बहराइच कांड: मुस्लिम पत्रकारों पर क्यों भड़क गये Yogi के विधायक ?
उत्तर प्रदेश के जिला बहराइच में मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए विवाद के बीच मारे गये गोपाल मिश्र को लेकर गजब की राजनीति चल रही है, सपा और बीजेपी में जारी वार पलटवार के बीच अब ये मामला मुस्लिम और हिंदू पत्रकारों की तैनाती पर पहुंच गया है
Follow Us:
बहराइच कांड का असली मास्टरमाइंड कौन है और किसने इस वारदात को अंजाम दिया, ये तो फिलहाल वक्त बताएगा। लेकिन समाजवादी पार्टी अभी इस पूरे मामले को लेकर हिंदू समाज को कठघरे में खड़े करने की कोशिश में जुट गई है। फिर वो चाहे खुद सपाई मुखिया अखिलेश यादव हों या फिर सपाई मीडिया सेल। 13 अक्टूबर को बहराइच में हुए बवाल के अगले ही दिन समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल से एक वीडियो पोस्ट की गई, जिसमें गोपाल मिश्र एक घर से हरा झंडा हटा कर भगवा झंडा लहराते हुए नजर आ रहे हैं।
इसी वीडियो को पोस्ट करते हुए सपाई मीडिया सेल की ओर से लिखा गया: "बहराइच में जिस गोपाल को गोली लगी है उसकी मौत से पहले का वीडियो देखिए। गोपाल एक मुस्लिम घर में जबरन घुसा, वहां से हरा झंडा उतार फेंका और जबरन भगवा झंडा लहराया। अब इस मासूम गोपाल के मन में ये करने का जहर किसने भरा? कौन इस साजिश में शामिल है, ये समझना कठिन नहीं है। इस सबमें भाजपा और भाजपा के सत्तालोभी नेता शामिल हैं, जो अगले चुनाव तक यूपी के माहौल को दंगा-फसाद में झोंककर चुनाव जीतना चाहते हैं। अंततः एक मासूम से दंगाई बने गोपाल ने भाजपाई सियासत के चक्कर में अपनी जान गंवा दी।"
समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया सेल से गोपाल मिश्र की झंडा उतारते हुए वीडियो तो पोस्ट कर दी गई, लेकिन झंडा उतारने के बाद उसके साथ क्या हुआ, कैसे उसे मौत के घाट उतारा गया, उसकी वीडियो नहीं पोस्ट की गई। जिस पर देवरिया के बीजेपी विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने करारा जवाब देते हुए कहा: "ये तब हुआ जब विसर्जन के दौरान इसी घर से अकारण मां दुर्गा प्रतिमा पर पथराव किया गया। जब चरमपंथियों ने मां दुर्गा की प्रतिमा को अपवित्र करने का प्रयास किया। जब मां भक्तों पर कातिलाना हमला हुआ, बाद में इसी घर में रखे हथियारों से हुई फायरिंग में राम गोपाल मिश्रा को कई गोलियां मारी गईं। एकतरफा वीडियो बनवाकर हत्यारों को बचा नहीं पाएगा कोई, ऐसी कार्रवाई होगी कि पीढ़ियां याद करेंगी।"
इसके बाद बीजेपी विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने एक और ट्वीट किया और बहराइच में रिपोर्टिंग कर रहे मुस्लिम पत्रकारों की लिस्ट जारी करते हुए लिखा:"गोपाल मिश्रा का हरा झंडा उतारने का वीडियो तो सामने आया, लेकिन उससे ठीक पहले उसी घर से दुर्गा प्रतिमा पर हमले, फायरिंग, पथराव और फिर गोपाल मिश्रा की नृशंस हत्या का वीडियो क्यों गायब कर दिया गया, इसका जवाब बहराइच के पत्रकारों की इस लिस्ट में छुपा है।"
शलभ मणि त्रिपाठी ने पत्रकारों की जो लिस्ट जारी की है, उसमें फराज, तारिक, अरशद कुद्दूस, अब्दुल रहमान, खालिद हुसैन, सलीम सिद्दीकी, रेहान कादरी, मोहम्मद काशिफ, मोनिस अजीज, कादरी मसूद, अजीम मिर्जा, परवेज रिजवी और सैयद कल्वे अब्बास का नाम शामिल है। वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया में एक और लिस्ट सामने आई, जिसमें विवेक राय, रणवीर सिंह, आशीष श्रीवास्तव, संतोष शर्मा, समर्थ श्रीवास्तव, विशाल रघुवंशी, दिवाकर, जय कृष्णा, अनूप कुमार, विपिन चौबे, रिषभ मणि त्रिपाठी, विनोद मिश्रा और विशाल वर्मा के नाम दिए गए।
बहराइच कांड को लेकर एक तरफ जहां पत्रकारों के धर्म को लेकर चर्चा छिड़ गई है, वहीं दूसरी तरफ अखिलेश ने भी ऐसा बयान दे दिया जिससे विवाद खड़ा हो गया। क्योंकि उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि मुस्लिम क्षेत्र से शोभा यात्रा क्यों निकाली गई। वही रूट क्यों तय किया गया? "अब आप ही बताइए, क्या हिंदुस्तान में किसी जगह पर सबसे ज्यादा मुसलमान हैं? तो क्या मुसलमानों के उस क्षेत्र से हिंदुओं को शोभा यात्रा नहीं निकालनी चाहिए? और न ही डीजे बजाना चाहिए? ऐसा लग रहा है जैसे मुस्लिम क्षेत्र ना हुआ, पाकिस्तान हो गया। फिर तो कल को हिंदू समाज भी कहेगा कि ये हिंदू क्षेत्र है, यहां ना तो मुसलमान नमाज पढ़ सकता है और ना ही कोई मुहर्रम की यात्रा निकाली जा सकती है।"
टिप्पणियाँ 0
कृपया Google से लॉग इन करें टिप्पणी पोस्ट करने के लिए
Google से लॉग इन करें