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'सीमा पर कभी भी युद्ध हो सकते हैं...', रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बड़ा बयान, कहा- 'ऑपरेशन सिंदूर' एक केस स्टडी था

राजनाथ सिंह ने कहा कि 'मई में 4 दिन के सैन्य संघर्ष ने इस बात को साबित कर दिया कि सीमा पर किसी भी समय अप्रत्याशित स्थिति उत्पन्न हो सकती है. हमने पाकिस्तान के साथ संघर्ष के दौरान 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया. इस दौरान आकाश मिसाइल सिस्टम, ब्रह्मोस मिसाइल, आकाशतीर एयर डिफेंस सिस्टम और अन्य स्वदेशी प्लेटफॉर्म्स की क्षमता को 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए पूरी दुनिया ने देखा.'

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा पर युद्ध को लेकर बड़ा बयान दिया है. सोमवार को रक्षा मंत्री ने अपने बयान में कहा कि भारत को हमेशा युद्ध जैसी स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए. किसी भी समय सीमा पर हालात बदल सकते हैं. 'ऑपरेशन सिंदूर' भारत के लिए एक केस स्टडी की तरह था, जिससे भारत ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया. ऐसे में अब समय आ गया है कि देश को भविष्य की सुरक्षा रणनीतियों की दिशा तय करनी चाहिए. 

'सीमा पर कभी भी युद्ध जैसी उत्पन्न हो सकती है' 

राजनाथ सिंह ने कहा कि 'मई में 4 दिन के सैन्य संघर्ष ने इस बात को साबित कर दिया कि सीमा पर किसी भी समय अप्रत्याशित स्थिति उत्पन्न हो सकती है. हमने पाकिस्तान के साथ संघर्ष के दौरान 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत कड़ा जवाब दिया. इस दौरान आकाश मिसाइल सिस्टम, ब्रह्मोस मिसाइल, आकाशतीर एयर डिफेंस सिस्टम और अन्य स्वदेशी प्लेटफॉर्म्स की क्षमता को 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए पूरी दुनिया ने देखा.' 

'स्वदेशी उपकरणों की दिखी ताकत'

देश के रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान स्वदेशी सैन्य उपकरणों का प्रभावी इस्तेमाल हुआ, जिसमें भारत की प्रतिष्ठा क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत हुई. दुनिया ने भारत की ताकत को देखा. इस ऑपरेशन ने भारत को विश्व पटल पर खास पहचान दिलाई. भारत ने मजबूती के साथ पाकिस्तान को सटीक जवाब दिया, लेकिन अब हमें आत्मनिरीक्षण जारी रखना होगा. सीमा पर कभी भी कुछ भी हो सकता है. इसलिए युद्ध के लिए हमेशा तैयार रहना होगा.' 

'कई देशों में संघर्ष चल रहा'

राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि 'मौजूदा दौर में आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण ही सुरक्षा की सबसे मजबूत नींव है. इस नींव को मजबूत करना होगा. विश्व व्यवस्था कमजोर हो रही है. कई देशों में संघर्ष चल रहा है. इसलिए भारत को सुरक्षा रणनीति के तहत तैयार रहना होगा.' 

तीनों सेनाओं की ताकत को सराहा

भारत के रक्षा मंत्री ने आगे देश की तीनों सेनाओं की सराहना करते हुए कहा कि 'इस जीत में तीनों सेनाओं के अलावा 'इंडस्ट्री वॉरियर्स' का भी योगदान है. भारत अब रक्षा क्षेत्र में दुनिया का चौथा स्तंभ बन चुका है.'

भारत की तीनों सेनाओं का चल रहा अभ्यास 'त्रिशूल'

बता दें कि भारत की तीनों सेना 28,000 फीट की ऊंचाई तक हाल के सालों में अपने सबसे बड़े और जरूरी अभ्यासों में से एक अभ्यास 'त्रिशूल' कर रही है. रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए बताया है कि 'सेना, नौसेना और वायु सेना को शामिल करने वाले इस अभ्यास का लक्ष्य तीनों सेनाओं की मिलकर काम करने की क्षमता और आत्मनिर्भरता को दिखाना है.'

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