परिक्रमा विरोधी NRI सोसायटी के अध्यक्ष ने मांगी माफी तो क्या बोले Premanand Maharaj ?
Premanand Maharaj छटीकरा स्थित अपने आवास से श्री राधाकेली कुंज वृंदावन तक रात में पदयात्रा निकालते थे, लेकिन एनआरआई ग्रीन सोसाइटी के कुछ लोगों ने उनकी पदयात्रा को लेकर विरोध जताया था जिसकी वजह से पदयात्रा बंद करनी पड़ी थी अब सोसायटी के अध्यक्ष ने खुद मांगी माफी तो क्या बोले प्रेमानंद महाराज ?

भारी विरोध के बाद टूटी NRI सोसायटी वालों की अकड़
दरअसल प्रेमानंद महाराज छटीकरा रोड पर स्थित अपने श्रीकृष्ण शरणम आवास से श्री राधाकेली कुंज वृंदावन तक पदयात्रा किया करते थे, जहां उनके दर्शन के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ा करती थी। लेकिन कुछ ही दिनों पहले NRI ग्रीन सोसायटी के कुछ लोगों ने उनकी पदयात्रा का विरोध करना शुरू कर दिया, और आरोप लगाने लगे कि उनकी पदयात्रा के चलते उनको काफी ज्यादा परेशानी होती है, बुजुर्गों को उनके भक्तों की ओर से किए जाने वाले शोर-शराबे के कारण दिक्कत होती है। ये खबर जैसे ही प्रेमानंद महाराज को मिली उन्होंने अपनी पदयात्रा अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी, क्योंकि वो अपनी पद यात्रा से किसी को कष्ट देना नहीं चाहते थे। लेकिन जैसे ही बृजवासी दुकानदारों को ये बात पता चली उन्होंने NRI सोसायटी वालों का ही बहिष्कार कर दिया, और अपनी दुकानों पर पोस्टर लगा दिया NRI ग्रीन वालों को यहां सामान नहीं मिलता है। तो वहीं प्रेमानंद महाराज ने भी पदयात्रा का समय 2 बजे से 4 बजे तक कर दिया और एनआरआई ग्रीन सोसाइटी से न होकर प्रेम मंदिर के सामने से होकर रमणरेती पुलिस चौकी मोड़ से श्रीराधा केलिकुंज तक जाने लगे। बृजवासियों के भारी विरोध के बाद लगता है सोसायटी वालों की अकड़ टूट गई, और सोसायटी के अध्यक्ष सीधे प्रेमानंद महाराज के शरण में पहुंच गये उनसे माफी मांगने के लिए, और कहने लगे…
NRI सोसायटी के अध्यक्ष कुछ यूट्यूबर के बहकावे में आकर लोगों ने बयान दे दिया था, उन लोगों को भी इसका बहुत पछतावा है, महाराज जी मैं आपको 12-14 साल से जानता हूं, मदनमोहन मंदिर के सामने मेरी कार पार्किंग हैं, 10 साल पहले जब आप हर दिन परिक्रमा देते थे, तो मैं हर दिन आपके दर्शन को आता था, भीड़ को देखते हुए अब मेरा आना तोड़ा कम हो गया है, अध्यक्ष के नाते मैं आपसे माफी मांगने आया हूं।
सोसायटी के अध्यक्ष ने माफी मांगी तो प्रेमानंद महाराज ने कहा…
प्रेमानंद महाराज हमारा किसी से विरोध नहीं है और न ही हम किसी के विरोधी हैं, हमारा काम सबको सुख पहुंचाना है, हमने जब सुना कि किसी को दुख पहुंचा, तो हमने रास्ता बदल लिया, हमारी प्रार्थना उन लोगों से भी कह दीजिए, हम आपका अहित कभी नहीं कर सकते हैं, हम सबको सुख देने आए हैं, हम बैर-विरोध किसी का नहीं कर सकते हैं।
सोसायटी के अध्यक्ष प्रेमानंद महाराज के पास माफी मांगने तो पहुंच गये, लेकिन माफी मांगने से ज्यादा यूट्यूबरों पर ही ठीकरा फोड़ते नजर आए, और बार बार ये बताने की कोशिश करते नजर आए कि यूट्यूबर की वजह से सोसायटी वालों को गलतफहमी हुई, जबकि हकीकत ये है कि किस तरह से प्रेमानंद महाराज की परिक्रमा के विरोध में पोस्टर लहराए गये ये हर कोई जानता है। वो तो भला हो बृजवासी दुकानदारों का जिन्होंने सोसायटी वालों को ही सामान देना बंद कर दिया, जिसके बाद सोसायटी के अध्यक्ष माफी मांगने पहुंच गये, और प्रेमानंद महाराज भी ठहरे साधु संत, उन्होंने बिना कोई सवाल उठाए तुरंत सोसायटी वालों को माफ कर दिया, और सोसायटी के अध्यक्ष की गुहार पर आश्वासन भी दिया कि जल्द ही वो अपनी पदयात्रा भी शुरू करेंगे।