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घने कोहरे की मार से दिल्ली-NCR बेहाल… विजिबिलिटी शून्य के करीब, IMD का ऑरेंज अलर्ट, कई उड़ानें प्रभावित

दिल्ली-NCR और उत्तर भारत में पहाड़ों की बर्फबारी का असर दिख रहा है. राजधानी समेत आसपास के इलाकों में घना कोहरा छाया है और कई जगह विजिबिलिटी शून्य के करीब पहुंच गई है. कम हवा की रफ्तार के कारण प्रदूषण बढ़ गया है.

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दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में सर्दी ने अब कड़ा रुख अपना लिया है. पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बर्फबारी का सीधा असर मैदानी क्षेत्रों में साफ दिखाई दे रहा है. रविवार देर रात से राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में घना कोहरा छाया हुआ है, जिसने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है. हालात ऐसे हैं कि कई इलाकों में विजिबिलिटी शून्य के करीब पहुंच गई है, जिससे सड़क, रेल और हवाई यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है.

दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे एनसीआर के प्रमुख शहरों में सोमवार सुबह कोहरे की मोटी चादर देखने को मिली. सड़कों पर चलते वाहन कुछ ही मीटर आगे दिखाई दे रहे हैं. घने कोहरे के साथ-साथ बढ़ती ठंड ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. ठंडी हवाओं की रफ्तार कम होने के कारण प्रदूषक तत्व हवा में ही फंसे हुए हैं, जिससे वायु गुणवत्ता तेजी से खराब हो रही है.

CPCB ने जारी की किया अलर्ट 

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के मुताबिक दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स एक बार फिर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है. सोमवार को दिल्ली का ओवरऑल AQI 390 रिकॉर्ड किया गया, जबकि देर रात यह 404 तक पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है. विशेषज्ञों का कहना है कि कम हवा की गति और अधिक नमी के कारण प्रदूषण के कण जमीन के पास जमा हो रहे हैं, जिससे सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है.

मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट 

मौसम विभाग ने स्थिति को गंभीर मानते हुए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. विभाग के अनुसार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 31 दिसंबर तक और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 1 जनवरी तक रात और सुबह के समय घना कोहरा बने रहने की संभावना है. ऐसे हालात में लोगों को बेहद सतर्क रहने की सलाह दी गई है. इसके साथ ही घने कोहरे का असर हवाई यातायात पर भी साफ दिखाई दे रहा है. दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने यात्रियों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है. एयरपोर्ट प्रशासन ने बताया कि घने कोहरे के कारण CAT III कंडीशन में फ्लाइट ऑपरेशन किए जा रहे हैं, जिससे उड़ानों में देरी और कैंसिलेशन की संभावना बनी हुई है. एडवाइजरी में कहा गया है कि ग्राउंड स्टाफ यात्रियों की मदद के लिए पूरी तरह सक्रिय है, लेकिन मौसम के कारण असुविधा हो सकती है.

एयरलाइंस कंपनियों की एडवाइजरी

एयरलाइंस कंपनियों ने भी यात्रियों को सतर्क किया है. इंडिगो ने कहा है कि दिल्ली और हिंडन एयरपोर्ट पर घने कोहरे और कम विजिबिलिटी के कारण फ्लाइट शेड्यूल प्रभावित हो सकता है. वहीं स्पाइसजेट ने चेतावनी दी है कि खराब दृश्यता के चलते दिल्ली से आने-जाने वाली सभी उड़ानों पर असर पड़ सकता है. यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे एयरपोर्ट जाने से पहले अपनी फ्लाइट की स्थिति जरूर जांच लें. प्रदूषण को लेकर चिंता और गहरी हो गई है. सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर के आखिरी दिनों में दिल्ली में PM2.5 का स्तर पिछले साल दिसंबर की तुलना में अधिक रहा है. यह स्थिति 2019 के बाद सबसे खराब मानी जा रही है. डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह की हवा बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है.

CM योगी ने स्कूल बंद करने का दिया आदेश 

कोहरे और शीतलहर का सबसे बड़ा असर स्कूली बच्चों पर पड़ा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने एहतियातन बड़ा फैसला लेते हुए 1 जनवरी 2026 तक सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि मौजूदा मौसम में बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना जरूरी है. जिला प्रशासन को भी सतर्क रहने और हालात पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं.

एक्सप्रेस-वे पर विजिबिलिटी जीरो

नोएडा में स्थिति और भी गंभीर नजर आ रही है. रविवार देर शाम से ही शहर घने कोहरे की चपेट में है. नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेस-वे पर विजिबिलिटी लगभग जीरो तक पहुंच गई है. वाहन चालकों को हेडलाइट और पार्किंग लाइट जलाकर भी रास्ता तय करने में मुश्किल हो रही है. ट्रैफिक की रफ्तार कई जगह बेहद धीमी हो गई है और हादसों का खतरा बना हुआ है. हालात को देखते हुए नोएडा प्रशासन ने भी 29 दिसंबर से 1 जनवरी तक सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है.

बताते चलें कि पहाड़ों की बर्फबारी ने मैदानी इलाकों में ठंड, कोहरा और प्रदूषण की त्रिस्तरीय मार पैदा कर दी है. जानकारों की मानें तो अगले कुछ दिन राहत भरे नहीं होंगे. ऐसे में जरूरी है कि लोग सावधानी बरतें, गैर-जरूरी यात्रा से बचें और स्वास्थ्य को लेकर अतिरिक्त सतर्कता अपनाएं.

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