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आर्मर्ड यूनिट्स, आर्टिलरी, स्पेशल फोर्सेस, UAV, MP5 सबमशीन गन…पाकिस्तान के काल 'रूद्र और भैरव' के गठन का ऐलान, भारतीय सेना के नए दिव्यास्त्र क्या हैं?

रूद्र ब्रिगेड और भैरव लाइट कमांडो बटालियन; दो ऐसे नाम, जो सिर्फ सैन्य टुकड़ियां नहीं, बल्कि हिंदुस्तान की बदलती सोच और बुलंद हौसले का प्रतीक हैं. जी हां, आने वाले दिनों में ये दोनों पाकिस्तान के लिए काल बनने जा रहे हैं. आतंकिस्तान की एक हरकत और बिना किसी ऊपरी आदेश के इंतजार के, बिना कोई देरी के दुश्मन के इरादों, सोच, ताकत और हर नापाक मंसूबों को चुटकियों में ध्वस्त कर देगी, पलक झपकते ही उसकी कब्र खोद दी जाएगी.

Created By: केशव झा
27 Jul, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
11:48 PM )
आर्मर्ड यूनिट्स, आर्टिलरी, स्पेशल फोर्सेस, UAV, MP5 सबमशीन गन…पाकिस्तान के काल 'रूद्र और भैरव' के गठन का ऐलान, भारतीय सेना के नए दिव्यास्त्र क्या हैं?
Image: Special Forces / Indian Army/ Representational

भारतीय सीमा पर हमारे जवान हथियार ही नहीं अब तकनीक से भी दुश्मनों के छक्के छुड़ा रहे हैं. करगिल विजय दिवस पर भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ऐसा ऐलान कर दिया है जिससे हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा. सेना प्रमुख के इस फैसले से न सिर्फ जवानों का जोश हाई होगा बल्कि पहले से ही ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना के पराक्रम देख डरा-सहमा पाकिस्तान और सदमे में चला जाएगा. आतंकिस्तान डरेगा क्योंकि सेना को मिल रही हैं दो ऐसी शक्तियां जो ना केवल सेना की ताक़त बढ़ाएंगी बल्कि तेजी और तकनीक का खेल भी दिखाएंगी.

जी हां, रूद्र ब्रिगेड और भैरव लाइट कमांडो बटालियन; दो ऐसे नाम, जो सिर्फ सैन्य टुकड़ियां नहीं, बल्कि हिंदुस्तान की बदलती सोच और बुलंद हौसले का प्रतीक हैं. किसी आदेश का इंतज़ार नहीं, कोई देरी नहीं. दुश्मन अगर आंख उठाएगा तो ये ब्रिगेड पलक झपकते ही उसका जवाब देंगी और उसके हर मंसूबे को सफल होने से पहले ही कुचल देगा.

भारतीय सेना ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और भविष्य के युद्धों के लिए तैयार रहने के लिए एक नई सैन्य रणनीति अपनाई है. सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इस संबंध में कई घोषाणाएं की हैं जिसमें सेना के भविष्य के स्वरूप और तैयारियों की झलक मिलती है. सेना प्रमुख की इस रणनीति में आधुनिक तकनीक और एकीकृत शक्ति का उपयोग करके अगली पीढ़ी की लड़ाइयों की तैयारी शामिल है.

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इन टुकड़ियों का ज़िक्र करते हुए कहा कि, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारी आर्मी एयर डिफेंस एक अजेय दीवार बनकर दुश्मनों के सामने खड़ी रही, जिसे कोई ड्रोन या मिसाइल भेद नहीं सका. पहले दुश्मन ने देखा कि कैसे एयर डिफेंस सिस्टम जिनमें आकाश तीर, चिल्का, हैंड ग्रेनेड, और सबसे उन्नत S-400 सिस्टम शामिल थीं. हालांकि हर युद्ध नई चुनौतियां लेकर आती हैं, नई तैयारियों की डिमांड होती है. इसी को देखते हुए सेना प्रमुख और भारतीय सेना ने रुद्र और भैरव ब्रिगेड का गठन किया गया है, जो सीमाओं पर दुश्मन को चौंकाने के लिए तैयार हैं. इस बदलाव के तहत रूद्र ब्रिगेड और भैरव लाइट कमांडो बटालियन नामक दो नई सैन्य टुकड़ियों का गठन किया गया जा रहा है.

क्या है रूद्र और भैरव ब्रिगेड जो बदल देंगी ट्रेडिशनल युद्ध की परिभाषा?

रूद्र ब्रिगेड को सेना का एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है. ये अलग-अलग हथियारों, टैंकों, तोपों और कमांडो से युक्त एक यूनिट होगा, जिसमें जवानों के साथ-साथ बख्तरबंद इकाइयां, टैंक, इन्फैंट्री, तोपखाने, स्पेशल फोर्सेज, और ड्रोन आधारित यूनिट्स शामिल हैं.

