Advertisement

Maha Kumbh में आए 66 करोड़ श्रद्धालुओं की सरकार ने कैसे की गिनती, Yogi ने दिया जवाब !

Prayagraj: Maha Kumbh में आए 66 करोड़ से भी ज्यादा श्रद्धालुओं के आंकड़े पर सपाई अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उठाए सवाल तो सीएम योगी ने दिया मुंहतोड़ जवाब !

01 Mar, 2025
( Updated: 01 Mar, 2025
04:36 PM )
Maha Kumbh में आए 66 करोड़ श्रद्धालुओं की सरकार ने कैसे की गिनती, Yogi ने दिया जवाब !

तीर्थराज प्रयागराज के संगम तट पर 45 दिनों तक महाकुंभ का भव्य आयोजन हुआ। और इन 45 दिनों में ऐसा कोई भी दिन नहीं रहा जब एक करोड़ से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी ना लगाई हो। और ये दावा खुद सीएम योगी ने डंके की चोट पर किया।13 जनवरी को महाकुंभ का आगाज हुआ था। और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के स्नान के साथ समापन हुआ। 45 दिन तक चले महाकुंभ में एक भी दिन ऐसा नहीं गया जब योगी सरकार ने संगम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा ना जारी किया हो। लेकिन इसके बावजूद सपाई अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकारी आंकड़े को ही फर्जी बता दिया। और यहां तक कहने लगे कि महाकुंभ जाने वाली ट्रेन खाली जा रही है।

महाकुंभ में उमड़ते जनसैलाब और खचाखच भरी ट्रेन बताने के लिए काफी है कि संगम में 66 करोड़ से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। लेकिन इसके बावजूद अखिलेश यादव को श्रद्धालुओं का आंकड़ा भी फर्जी लगा। और महाकुंभ जाने वाली ट्रेनें भी खाली नजर आईं। कुछ लोगों ने तो यहां तक सवाल उठाए कि योगी सरकार ने महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की गिनती कैसे कर ली। जिस पर अब सीएम योगी ने जवाब दिया। और विरोधियों को बता दिया कि AI तकनीक से लैस हजारों सीसीटीवी कैमरे से महाकुंभ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की गिनती की गई।

सीएम योगी के इस बयान के बाद विरोधियों को भी समझ में आ गया होगा कि सरकार ने महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की गिनती कैसे की। और अब कम से कम आंकड़ों को लेकर सवाल नहीं करेंगे...

AI कैमरे ने कैसे किया काम?

महाकुंभ में सबसे मुश्किल काम श्रद्धालुओं की गिनती करना था गिनती के लिए सरकार ने AI इनेबल्ड कैमरों का इस्तेमाल किया कैमरे के डाटा को ऑप्टिकल फाइबर से AI सिस्टम में भेजा गया डाटा पर कंट्रोल रूम में मौजूद एक्सपर्ट्स की पैनी निगाह रहती थी AI कैमरे से कहां कितनी भीड़ (क्राउड डेंसिटी) है, गिनने में मदद मिली AI कैमरे ने फेस रिक्गनिशन यानि चेहरे पहचानने का भी काम किया इस तकनीक से महाकुंभ बिछड़ने वालों को मिलाने में भी मदद मिली

महाकुंभ में पहली बार इस तरह के AI इनेबल्ड कैमरे का इस्तेमाल किया गया। जिससे सरकार को श्रद्धालुओं की गिनती करने में भी आसानी हुई। यही वजह है कि 45 दिनों तक चले महाकुंभ में सरकार ने हर दिन ये आंकड़ा जारी किया कि कितने श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई है। इसीलिये योगी सरकार इस महाकुंभ को डिजिटल महाकुंभ बता रही थी। क्योंकि सरकार ने तकनीक का भी बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया।




LIVE
Advertisement
अधिक
Welcome में टूटी टांग से JAAT में पुलिस अफसर तक, कैसा पूरा किया ये सफर | Mushtaq Khan
Advertisement
Advertisement