55 लाख से अधिक छात्रों ने ली अभाविप की सदस्यता
Akhil Bhartiy Vidhyarthi Parishad: शुक्रवार को विद्यार्थी परिषद की ओर से कहा गया कि उसने सबसे बड़े छात्र संगठन के रूप में अपनी ही सदस्य संख्या का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। विद्यार्थी परिषद के मुताबिक इस वर्ष 55,12,470 छात्रों ने संगठन की सदस्यता ली है।

Akhil Bhartiy Vidhyarthi Parishad: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मुताबिक वह एक बार फिर सबसे बड़े छात्र संगठन के रूप में उभरा है। शुक्रवार को विद्यार्थी परिषद की ओर से कहा गया कि उसने सबसे बड़े छात्र संगठन के रूप में अपनी ही सदस्य संख्या का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। विद्यार्थी परिषद के मुताबिक इस वर्ष 55,12,470 छात्रों ने संगठन की सदस्यता ली है।आइए जानते है इस खबर को विस्तार से ....
इस वर्ष पूरे देश में 55,12,470 नए सदस्य बने
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने शुक्रवार को संगठन के राष्ट्रीय अधिवेशन में परिषद की संगठनात्मक रिपोर्ट को प्रस्तुत किया। इस वर्ष पूरे देश में 55,12,470 नए सदस्य बने। अभाविप के निवर्तमान राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल का कहना है कि विद्यार्थी परिषद की सतत सक्रियता से देश भर के शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के मुद्दों को प्रमुखता से रेखांकित किया है। इसके साथ ही विद्यार्थी परिषद ने छात्रों के भरोसे को अर्जित किया है। विद्यार्थी परिषद ने शैक्षणिक संस्थानों के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है। छात्र संगठन का कहना है कि इससे हमारे शैक्षणिक संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का भविष्य सुरक्षित हो सकेगा। उनका कहना है कि देश के शैक्षणिक संस्थानों में महिलाओं के लिए सुरक्षा तथा समानता के पक्ष में आवाज उठाने तथा महिलाओं को नेतृत्व देने की दिशा में विद्यार्थी परिषद ने प्रयास किया है।
राष्ट्रीय अधिवेशन गोरखपुर में 22 से 24 नवंबर तक आयोजित हो रहा है
फिलहाल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 70वां राष्ट्रीय अधिवेशन चल रहा है। इस अधिवेशन में प्राध्यापक यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा। इस पुरस्कार समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। राष्ट्रीय अधिवेशन गोरखपुर में 22 से 24 नवंबर तक आयोजित हो रहा है। प्राध्यापक यशवंत राव केलकर पुरस्कार इस वर्ष 'ट्रेनिंग एंड एजुकेशनल सेंटर फॉर हियरिंग इंपेयर्ड' के सह-संस्थापक दीपेश नायर को दिया जाना है। यह पुरस्कार वर्ष 1991 से प्राध्यापक यशवंतराव केलकर की स्मृति में दिया जाता है, जिन्हें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद संगठन का शिल्पकार कहा जाता है और अभाविप के विस्तार में उनकी भूमिका को याद किया जाता है।