क्या है इन्फैंट्री और मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री?
इन्फैंट्री का मतलब है वह सैनिक, जो जमीन पर मोर्चा संभालते हैं, जबकि मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री जो बख्तरबंद गाड़ियों से लैस सैनिक होते हैं

क्या हैं आर्मर्ड यूनिट्स, आर्टिलरी, UAV और स्पेशल फोर्सेस?

आर्मर्ड यूनिट्स यानी टैंक और भारी हथियार.
आर्टिलरी यानी तोपखाने, जो दूर से हमला करते हैं.
स्पेशल फोर्सेस खास मिशन के लिए ट्रेंड सैनिक.
UAV (ड्रोन) यानी पायलट वाले हवाई हथियार, जो जासूसी और हमले करते हैं.

क्या है रूद्र ब्रिगेड के गठन का मक़सद?
रूद्र ब्रिगेड के गठन का मक़सद युद्ध के मैदान में अलग अलग इकाइयों को एक करना है ताकि इमरजेंसी के हालात में दुश्मन को बिना देरी के जवाब दिया जा सके. हर इन्फैंट्री बटालियन के पास एक ड्रोन प्लाटून भी होगा जो उसी समय दुश्मन की गतिविधियों पर पैनी नज़र रखेगा यानी कई फ़ाइटिंग यूनिट्स एक साथ मिलकर एक यूनिट के रूप में लड़ेंगी.

वहीं, रूद्र ब्रिगेड के तहत आर्टिलरी में दिव्यास्त्र बैटरीज और लॉयटर मुनिशन बैटरीज यानी हवा में मंडराने वाले हथियार भी लगाए जाएंगे. जो मारक क्षमता को कई गुना बढ़ाएंगे. इसके साथ ही सेना की एयर डिफेंस को भी स्वदेशी मिसाइल सिस्टम से लैस किया जा रहा है, जैसे आकाश मिसाइल और क्विक रिएक्शन सर्फेस-टू-एयर मिसाइल. रूद्र ब्रिगेड कैसे काम करेगी और ये कैसे मददगार साबित होगी? इसे एक उदाहरण से समझते हैं 

मान लीजिए भारत-पाक बॉर्डर पर पाकिस्तान के सैनिक बढ़ रहे हैं ऐसे में रुद्र ब्रिगेड के ड्रोन दुश्मन की पोजीशन बताएंगे, तोपें हमला करेंगी और स्पेशल फोर्सेस घात लगाकर दुश्मन को चौंकाएंगी.

भैरव लाइट कमांडो बटालियन-सबसे घातक 
भैरव लाइट कमांडो बटालियन सेना की नई खतरनाक यूनिट है जो बेहद हल्की है लेकिन तेज और घातक है, ये यूनिट स्पेशल फोर्सेज की तरह काम करेंगी, इनका फोकस सीमाओं पर अचानक हमले और दुश्मन को परेशान करना है.  इनका काम पारंपरिक युद्ध नहीं बल्कि सीमाओं पर अचानक हमला करके दुश्मन को भ्रमित या कमजोर करना है…भैरव कमांडो ऐसी जगहों पर काम करेंगे जहां पारंपरिक सेना का पहुँचना मुश्किल हो जाता है जैसे पहाड़, जंगल या दुर्गम सीमाई इलाके.

भैरव यूनिट में क्या खास है?
भैरव यूनिट हल्के हथियार और गियर से लैस होगी. इसे MP5 सबमशीन गन और स्वदेशी ड्रोन बम से लैस किया जाएगा. ये सीक्रेट ऑपरेशन में दुश्मनों का काल साबित होगा. येदुश्मन पर अचानक हमला करने के लिए ट्रेंड होंगे और ये बटालियन दुश्मन की सप्लाई लाइन तोड़ सकती हैं. इसके अलावा दुश्मन के ठिकानों को नष्ट कर सकती है.

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कुल मिलाकर कहें तो भारतीय सेना तकनीक के मामले में लगातार आगे बढ़ रही है जिसकी ज़रूरत भी है. LAC और LOC पर चीन और पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच रूद्र और भैरव ब्रिगेड्स भारत को मजबूत बनाएंगी. सेना अब पुराने तरीकों से हटकर टेक्नोलॉजी और स्पेशल फोर्स पर भरोसा कर रही है. स्वदेशी हथियारों से आत्मनिर्भरता बढ़ रही है, चाहे रूद्र ब्रिगेड की गर्जना हो, भैरव की फुर्ती हो या दिव्यास्त्र का प्रहार. ये सिर्फ ताकत नहीं, तकनीक और आत्मनिर्भरता का संगम है. अब हर सैनिक के पीछे सिर्फ हथियार नहीं, AI, ड्रोन, सैटेलाइट और डेटा की सेना खड़ी है. 

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