तरफ़ से टोकाटोकी भी हुई. इस दौरान शाह और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के भींच नोंकझोंक भी हुई.
अमित शाह और अखिलेश में हो गई नोंकझोंक
गृह मंत्री अमित शाह के भाषण के बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने टिप्पणी की और आतंकवादियों के बारे में कुछ कहा जिसपर सदन में हंगामा मच गया.
पाकिस्तान से बात होती है क्या?
अखिलेश की टिप्पणी पर गृह मंत्री शाह ने अखिलेश यादव की ओर मुखातिब होकर पूछा कि क्या आपकी पाकिस्तान से बातचीत होती है? इस पर अखिलेश सहित विपक्षी सदस्य चिढ़ गए, जिसपर गृह मंत्री ने उनसे कहा कि बैठ जाइए, बात सुन लीजिए.
‘आतंकियों के धर्म देखकर दुखी मत होइए…’
गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी बात जारी रखी, अखिलेश यादव ने फिर कुछ कहा, जिसपर शाह ने कहा कि आप मारे गए आतंकवादियों के धर्म देखकर दुखी मत होइए.
शाह का इतना कहना था कि सदन में हंगामा हो गया. खूब हो-हल्ला हुआ, विपक्षी सदस्यों ने बवाल काटा. बवाल बढ़ता देख लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने बीच बचाव किया और मामले को शांत कराया.
इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने लगातार कहा कि शांत हो जाइए, बैठ जाइए, कल पूरे दिन हमने शांति से आपको सुना, आपको भी सुनना पड़ेगा.
उन्होंने आगे कहा कि आप बैठिए, पूरा बयान सुनिए आपके सारे सवालों के जवाब मिल जाएगा.
'ऑपरेशन महादेव’ पर क्या बोले शाह?
पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले तीन आतंकवादियों को भारतीय सेना ने मार गिराया है. इसका ऐलान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में किया. बताया कि कैसे 'ऑपरेशन महादेव' ने आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया.
सदन में शाह ने बताया कि सेना, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस ने 'ऑपरेशन महादेव' के जरिए तीन आतंकवादियों को मारा है, जिनमें सुलेमान उर्फ फैजल, अफगान और जिबरान शामिल हैं.
'ऑपरेशन महादेव में मारे गए आतंकियों के शाह ने बताए नाम
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि सुलेमान लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर था, जो गगनगीर आतंकी हमले में शामिल था. इसके सारे सबूत एजेंसियों के पास हैं. आतंकी अफगान और जिबरान, लश्कर के 'ए' श्रेणी के आतंकी थे. अमित शाह ने स्पष्ट तौर पर कहा कि तीनों आतंकवादी बैसरन घाटी हमले में शामिल थे.
अमित शाह ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद 23 अप्रैल को एक सुरक्षा मीटिंग की गई. सबसे पहले फैसला लिया गया कि आतंकी देश छोड़कर पाकिस्तान भाग न पाएं. इसकी पूरी पुख्ता व्यवस्था की और आतंकियों को भागने नहीं दिया.
गृह मंत्री ने बताया कि 22 मई को आईबी के पास सूचना आई थी. डाचीगाम क्षेत्र में आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी मिली थी. सेना और आईबी ने सिग्नल कैप्चर करके 22 आतंकवादियों के बारे में जानकारी पुख्ता की. 22 जुलाई को सेंसर के जरिए आतंकियों के मौजूद होने की पुष्टि हुई. सेना के 4 पैरा के जवान, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवान एक साथ आतंकियों को घेरने का काम किया. सोमवार को ऑपरेशन हुआ, उसमें पहलगाम हमले के तीनों आतंकवादी मौत के घाट उतार दिए गए.
कैसे हुई पहलगाम के गुनहगारों की पुष्टि?
अमित शाह ने लोकसभा में जानकारी दी है कि पहलगाम हमले के दौरान मिले कारतूस के खोखे और आतंकवादियों की राइफल के खोखे का मिलान हुआ है. आतंकवादियों के पास से एक एम-9 अमेरिकन और दो एके-47 राइफल बरामद की गई थीं. गृह मंत्री ने लोकसभा में जानकारी दी कि चंडीगढ़ एफएसएल की रिपोर्ट में कारतूस के मिलान हुए हैं. 6 वैज्ञानिकों ने क्रॉस चेक किया है. वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि यह वही गोलियां हैं जो पहलगाम में चलाई गई थीं.
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