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अविमुक्तेश्वरानंद के बाद शंकराचार्य निश्चलानंद का मोदी-योगी पर बड़ा बयान, बटेंगे तो कटेंगे बयान का किया विरोध

अविमुक्तेश्वरानंद के बाद शंकराचार्य निश्चलानंद ने सीएम योगी और पीएम मोदी पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि देश में सनातन बोर्ड की क्या जरूरत है। ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद से जुड़े चार शंकराचार्य हैं, जो भाजपा या कांग्रेस से संबंध नहीं रखते हैं। उन्होंने कहा कि हमें सनातन बोर्ड की आवश्यकता नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ पर भी हमला बोला।

Created By: शबनम
16 Feb, 2025
( Updated: 16 Feb, 2025
10:35 AM )
अविमुक्तेश्वरानंद  के बाद शंकराचार्य निश्चलानंद का मोदी-योगी पर बड़ा बयान, बटेंगे तो कटेंगे बयान का किया विरोध
महाकुंभ अपने आख़िरी पड़ाव पर है। लेकिन इस बार कुंभ ने जो ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाए हैं। उसके लिए सीएम योगी आदित्यनाथ का विदेशों तक डंका बज रहा हैं। जो विपक्ष को घायल करने का काम कर रहा है।क्योंकि अखिलेश से लेकर राहुल गांधी, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद तक सवाल उठाकर योगी आदित्यनाथ को फंसाने। साजिश के तहत कुंभ को बदनाम करने की कोशिश करते नज़र आए।लेकिन इसी बीच अब पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती भी कुंभ के आख़िरी पड़ाव पर जाते जाते योगी आदित्यनाथ से लेकर पीएम मोदी तक को आंख दिखा गए। ऐसा बयान दे दिया। जिससे सीएम योगी भी दंग रह गए।शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने तंज कसते हुआ कहा"योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बटोगे तो कटोगे और नरेन्द्र मोदी कहते हैं सबका विकास। हिन्दूओं का वोट नहीं कटे इसलिए एक हिन्दू का पक्षधर हो जाता है। दोनों की मिली भगत है। जैसे मोदी हैं वैसे ही योगी हैं।


शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती भी ठीक वैसी भी भाषा बोल रहे हैं।जैसी अविमुक्तेश्वरानंद बोलकर कुंभ को बदनाम की कोशिश में लगे थे।कुंभ के नाम पर शंकराचार्य भी सियासी दुकान चलाने के काम पर जुटे हुए थे। खैर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के सुर यहीं ख़त्म नहीं हुए।आगे उन्होंने भारत की विदेश नीति तक पर सवाल दाग़ दिए। मोदी योगी को निशाना बनाते हुए कहा कि "राजनेताओं का स्तर इतना गिर गया है कि वह देशी-विदेशी कंपनियों को ठेका देते हैं। देश विदेश की 13 कंपनियां विश्व के देशों का संचालन कर रही हैं। यह राजनेताओं की दुर्बलता है। राजनीति का अर्थ दंड नीति, अर्थ नीति, छात्र धर्म भी है। उन्माद पूर्ण शासन करने का नाम राजनीति नहीं है। कूटनीति के पांच भेद का वर्णन शास्त्रों में किया गया है।

शंकराचार्य को योगी आदित्यनाथ का बटेंगे तो कटेंगे का नारा इतना चुभ रहा है मानों कुछ नहीं मिला तो कुंभ में हिंदुओं को भड़काने के लिए इस नारे को ही ढाल बनाकर बैठ गए।जबकि हक़ीक़त भी शंकराचार्य को जान लेनी चाहिए।इसी नारे की तर्ज़ पर हिंदुओं ने कई राज्यों में बीजेपी को बंपर जीत दिलवाई है.. और तो और मोदी का सबका साथ सबका विश्वास के नारे ने भी देश में एक ख़ास संदेश दिया…जिससे मोदी की लोकप्रिय देश ही नहीं विदेशों तक भी बढ़ी। बस मोदी हो या योगी दोनों कीं बढ़ती लोकप्रियता ही विरोधियों को पसंद नहीं आ रही है। खैर निश्चलानंद से पहले अविमुक्तेश्वरानंद ने भी योगी के खिलाफ कुंभ के काफ़ी मा

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