भारतीय सेना के शौर्य का एक और सबूत... BSF ने जारी किया ऑपरेशन सिंदूर का नया वीडियो, पलक झपकते ही आतंकी अड्डे हो गए तबाह
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर BSF के आईजी शशांक आनंद ने भारतीय सेना की पराक्रम और शौर्य की तारीफ करते हुए कई बड़े खुलासे किए हैं. इस दौरान बीएसएफ ने ऑपरेशन सिंदूर का नया वीडियो भी रिलीज किया.
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भारतीय सेना के द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' पर हर दिन नए-नए अपडेट जारी किए जा रहे हैं. मंगलवार को बीएसएफ ने ऑपरेशन सिंदूर का नया वीडियो रिलीज किया. जारी किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि भारतीय सेना ने किस तरह से पल भर में आतंकी अड्डों को तबाह कर दिया था. पाकिस्तान का ये लॉन्च पैड PoK में स्थित था.
ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ा वीडियो रिलीज
जम्मू फ्रंटियर के बीएसएफ आईजी शशांक आनंद ने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ा एक वीडियो रिलीज किया, इस दौरान उन्होंने कई बड़ी बातें कही है. उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर पर बीएसएफ ने हमेशा ही अदम्य साहस और बहादुरी का परिचय दिया है. हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर में हमने दुश्मन की चौकियों को तबाह कर दिया. पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद सभी को उम्मीद थी कि हम पाकिस्तान पर हमला करेंगे. हम यह भी जानते थे कि पाकिस्तान हमारी सीमाओं को निशाना बनाएगा. लिहाजा हमने पहले से ही तैयारी कर रखी थी."
बीएसएफ आईजी आगे कहते हैं, "हम पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार थे. हमने सीमा पर अपनी चौकसी बढ़ा दी थी, हमने देखा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी रेंजर्स सीमा के पास नहीं दिखे, वे पीछे हट गए थे लेकिन BSF के जवान सीमा पर ही रहे. हमने अपनी सीमाओं की रक्षा की, हमने सीमा पर अपना दबदबा बनाए रखा."
शहीद जवानों के नाम पर 'सिंदूर चौकी'
आईजी शशांक आनंद ने कहा, "हमने आरएस पुरा सेक्टर के सामने मस्तपुर नामक आतंकी लॉन्च पैड को भी नष्ट कर दिया. हमारी कार्रवाई के दौरान, पाकिस्तानी रेंजर्स भागते और भागते देखे गए। दुश्मन ने इस संघर्ष में ड्रोन का इस्तेमाल किया. 10 मई की सुबह, पाकिस्तान ने कम ऊंचाई वाले ड्रोन भेजे. हमने ड्रोन से मुकाबला किया और उन्हें मार गिराया. दुर्भाग्य से, हमने ड्रोन हमले के दौरान अपने तीन बहादुरों, 2 बीएसएफ और 1 सेना के जवानों को खो दिया, वे वीरघाटी में पहुंच गए लेकिन हमने सीमा पर अपना दबदबा बनाए रखा."
आगे शशांक आनंद कहते हैं, "हमने दुश्मन को बहुत नुकसान पहुंचाया, हम अपनी दो चौकियों का नाम शहीदों के नाम पर रखने जा रहे हैं. हमने अपनी एक चौकी का नाम सिंदूर चौकी रखने का भी फैसला किया है. हम सरकार को प्रस्ताव भेजने जा रहे हैं. हमने सुनिश्चित किया कि दुश्मन हमारे नागरिकों को निशाना न बना सके. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारी महिला कर्मियों ने सक्रिय भूमिका निभाई. उनके पास मुख्यालय जाने का विकल्प था, लेकिन उन्होंने सीमा चौकियों पर ही रहना चुना."
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