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अयोध्या में फिर मची धूम, राम लला के बाद राजा राम के विराजमान की तैयारी !

रामलला के बाद अब राजा राम की बारी। जी हां, अयोध्या में अब एक और प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी की जा रही है, ऐसे में राम भक्तों में एक बार फिर बड़ा उत्साह देखने को मिलेगा। फिर एक बार अयोध्या में घी के दीये जलाए जाएंगे और फिर एक बार राजा राम के नाम से पूरी अयोध्या नगरी रोशन हो जाएगी।

Created By: NMF News
09 Apr, 2025
( Updated: 09 Apr, 2025
04:00 PM )
अयोध्या में फिर मची धूम, राम लला के बाद राजा राम के विराजमान की तैयारी !

भगवान राम की नगरी अयोध्या में एक बार फिर कुछ नया होने जा रहा है, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब एक बार फिर राम भक्तों में खुशी की लहर दौड़ सकती है, रामलला के विराजमान होने के बाद लगभग साल भर का समय बीत चुका है, पूरे एक साल बाद अगले महीने एक और प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित होने जा रहा है। दरअसल, अयोध्या राम मंदिर में भगवान श्रीराम का भव्य दरबार तैयार किया जा रहा है, ये दरबार मंदिर की पहली मंजिल पर बनकर तैयार हो रहा है, और अगले महीने राजा राम की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह किया जायेगा। 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस समारोह में भगवान राम को राजा के रूप में स्थापित किया जायेगा, इसके बाद इस महीने के अंत में मंदिर की पहली मंजिल पर राम दरबार या शाही दरबार की स्थापना की जायेगी, इस समारोह की तैयारी चल रही है। बताया जा रहा है कि यह पिछले साल 22 जनवरी को आयोजित भव्य कार्यक्रम की तुलना में छोटा होगा, लेकिन इसका स्वरूप काफी बड़ा होगा, राजा का अभिषेक कार्यक्रम मंदिर निर्माण का एक प्रकार का समापन भी होगा, जो 2020 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शुरु हुआ था। मंदिर निर्माण समिति का नेतृत्व वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा कर रहे हैं। इसके अलावा आपको जानकारी देते चलें कि पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने इस बारे में क्या कुछ कहा, सुनिए…
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मंदिर परिसर का निर्माण कार्य इस महीने के अंत तक पूरा हो जायेगा, जबकि परकोटा परिसर की दीवार का बाकी बचा काम इस साल के अंत से पहले पूरा हो जायेगा।


वहीं दूसरी तरफ आपको बता दें कि राजा राम के इस दरबार को जयपुर में सफेद मकराना संगमरमर के मूर्तिकार प्रशांत पांडे के नेतृत्व में 20 कारीगरों के साथ मिलकर तैयार किया जा रहा है, साथ ही इस परिसर में रामायण के सबसे लोकप्रिय संस्करण रामचरितमानस के लोकप्रिय रचनाकार संत तुलसीदास की विशाल प्रतिमा भी स्थापित की जायेगी। इसके अलावा मंदिर के लिए 20 एकड़ भूमि का सौंदर्यीकरण भी किया जा रहा है

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