बैक टू बैक धरती का कंपकंपाना, अब आना है कितना बड़ा भूकंप ?
सी महीने रूस ने 4 से 5 दफ़ा भूकंप के झटके महसूस किये, अमेरिका का अलास्का हो या फिर ताजिकिस्तान , यहाँ होने वाली धरती की कंपन ने सुनामी का अलर्ट दे दिया है..
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बैक टू बैक, मौत के झटकों से क्या अमेरिका और क्या रूस, पूरी दुनिया दहशत में है…युद्ध के मुहाने पर खड़ी दुनिया पर भूकंप के बादल मंडरा रहे हैं, बस फटने की देरी और फिर चारों तरफ़ विनाश ही विनाश. आज की इस रिपोर्ट का मक़सद आपको डराना नहीं है, बल्कि भविष्य में आने वाले बड़े ख़तरे से आगाह करना है. इसी महीने रूस ने 4 से 5 दफ़ा भूकंप के झटके महसूस किये, अमेरिका का अलास्का हो या फिर ताजिकिस्तान , यहाँ होने वाली धरती की कंपन ने सुनामी का अलर्ट दे दिया है..हमारे ख़ुद के देश भारत में बैक टू बैक भूकंप आ रहे हैं..फिर चाहे दिल्ली-NCR हो, गुजरात का कच्छ हो या फिर जम्मू-कश्मीर …भारत के कोने-कोने में धरती में पैदा हुई यही कंपन अब भयभीत कर रही है, आलम ये है कि एशिया में सबसे बड़े भूकंप आने की भविष्यवाणी होनी शुरु हो चुकी है और इन भविष्यवाणी-संभावनाओं में कितनी हक़ीक़त है, ये जानने के लिए बने रहिये धर्म ज्ञान के साथ.
कहते हैं..जब ज़िंदगी में भूकंप आता है, दुनिया हिली हुई नज़र आती है…लेकिन इस वक़्त तो भूकंप के तेज झटकों ने पूरी दुनिया को हिला रखा है. भारत के ईर्द-गिर्द जितने भी देश है, चाहे पाकिस्तान हो, भूटान हो, चीन हो या फिर बांग्लादेश कई दफ़ा धरती के कंपन से काँपे हैं…और ना सिर्फ़ एशिया बल्कि अमेरिका और रूस के लिए भूकंप मौत बना हुआ है…इसी महीने की 20 जुलाई में रूस के कामचटका इलाके में भूकंप के ज़ोरदार झटके महसूस हुए हैं. भूकंप की तीव्रता 6.6 मापी गई. इससे पहले 13 जून को रूस के कुरील द्वीप समूह में 6.5 तीव्रता का भूकंप आया था. रूस के कामचटका क्षेत्र के पूर्वी तट के पास 26 जनवरी को भी 5.5 तीव्रता का भूकंप आया था. टेक्टोनिक प्लेट का टकराव रूस को डरा रहा है, क्योंकि भूकंप के इन्हीं झटकों ने सुनामी आने की चेतावनी दे दी है. माना जा रहा है कि 7.4 तीव्रता का भूकंप रूस में सुनामी ला सकता है. ऐसा नहीं हैं कि भूकंप के झटकों से अमेरिका बचा हुआ हैं, बल्कि यहाँ के अलास्का में बीते सोमवार तड़के भूकंप आया, भूकंप की तीव्रता रिएक्टर पैमाने पर 6.2 मापी गई, तो वहीं इसी तारीख़ में ताजिकिस्तान भी भूकंप के झटकों से थर्राया. आज ही दिल्ली-एनसीआर में धरती डोली, सुबह 6 बजे 3.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया जिसका केंद्र फरीदाबाद था. इससे पहले सोमवार तड़के जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में भूकंप के तेज झटके महसूस हुए थे.हालाँकि भूकंप के इन झटकों से अब तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है.लेकिन जिस रफ़्तार से धरती का बार-बार हिलना शुरु हो चुका है, उसे देखते हुए वैज्ञानिकों से लेकर ज्योतिषों ने किसी बड़े भूकंप के आने की भविष्यवाणी करनी शुरु कर दी है.
दरअसल नियाभर में हर साल भूकंप के क़रीब 20 हज़ार झटके दर्ज होते हैं..माना ये जाता है कि हर साल धरती पर लाखों भूकंप के झटके आते हैं, जिसमें से कम तिव्रता वाले भूकंप को रिकॉर्ड कर पाना आसान नहीं होता है…लेकिन जहां-जहां भूकंप की तीव्रता ज़्यादा होती है, वहां की तस्वीर तबाही के रंग से रंगी होती है….. भूकंप का ज्योतिष से क्या कनेक्शन हैं, इसे समझने के लिए आप ये जान लें कि ग्रहण के साथ-साथ ग्रहों के गोचर के चलते समुद्र का जल स्तर बढ़ता है. चंद्रमा और धरती के गुरात्वाकर्षण का टकराव और खिंचाव होता है. इसी खिंचाव से टेक्टोनिक प्लटों में परिवर्तन आता है, जो भूकंप का रूप लेता है. ज्योतिषों की मानें, तो 14 मार्च का साल का पहला चंद्रग्रहण लगा था और इसके बाद 29 मार्च को सूर्य ग्रहण था, इसके बाद से ही छोटे और बड़े भूकंप आने का सिलसिला अब तक जारी है और अब एक बार फिर दुनिया ग्रहण के साये में आने वाली है. इसी 7 सितंबर में फिर से चंद्रग्रहण है और तभी से पितृपक्ष शुरु हो रहा है और इसके बाद 21-22 सितंबर को साल का दूसरा सूर्यग्रहण लगेगा, जिसके चलते एक बार फिर किसी बड़े भूकंप की संभावना जताई जा रही है. भले ही ज्योतिष के इन तथ्यों को विज्ञान ख़ारिज करें, लेकिन वैज्ञानिक के ज़रूर मानेंगे कि पहले की तुलना में भूकंप का आना बढ़ गया है, जो किसी बड़े भूकंप आने का संकेत है.
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