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पानी के बाद अब दवा के लिए तरसेगा पाकिस्तान, भारत ने पड़ोसी मुल्क भेजी जा रही दवाइयों की मांगी रिपोर्ट, रोक लगाने की तैयारी तेज!

बता दें कि भारत सरकार ने फार्मास्यूटिकल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल से पाकिस्तान को निर्यात की जाने वाली सभी दवाओं और उत्पादों की विस्तृत सूची तैयार करने को कहा है. सरकार के इस आदेश के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते तनावपूर्ण हैं.  इसके बावजूद भारत इस दुश्मन मुल्क को कई जीवन रक्षित दवाईयां और फार्मास्यूटिकल की आपूर्ति करता रहा है. लेकिन पाकिस्तान जिस तरीके से अपनी औकात दिखा रहा है उस पर अब भारत सरकार शिकंजा कसने की हर एक कोशिश में लग गई है. भारत पहले से ही सिंधु जल संधि समझौते को रद्द करते हुए पाकिस्तान को बूंद- बूंद के लिए तरसा रहा है. अब एक और बड़ी खबर आ रही है कि भारत पानी के अलावा दवाइयों की भी सप्लाई रोकने की तैयारी में है. मतलब पानी के लिए मर रहा पाकिस्तान अब दवाइयों के लिए भी मरेगा. 

पानी के बाद अब दवा के लिए भी मरेगा पाकिस्तान 

बता दें कि भारत सरकार ने फार्मास्यूटिकल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल से पाकिस्तान को निर्यात की जाने वाली सभी दवाओं और उत्पादों की विस्तृत सूची तैयार करने को कहा  है. सरकार के इस आदेश के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है. दरअसल, पाकिस्तान के कुल दवाइयों का 40% हिस्सा भारत से पूरा होता है. ऐसे में सरकार ने जो रिपोर्ट मांगी है. उससे यह तय हो गया है कि भारत पाकिस्तान को सप्लाई करने वाली सभी दवाइयों पर भी रोक लगा सकता है. ड्रग रेगुलेटरी प्रॉपर्टीज ऑफ़ पाकिस्तान के मुताबिक, भारत से आने वाली दवाएं पाकिस्तान की 50 से 60% दवा जरूरतों को पूरी करता है.

भारत से पाकिस्तान को सप्लाई होने वाली दवाईयां 

बता दें कि भारत पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को एंटी कैंसर दवाईयों की सप्लाई करता है. इनमें कैंसर के इलाज के लिए सभी तरह की आवश्यक दवाएं होती हैं. वैक्सीन में एंटी- रेबीज-टीके और एंटी-स्नेक-वेनम, बायोलॉजिकल्स में मोनोक्लोनल, एंटीबॉडी और जैविक उत्पाद की दवाइयां शामिल हैं.  इसके अलावा भारत दवाइयों के निर्माण के लिए जरूरी रासायनिक घटक यानी कच्चा माल भी सप्लाई करता है. हालांकि, सरकार की तरफ से पाकिस्तान को निर्यात की जाने वाली दवाओं की कोई सूची जारी नहीं की गई है. लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसमें कई जीवन रक्षक दवाएं शामिल हैं. इन दवाईयों के बिना वहां का स्वास्थ्य ढांचा प्रभावित हो सकता है.

आखिर भारत सरकार ने क्यों उठाया यह कदम ? 

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं. लेकिन युद्ध के मैदान में उतरने से पहले भारत पाकिस्तान को कई ऐसे मामलों में चोट पहुंचा रहा है. जिसका असर उसकी अर्थव्यवस्था के साथ वहां के आम जनजीवन पर भी पड़ रहा है. यही वजह है कि हर एक मामले में भारत अपने मंत्रालयों से उसकी पूरी जानकारी प्राप्त कर रहा है. ताकि इससे यह पता चल सके कि किन-किन चीजों में पाकिस्तान की निर्भरता भारत के ऊपर टिकी हुई है. इसी वजह से भारत ने सभी व्यापारिक गतिविधियों पर समीक्षा शुरू कर दी है. भारत का Pharmaexcil जो वाणिज्य मंत्रालय के अधीन काम करता है. उसे निर्देश दिया गया है कि वह सभी दवाओं और फार्मो की सूची तैयार करें. जो पाकिस्तान को निर्यात किए जा रहे हैं. इससे यह पता चल सकेगा कि पाकिस्तान की भारत की दवाओं पर कितनी निर्भरता है. अगर दवाओं की रोक की जाती है. तो उससे पड़ोसी मुल्क पर कितना असर पड़ेगा.

भारत सरकार के फैसले से पाकिस्तान में मचा हड़कंप

भारत सरकार ने पाकिस्तान को दवा सप्लाई को लेकर जो ठोस कदम उठाए हैं उनकी वजह से पाकिस्तान में खलबली मच गई है. हालांकि, इस फैसले पर ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ पाकिस्तान (DRAP) की तरफ से कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है. लेकिन इससे कैसे निपटना है, उसके लिए आपातकालीन योजनाएं तैयार की जा रही है. भारत सरकार द्वारा कड़े कदम उठाए जाने के बाद यूरोपीय देशों की तरफ रुख अपना रहा है. उसने कई यूरोपीय देशों के साथ रूस और चीन से भी संपर्क साधा है. कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि जितने सस्ते दर में भारत सप्लाई करता है. उतनी दर में यह सभी देश दवाई सप्लाई नहीं करेंगे. इन देशों से दवाइयों की आपूर्ति करना पाकिस्तान के लिए समय और लागत दोनों से नुकसान पहुंचाएगा. DRAP के एक अधिकारी ने भारत के इस फैसले के बाद कहा है कि "हमने साल 2019 के संकट के बाद से इस तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिए काम शुरू कर दिए थे. लेकिन भारत से दवाओं की आपूर्ति अगर बंद होती है. तो हमारे देश के स्वास्थ्य क्षेत्र पर गंभीर असर पड़ेगा." 

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