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उर्दू में दस्तावेज, पेन ड्राइव, कैश...दिल्ली ब्लास्ट मामले की आरोपी डॉ. शाहीन के लॉकर से NIA को क्या-क्या मिला?

दिल्ली ब्लास्ट मामले में सुरक्षा एजेंसियों को काफी अहम सुराग हाथ लगे हैं. मामले की जांच कर रही NIA को डॉ. शाहीन सईद के लॉकर से उर्दू में लिखित दस्तावेज मिले हैं, जिसने जांच टीम के कान खड़े कर दिए हैं. कहा जा रहा है कि शाहीन अपनी हर बात एक खास मकसद के तहत उर्दू में ही लिखती थी. वहीं पुलिस आतंक के पूरे सिंडिकेट पर प्रहार कर रही है.

दिल्ली ब्लास्ट और फरीदाबाद से बड़े पैमाने पर विस्फोटक और संदिग्ध पदार्थों की बरामदगी के बाद सुरक्षा एजेंसियां आतंक के माइंडसेट पर लगातार प्रहार कर रही हैं. इसी कड़ी में NIA रेड फोर्ट के पास धमाका मामले में गिरफ्तार आरोपी डॉक्टर शाहीन सईद के धौज गांव स्थित अल-फलहा यूनिवर्सिटी के लॉकर तक जा पहुंची, जहां उन्हें बड़ा सुराग हाथ लगा है. आपको बताएं कि शाहीन के पर्सनल लॉकर से NIA को कैश और उर्दू में लिखित दस्तावेज मिले हैं. इतनी पढ़ी लिखी होने के बावजूद उसका हिंदी और अंग्रेजी की बजाय सिर्फ उर्दू में लिखने वाली घटना ने जांच एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं. मामले की जांच कर रही NIA की टीम बरामद समानाों को लेकर बीते दिनों यानी कि गुरुवार देर रात रवाना हो गई थी.

हर शब्द उर्दू में क्यों लिखती थी डॉ. शाहीन?

मामले की जांच कर रहे अधिकारियों के हवाले से जानकारी देने वाले सूत्रों की मानें तो डॉ. शाहीन न सिर्फ अपने विषय की जानकार थी, बल्कि उसकी उर्दू पर भी अच्छी-खासी पकड़ है. इतना ही नहीं उसके बारे में कहा जाता है कि वो सिर्फ उर्दू में लिखती थी ताकि आसानी से उसकी लिखावट और कोड वर्ड को डिटेक्ट न किया जा सके और ना ही उसके लिखे को हर कोई समझ सके. 

जानकारी के मुताबिक एनआईए उसे नेहरू ग्राउंड लोहा मंडी में केमिकल की दुकान के बाद अल-फलहा यूनिवर्सिटी भी लेकर गई थी. यहां पर उसी की मदद से उसके लॉकर और अन्य जगहों को खंगाला गया और तलाशी ली गई. जांच के दौरान NIA की टीम को लॉकर से नकदी, पैन ड्राइव आदि इलेक्ट्रोनिक उपकरण और उर्दू में लिखे काफी संख्या में दस्तावेज मिले. हालांकि हैरानी की बात ये रही कि जांच एजेंसी को उसकी पर्सनल लाइफ या शादी के सर्टिफिकेट को लेकर कोई जानकारी नहीं मिली.

शाहीन के फ्लैट और ऑफिस में घंटों जांच

सूत्रों की मानें तो NIA की टीम ने शाहीन के फ्लैट और उसके ऑफिश को घंटों तक जांच की. इस तलाशी अभियान और जांच-पड़ताल के वीडियो साक्ष्य भी तैयार किए गए. इतना ही नहीं, संभवतया NIA की टीम शाहीन को खोरी जमालपुर गांव भी लेकर गई थी. जानकारी के मुताबिक इसी गांव में एक और आरोपी डॉक्टर मुजम्मिल अहमद ने पूर्व सरपंच का मकान किराए पर लिया था. कहा जाता है कि शाहीन भी आरोपी डॉक्टर के साथ यहां आया-जाया करती थी. अपनी जांच पूरी करने के बाद एनआईए की टीम गुरुवार को तड़के सुबह 2:00 बजे लौटी. जांच-पड़ताल में किसी प्रकार की कोई समस्या और प्रतिरोध न हो इसको लेकर भी सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे.

पाक के स्लीपर सेल्स, एजेंटो पर भी प्रहार

वहीं नूंह पुलिस भी पाकिस्तान के स्लीपर सेल्स मसलन ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़े गए खरखड़ी गांव के अधिवक्ता रिज़वान और उसके साथी, जालंधर के मलेशियन पट्टी निवासी मिठाई विक्रेता अजय अरोड़ा से लगातार पूछताछ कर रही है. जांच में पता चला है कि अजय हवाला कारोबार से जुड़ा हुआ है. इतना ही नहीं वह लगातार मुख्य आरोपी रिज़वान के बैंक खाते में पैसे डाल रहा था. इस धन का इस्तेमाल पंजाब में दहशत, आतंक फैलाने वाली गतिविधियों के लिए किया जा रहा था. दोनों आरोपी फिलहाल आठ दिन के पुलिस रिमांड पर हैं. DSP अभिमन्यु लोहान ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि फिलहाल जांच जारी है और इसके अतिरिक्त और डिटेल नहीं दिया जा सकता.

आतंक के पूरे सिंडिकेट को खंगाल रही NIA

NIA पूरे मामले की तह तक जाना चाह रही है. जांच एजेंसी न सिर्फ आरोपी बल्कि उसके पैरोकारों, सिंडिकेट सहित हर एंगल से जांच कर रही है.  एजेंसी जल्द इस केस में गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों को भी नूंह ला सकती है. इनमें अल-फलहा यूनिवर्सिटी का इमाम इश्तियाक, दिल्ली धमाके में मारे गए डॉक्टर उमर को नूंह में ठिकाना दिलाने में मदद करने वाला शोएब भी शामिल है. इसके अलावा सहारनपुर से गिरफ्तार डॉक्टर आदिल को भी पकड़ा जा चुका है, और जानकारी के अनुसार वह भी अल-फलहा आता-जाता रहता था. सूत्रों के मुताबिक इस साजिश में शामिल कुछ डॉक्टरों ने अपने वेतन से भी रकम खर्च की थी.

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