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जगन्नाथा मंदिर में प्रेमी जोड़े को क्यों प्रवेश नहीं करने दिया जाता ?

ओडिशा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ का भव्य मंदिर अपने आप में ही कई रहस्यों को समेटे हुए है. आज भी इस मंदिर में कई ऐसी घटनाएं होती हैं जो भक्तों के लिए आश्चर्यजनक स्थिति पैदा करती हैं, जिस वजह से यह मंदिर आज भी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, जिसे देखने आज भी कई लोग यहां आते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस मंदिर में कुछ लोगों का प्रवेश करना वर्जित है?

19 Jun, 2025
( Updated: 07 Dec, 2025
09:37 AM )
जगन्नाथा मंदिर में प्रेमी जोड़े को क्यों प्रवेश नहीं करने दिया जाता ?

जगन्नाथ मंदिर हिन्दुओं के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है और इसी मंदिर में होने वाली रथ यात्रा भारत की सबसे प्रसिद्ध और सबसे पवित्र तीर्थ यात्राओं में से एक है. हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को ओडिशा में बड़े ही धूमधाम से भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और उनकी बहन सुभद्रा विशेष रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण करते हैं. इस दौरान तो इस मंदिर में भीड़ लगी ही रहती है, इसके अलावा आम दिनों में भी श्रद्धालुओं का सैलाब इस मंदिर में उमड़ा रहता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस मंदिर में कुछ भक्तों को प्रवेश नहीं करने दिया जाता, इस प्रवेश का राधा रानी से क्या कनेक्शन है? चलिए हम आपको इस रिपोर्ट में विस्तार से बताते हैं. 

ओडिशा के पुरी नगर में स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर इंडिया के चारों धामों में से एक है, ये मंदिर अपने आप में ही अद्भुत और रहस्यमयी है, यहां कई ऐसी चमत्कारिक घटनाएं होती हैं जो किसी भी मनुष्य को आश्चर्यचकित कर दें. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये मंदिर श्रीकृष्ण के ही रूप भगवान जगन्नाथ को समर्पित है, जिनके साथ उनके भ्राता बलभद्र और उनकी बहन सुभद्रा की भी पूजा की जाती है. इस मंदिर में हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाती है, और इस बार भी 27 जून को बड़े ही धूमधाम से जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाएगी. यह रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ के भक्तों के लिए बेहद ही खास होती है, लाखों की संख्या में भक्त यहां दर्शन करने आते हैं. इस यात्रा में शामिल होने वाले रथों को बिना किसी लोहे के उपयोग के, नीम की लकड़ी से बनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त इस दौरान इस यात्रा में शामिल होता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके अलावा भी यहां आम दिनों में भी भक्तों की भीड़ लगी रहती है, देश-विदेश से भक्त यहां भगवान जगन्नाथ के दर्शन और उनका आशीर्वाद पाने आते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ लोगों का इस मंदिर में प्रवेश करना वर्जित है? लेकिन ऐसा क्यों है, चलिए जानते हैं.

दरअसल,
मंदिर को लगा श्री राधे का श्राप!
एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, एक बार राधा रानी जगन्नाथ मंदिर में दर्शन करने आईं, लेकिन मंदिर के पुजारियों ने उन्हें इस मंदिर में आने के लिए मना कर दिया. पुजारियों के ऐसा करने के पीछे कारण यह था कि वे श्रीकृष्ण की प्रेमिका थीं, और मंदिर की परंपरा के अनुसार अविवाहित प्रेमियों को प्रवेश की अनुमति नहीं थी. लेकिन पुजारियों का ऐसा करना श्रीराधे को बिल्कुल भी पसंद नहीं आया, और उन्होंने गुस्से में इस मंदिर को श्राप दिया कि जो भी प्रेमी जोड़ा इस मंदिर में कभी आएगा, उसका प्रेम कभी पूरा नहीं होगा. भक्तजन भी इस परंपरा का पूरा सम्मान करते हैं और ऐसे जोड़े इस मंदिर में दर्शन के लिए नहीं जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस मंदिर में कई ऐसी रहस्यमयी घटनाएं होती हैं जो यहां आने वाले भक्तों को हैरान कर देती हैं, जिन्हें सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे. 

मंदिर की परछाई का रहस्य!
जगन्नाथ मंदिर के रहस्यों में से एक रहस्य यह भी है कि यहां किसी भी समय में किसी भी दिशा में मंदिर की परछाई नहीं पड़ती है. यह सुनने में कितना असंभव सा लगता है लेकिन ऐसा ही है। इस घटना से वैज्ञानिक भी हैरान हैं. 

जगन्नाथ मंदिर की रसोई को दुनिया की सबसे बड़ी रसोई कहा जाता है. इस रसोई में प्रसाद बनने की प्रक्रिया भी बेहद ही अनोखी है. सात मिट्टी के बर्तनों को एक के ऊपर एक रखकर प्रसाद पकाया जाता है, और सबसे ऊपर वाले बर्तन का प्रसाद सबसे पहले पकता है, और यह क्रम नीचे की तरफ बढ़ता जाता है. इसके अलावा इस मंदिर में प्रतिदिन सैकड़ों भक्तों का आना जाना लगा रहता है लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ कि किसी के लिए प्रसाद कम पड़ा हो. इसी कारण से भक्तों की श्रद्धा भगवान जगन्नाथ के लिए और बढ़ जाती है.

आपने देखा होगा कि किसी भी मंदिर में अधूरी मूर्तियां नहीं रखी जाती हैं, लेकिन प्रभु जगन्नाथ का यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां श्रीकृष्ण, बलराम और सुभद्रा की अधूरी मूर्तियां विराजमान हैं और वह भी लकड़ी की. लेकिन भगवान की रहस्यमयी मूर्ति आज भी लोगों को प्रेम का संदेश देती है. हवा के विपरीत लहराता है मंदिर का ध्वज!
श्री जगन्नाथ मंदिर का ध्वज भी लोगों में आश्चर्यजनक स्थिति पैदा करता है. इस मंदिर के शिखर पर लगा लाल ध्वज हमेशा हवा के विपरीत दिशा की ओर लहराता है। जब यह ध्वज लहराता है तो सभी भक्तों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है. तो इस तरह इस मंदिर में कई ऐसे चमत्कार होते हैं जो भक्तों का ध्यान अपनी ओर केंद्रित करते हैं, और इसीलिए हर दिन यहां सैकड़ों लोग भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने भी आते हैं. 

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