'किसी धूर्त की तरह व्यवहार ना करें...', जांच एजेंसी ईडी को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, कहा - कानून के दायरे में रहकर काम करना होगा
सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसी ईडी को पिछले एक महीने के अंदर लगातार दूसरी बार फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा है कि 'धूर्त की तरह व्यवहार न करें और आपको कानून के दायरे में रहकर काम करना होगा.'
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गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय यानी (ईडी) को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा है कि ईडी किसी धूर्त की तरह काम नहीं कर सकता और कानून के दायरे में रहकर सब करना होगा. दरअसल, कोर्ट ने कहा है कि ईडी में जो भी मामले मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े दर्ज किए गए हैं. उनमें 10 फीसदी से भी कम दोषसिद्धि हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर चिंता जताई है कि वह सिर्फ लोगों की स्वतंत्रता के बारे में नहीं, बल्कि ईडी की छवि को लेकर भी चिंतित है. यह बयान उस वक्त आया है, जब सुप्रीम कोर्ट एक बेंच द्वारा दिए गए फैसले के आधार पर दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
क्या है पूरा मामला?
'लाइव लॉ' वेबसाइट के अनुसार, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्जवल और जस्टिस एनके सिंह की बेंच विजय मदनलाल चौधरी के मामले में दिए गए फैसले के खिलाफ जारी की गई पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. इस दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि 'अभियुक्त को ईसीआईआर की कॉपी उपलब्ध करवाने की कोई बाध्यता नहीं है. जांचकर्ता इसमें असमर्थ है, क्योंकि इसमें अभियुक्त केमैन द्वीप जैसी जगहों पर भाग जाते हैं. जिसकी वजह से जांच में काफी समस्या आती है.'
'धूर्त के पास बहुत सारे साधन है'
इस मामले की सुनवाई पर एसएसजी ने कोर्ट के सामने कहा कि 'धूर्त के पास बहुत सारे साधन है, जबकि बेचारे जांच करने वाले अधिकारी के पास कुछ नहीं होते.' इसके जवाब में जस्टिस भुईयां ने जवाब देते हुए कहा कि '(ईडी) धूर्त की तरह व्यवहार न करें और कानून के दायरे में ही रहकर काम करना होगा. मैंने सुनवाई के दौरान देखा कि लगभग 500 ECIR रजिस्टर्ड किए गए हैं, लेकिन इसमें दोषी सिर्फ 10 फीसदी ही पाए गए हैं. मेरा यही कहना है कि आप अपने जांच और गवाहों को बेहतर बनाए. हम लोग स्वतंत्रता की बात कर रहे हैं, लेकिन हमें ईडी की छवि की भी चिंता है. 5 साल सभी तक हिरासत में रखने के बाद अगर लोग बरी हो जाते हैं. तो इसकी भरपाई कौन करेगा?'
जस्टिस बीआर गवई ने भी पिछले महीने लगाई थी फटकार
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इससे पहले पिछले महीने ही चीफ जस्टिस बीआर गवई ने ईडी को फटकार लगाते हुए कहा था कि 'आप सारी हदें पार कर रहे हैं. आपके कई बड़े अधिकारी सीमा को लांघ रहे हैं. कोई भी ऐसी टिप्पणी न करें, जिसकी वजह से केंद्रीय एजेंसी के खिलाफ एक कहानी गढ़ने के लिए ठोस प्रयास को बढ़ावा मिले'
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