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कार्लसन ने चेस बोर्ड पर मारा मुक्का तो गिर गए थे सारे मोहरे... बस खड़ा रहा डी गुकेश का 'राजा', VIDEO वायरल

Norway Chess 2025 में गुकेश की जीत से पूरा देश खुश है. इसी बीच एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें हार से हैरान होकर गुकेश के प्रतिद्वंद्वी कार्लसन ने खेल के दौरान टेबल पर हाथ मार दिया, जिससे सारे मोहरे गिर गए.

03 Jun, 2025
( Updated: 10 Jun, 2025
07:34 AM )
कार्लसन ने चेस बोर्ड पर मारा मुक्का तो गिर गए थे सारे मोहरे... बस खड़ा रहा डी गुकेश का 'राजा', VIDEO वायरल

वर्ल्ड चैम्पियन डोम्माराजू गुकेश ने नॉर्वे शतरंज 2025 के छठे राउंड में पूर्व विश्व नंबर-1 मैग्नस कार्लसन को चौंकाते हुए क्लासिकल फॉर्मेट में पहली बार हरा दिया. अपनी इस जीत पर गुकेश और अपनी हार पर कार्लसन को भरोसा नहीं हो पा रहा था. मुकाबले के अधिकतर हिस्से में कार्लसन का दबदबा था, गुकेश एक समय मुकाबले में हार की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन उन्होंने शानदार पलटवार करते हुए मैच अपने नाम कर लिया. इससे पहले सिर्फ आर. प्रज्ञानानंद के नाम पर ये उपलब्धि थी. इस मैच में हार के बाद कार्लसन ने अपना आपा खो दिया.

मैच का वीडियो हो रहा वायरल
मैच के 61 चालों के बाद आखिरी 62वीं चाल के बाद जब कार्लसन के हाथों से बाजी निकल गई, तो उन्होंने अपने हाथ तेजी से मेज पर मार दिया. यह देखकर शांत चित्त गुकेश भी हैरान रह गए. इस प्रतिक्रिया से बोर्ड के सारे मोहरे गिर गए, केवल एक मोहरा, जो खड़ा था, वो था गुकेश का बादशाह. कार्लसन से हार की निराशा बर्दाश्त नहीं हुई और वे तुरंत उठकर पीछे गए और फिर वापस लौटे और तुरंत गुकेश की पीठ थपथपाते हुए वहां से निकल गए.

तीसरे स्थान पर पहुंचे गुकेश
इस जीत के साथ गुकेश नॉर्वे शतरंज 2025 की अंक तालिका में 8.5 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर पहुंच गए हैं. अब वे कार्लसन और अमेरिका के फबियानो करूआना से केवल एक अंक पीछे हैं. 27 मई को इस टूर्नामेंट के पहले राउंड में कार्लसन और गुकेश के बीच भिड़ंत हुई थी, जिसमें कार्लसन ने किंग हंट के जरिए गुकेश को हराया था. गुकेश के वर्ल्ड चैम्पियन बनने के बाद ये मुक़ाबला दोनों के बीच पहला क्लासिकल मैच था और कार्लसन की व्यक्तिगत क्लासिकल शतरंज में लगभग एक साल बाद वापसी भी थी.

‘गुकेश की जिद और उनकी सूझबूझ को सलाम’
गुकेश की इस रोमांचक जीत पर उनके कोच ग्रैंडमास्टर विष्णु प्रसन्ना ने कहा, “हमें गुकेश की जिद और उनकी सूझबूझ को सलाम करना चाहिए. वह जानते थे कि वह एकदम हार की स्थिति में हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी. जैसे-जैसे समय कम होता गया, उनके पास स्थिति को बदलने का मौका आता गया. शायद उनका इरादा मैच जीतने का नहीं था, लेकिन अब वो जरूर खुश होंगे.” इस जीत के बाद टूर्नामेंट का रोमांच और बढ़ गया है और अब खिताबी दौड़ बेहद रोमांचक मोड़ पर पहुंच गई है.

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