Advertisement

सूर्य की पहली किरण से चित्तौड़गढ़ में होता है हजारेश्वर महादेव का अभिषेक

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में हर साल सूर्य की पहली किरण के साथ हजारेश्वर महादेव का अभिषेक किया जाता है। यह विशेष धार्मिक अनुष्ठान भक्तों के लिए आस्था और श्रद्धा का प्रतीक बन चुका है। सूर्योदय के समय यह अभिषेक विधिपूर्वक किया जाता है, जो यहां के स्थानीय लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्व है।

Created By: NMF News
22 Mar, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
07:33 AM )
सूर्य की पहली किरण से चित्तौड़गढ़ में होता है हजारेश्वर महादेव का अभिषेक
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित प्राचीन श्री हजारेश्वर महादेव मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला और दिव्य आस्था के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि साल में दो बार सूर्य की पहली किरण भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर गिरती है और सूर्य किरण से उनका अभिषेक होता है। 

सूर्य की किरण से भगवान शिव का अभिषेक

मंदिर के महंत चंद्र भारती महाराज ने बताया कि मंदिर का निर्माण इस प्रकार किया गया है कि उगते हुए सूर्य की पहली किरण वेधशाला मंडप और गर्भगृह के छोटे से द्वार को पार कर सीधे शिवलिंग पर पड़ती है। इसे एक शुभ संयोग माना जाता है। सनातन धर्म में सूर्य को ऊर्जा का स्रोत और ग्रहों का राजा कहा जाता है, और जब सूर्यदेव स्वयं भगवान शिव का अभिषेक करते हैं, तो यह दृश्य भक्तों के लिए दिव्य अनुभूति लेकर आता है।

हजारेश्वर महादेव मंदिर के आचार्य श्रवण सामवेदी के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण एक विशेष पुष्य नक्षत्र में हुआ था। मान्यता है कि इस नक्षत्र में निर्मित होने के कारण मंदिर के गुंबद के पास वास्तुकार की आकृति भी उकेरी गई है। महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं और भोलेनाथ का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करते हैं।

चित्तौड़गढ़ के पावटा चौक के पास स्थित यह मंदिर आस्था का केंद्र है। मंदिर की विशेष वास्तुकला और सूर्य किरणाभिषेक की दुर्लभ घटना इसे अन्य शिवालयों से अलग बनाती है। श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां दर्शन करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

महंत चंद्र भारती जी महाराज कहते हैं, "भगवान शिव भाव के भूखे हैं। उनका अभिषेक कई प्रकार से किया जाता है। जलाभिषेक, रुद्राभिषेक के साथ ही, जब सूर्यदेव स्वयं भगवान शिव का अभिषेक करते हैं, तो यह अत्यंत पवित्र और दुर्लभ क्षण बन जाता है।"

उन्होंने कहा कि ऐसे में हजारेश्वर महादेव मंदिर में होने वाला सूर्य किरणाभिषेक इसे भक्तों के लिए एक दिव्य और आध्यात्मिक स्थल बना देता है, जहां भगवान भोलेनाथ की कृपा सदैव बनी रहती है।

Input : IANS

यह भी पढ़ें

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
‘ना Modi रूकेंगे,ना Yogi झुकेंगे, बंगाल से भागेंगीं ममता, 2026 पर सबसे बड़ी भविष्यवाणी Mayank Sharma
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें