राम मंदिर आंदोलन में शहीद हुए लोगों का बनेगा स्मारक, सांसद संजय जायसवाल ने किया फैसले का स्वागत
राम मंदिर ट्रस्ट के इस अहम और ऐतिहासिक फैसले का भाजपा सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने स्वागत किया है. उनका कहना है कि यह फैसला न सिर्फ धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि देश के इतिहास और बलिदान की परंपरा को सम्मान देने वाला भी है.
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अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में उस स्थान पर भी एक मंदिर बनाए जाने का निर्णय लिया गया है, जहां प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला विराजमान थे. साथ ही राम मंदिर आंदोलन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों की याद में एक स्मारक भी बनाया जाएगा.
राम मंदिर ट्रस्ट के फैसले पर क्या बोले संजय जायसवाल?
बेतिया से भाजपा सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने राम मंदिर ट्रस्ट के इस अहम और ऐतिहासिक फैसले का स्वागत किया है. उनका कहना है कि यह फैसला न सिर्फ धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि देश के इतिहास और बलिदान की परंपरा को सम्मान देने वाला भी है.
‘ये फैसला करोड़ों रामभक्तों की भावनाओं से जुड़ा हुआ है’
डॉ. जायसवाल ने कहा कि यह फैसला करोड़ों रामभक्तों की भावनाओं से जुड़ा हुआ है. राम मंदिर आंदोलन कोई एक दिन या एक पीढ़ी की लड़ाई नहीं थी. यह संघर्ष करीब साढ़े पांच सौ वर्षों तक चला, जिसमें हजारों-लाखों लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी. उन सभी बलिदानियों का योगदान अमूल्य है और उन्हें भुलाया नहीं जा सकता. राम मंदिर ट्रस्ट का यह निर्णय कि उन बलिदानियों की स्मृति को स्थायी रूप से संजोया जाएगा, अपने आप में ऐतिहासिक है.
‘इन सभी बलिदानियों का इतिहास लिखा जाएगा’
डॉ. जायसवाल ने विशेष रूप से कोठारी बंधुओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी कुर्बानी आज भी हर रामभक्त के दिल में बसी हुई है. ऐसे अनगिनत रामभक्त थे जिन्होंने अपने जीवन का बलिदान देकर राम मंदिर आंदोलन को आगे बढ़ाया. अब राम मंदिर के समीप एक विशेष स्थल पर इन सभी बलिदानियों का इतिहास लिखा जाएगा और उनकी स्मृति में प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी. इससे आने वाली पीढ़ियों को यह पता चलेगा कि राम मंदिर सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि त्याग, संघर्ष और आस्था का प्रतीक है.
‘ये फैसला आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा’
उनका कहना है कि यह फैसला आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा. जब युवा पीढ़ी इन बलिदानियों के बारे में जानेगी, तो उन्हें अपने देश, संस्कृति और परंपराओं पर गर्व होगा. यह कदम धार्मिक आस्था के साथ-साथ राष्ट्रीय इतिहास के प्रति भी सम्मान को दर्शाता है.
‘राम मंदिर ट्रस्ट का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं’
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डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि भारत की जनता की ओर से वे राम मंदिर ट्रस्ट का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं. ट्रस्ट ने यह सुनिश्चित किया है कि पिछले 550 वर्षों में जिन्होंने भी राम मंदिर के लिए कुर्बानी दी है, उन्हें मंदिर के बगल में उचित स्थान मिले. उन्होंने कहा कि यह फैसला बहुत ही सराहनीय है और इसके लिए राम मंदिर ट्रस्ट बधाई का पात्र है.
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