Advertisement

क्या 35 साल बाद दुनिया का होगा अंत? आखिर क्यों न्यूटन ने की भयानक भविष्यवाणी ?

विश्व के जाने-माने वैज्ञानिक आइजैक न्यूटन की एक भविष्यवाणी ने दुनिया में डर का माहौल बना दिया है। उनके अनुसार, दुनिया का अंत 2060 तक हो जाएगा, इस भविष्यवाणी की गणना बाइबिल और धार्मिक ग्रंथों के आधार पर की गई है। वहीं कुछ वैज्ञानिकों ने न्यूटन की भविष्यवाणी को गंभीरता से नहीं लिया। आपको बता दें कि वर्तमान में मौजूद वैज्ञानिकों ने दुनिया के खत्म होने के और भी कई कारण बताए हैं।

Created By: NMF News
02 Mar, 2025
( Updated: 02 Mar, 2025
10:25 AM )
क्या 35 साल बाद दुनिया का होगा अंत? आखिर क्यों न्यूटन ने की भयानक भविष्यवाणी ?

जिसने दुनिया को सिखाया गुरुत्वाकर्षण का नियम, जिसने गति के सिद्धांत की खोज की, जिनका नाम इतिहास के पन्नों में आज भी दर्ज है, जी हां हम बात कर रहे हैं वैज्ञानिक न्यूटन की… जिनका निधन तो करीब 300 साल पहले ही हो चुका है लेकिन उनकी एक भविष्यवाणी ने आज दुनिया भर में दहशत फैला रखी है। अब ऐसे में एक सवाल उठता है कि कौन सी है ये भविष्यवाणी जिसने दुनिया भर में डर का माहौल बना रखा है, लोग सोचने पर मजबूर हो चुके हैं कि क्या सच में ये भविष्यवाणी सच होने वाली है, और अगर ये भविष्यवाणी सच हुई तो सच में दुनिया का अंत नजदीक है। 

करीब 300 साल पहले दुनिया को अलविदा कह चुके वैज्ञानिक आइजैक न्यूटन की एक भविष्यवाणी सामने आई है जिसमें उन्होंने बताया है कि 2060 तक दुनिया का अंत हो जाएगा। लेकिन आपको बताते चलें कि न्यूटन ने ये भयानक भविष्यवाणी अपनी गणितीय गणनाओं के आधार पर की थी। ये सब उन्होंने एक पर्ची में लिखा था। ये पर्ची जब खोजकर्ताओं के हाथ लगी तब पता चला कि न्यूटन धरती के अंत का पता लगाने में काफी ज्यादा रुचि रखते थे। और इतना ही नहीं, इसके बाद बाइबिल में लिखी कुछ जानकारी के आधार पर कहा था कि रोमन साम्राज्य के 800 ईस्वी में स्थापना के बाद से ही धरती की उल्टी गिनती शुरू हो गई। बाइबिल और विज्ञान को आपस में मिलाकर देखें तो यह दुनिया साल 2060 में खत्म हो जाएगी। इस खबर को सुनने के बाद आपके मन में कई सवाल भी उठ रहे होंगे जैसे कि क्या सच में ये दुनिया 2060 तक खत्म हो जाएगी और क्या सच में ये भविष्यवाणी सच होने वाली है? 



वर्तमान में मौजूद वैज्ञानिकों की क्या राय है?

आपको जानकारी देते चलें कि न्यूटन की इस भविष्यवाणी को वर्तमान में मौजूद वैज्ञानिक ज्यादा गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इस पर कई वैज्ञानिक अपनी राय देते हुए ये भी कह रहे हैं कि ये न्यूटन का कहना था कि 2060 से पहले दुनिया का विनाश निश्चित नहीं है, मगर 2060 के बाद कभी भी दुनिया का विनाश हो सकता है। इसके बाद कुछ और वैज्ञानिकों का ये भी कहना है कि न्यूटन की ये भयानक भविष्यवाणी अमान्य है क्योंकि इस भविष्यवाणी की गणना बाइबिल और धार्मिक ग्रंथों के आधार पर की गई है। हालांकि हम इस बात का दावा नहीं करते कि दुनिया का विनाश कब होगा। 


लेकिन हम आपको इतना जरूर बता सकते हैं कि दुनिया का विनाश कैसे होगा। अगर हम बात करें वैज्ञानिक दृष्टिकोण की तो पृथ्वी का विनाश हो सकता है जैसे कि सूर्य का हाइड्रोजन लेवल 5-7 अरब सालों में अपने अंतिम चरण में जाकर लाल तारे में बदल जाएगा। और संभावना है कि बुध, शुक्र और पृथ्वी को भी निगल सकता है। इसके साथ ही कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार जब पृथ्वी से सभी जीव-जंतु, मनुष्य, सब खत्म हो जाएंगे, कोई भी धरती पर नहीं रह पाएगा। जीवों के लिए पृथ्वी पर रहना मुश्किल हो जाएगा जब 70 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा धरती का तापमान, तो उस दौरान दुनिया का विनाश निश्चित है। इसके साथ आपको एक बात और बताते चलें कि 66 मिलियन साल पहले डायनासोर का धरती से गायब होने का कारण था कार्बन की मात्रा का बढ़ना और अब यही कारण धरती के विनाश का भी बनेगा। जी हां, इस पर वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर पृथ्वी पर कार्बन की मात्रा ऐसी ही बढ़ती रही तो वो दिन दूर नहीं है जब धरती पर जीवन असंभव हो जाएगा और रही बात न्यूटन की भविष्यवाणी की  तो आपको बताते चलें कि आज के वैज्ञानिक उनकी भविष्यवाणी को सच नहीं मानते हैं। 

Tags

Advertisement
LIVE
Advertisement
जब Modi सत्ता में आए तो अरब देशों से भारत के रिश्ते बिगड़ने का डर था ? Lalit Mishra
Advertisement
Advertisement