महाकुंभ में भक्तों ने तोड़ा रिकॉर्ड ! आंकड़ा जानकर दंग रह जाएंगे
भारत को हमेशा से ही साधु-संतो की भूमि कहा जाता है कई साधुओं ने भारत को कई दिव्य ज्ञानों से परिचित कराया है ऐसे ही कई साधु-संत महाकुंभ मे भी देखने को मिल रहे है और महाकुंभ में इन संतो के शाही स्नान की भी व्यवस्था की हुई है लेकिन इस बार महाकुंभ मे संतो और श्रद्धालुओं ने प्रयागराज संगंम में स्नान करके रिकॉर्ड बना दिया है…आपकी इस पर क्या राय है हमें कमेंट कर जरुर बताये ।
18 Jan 2025
(
Updated:
10 Dec 2025
10:56 PM
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महाकुंभ एक ऐसा महापर्व है जो करोड़ों लोगों की आस्था के साथ जुड़ा है सिर्फ हिंदू ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए ये महापर्व बहुत महत्व रखता है क्योंकि इस महापर्व का बखान धार्मिक ग्रथों में भी देखने को मिलता है कुछ मान्यताओं के अनुसार महाकुंभ का सीधा कनेक्शन अमृत से है जब समुद्र मंथन के दौरान देवताओं और असुरों के बीच युद्ध चल रहा था तब कुछ अमृत की बूंदे कलश से छलक कर धरती पर भी गिरी। जिन जगहों पर ये अमृत की ये बूदें गिरी उनमें से एक प्रयागराज भी है इसलिए महाकुंभ का ये मेला प्रयागराज की पावन धरा पर भी आयोजित होता है और इस बार ये मेला प्रयागराज में ही 13 जनवरी से शुरु हुआ और 26 फरवरी तक चलेगा। श्रद्धालु बढ़ चढ़कर महाकुंभ में पहुँच रहे हैं। लेकिन इस बार महाकुंभ में 6 दिनों के अंदर शाही स्नान का एक ऐसा रिकॉर्ड बन गया है जिससे जानकर हर कोई हैरान है। तो चलिए विस्तार से धर्मज्ञान पर ये ख़ास रिकॉर्ड आपको भी दिखाते हैं।
महाकुंभ में शाही स्नान का बहुत महत्व है कहते महाकुंभ के दौरान नदियों का पानी अमृत बन जाता है जो भी व्यक्ति ब्रह्मा मुहूर्त के दौरान महाकुंभ में इन नदियों में स्नान करता है उसके इस जन्म के ही नहीं बल्कि पिछले जन्म के भी पाप धुल जाते है। मोक्ष की प्राप्ति जाती है इसके साथ ही पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है और इस बार सैकड़ों सालो के बाद एक ऐसा अवसर आया है जो शायद हम फिर कभी न देख पाये। आपको बता दें कि इस बार महाकुंभ का 144 सालों के बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है क्योंकि हर 12 सालों मे कुंभ का मेला आयोजित होता है लेकिन जब 12-12 के 12 चरण पूर्ण होते है तो महाकुंभ का दुर्लभ संयोग बनता है। जो इस बार ये ख़ास योग बना है। यही वजह है कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु दिव्य और भव्य महाकुंभ में अमृत स्नान के लिए पहुँच रहे हैं। 13 जनवरी से शुरु हुआ महाकुंभ पूरे 26 फरवरी तक चलेगा, इस बार महाकुंभ का पहला शाही स्नान पौष पूर्णिमा यानी 13 जनवरी को था दूसरा शाही स्नान मकर संक्रांति यानी 14 जनवरी और तीसरी शाही स्नान जो अब होने वाला है ये मौनी अमावस्या यानी 29 जनवरी को होगा इसके साथ ही महाकुंभ का चौथा शाही स्नान वसंत पंचमी को यानी 3 फरवरी को होगा। पांचवा शाही स्नान माघी पूर्णिमा यानी 12 फरवरी को होगा और छटा और आखिरी शाही स्नान 26 फरवरी को होने वाला है ।
मेला प्रशासन के मुताबिक 11 जनवरी से 16 जनवरी तक इन 6 दिनों में लगभग 7 करोड़ लोगों ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई है 30 लाख से ज्यादा लोगों ने महाकुंभ में गंगा में स्नान किया। राज्य सरकार को महाकुंभ में 45 करोड़ लोगों से ज्यादा लोगों के आने का अनुमान है. प्रयागराज में कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं और स्नान करने वालों के उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही है. पूरे देश और दुनिया से त्रिवेणी में डुबकी लगाने के लिए प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे है।
महाकुंभ के शुरु के ही दो दिनों में यानि 13 जनवरी पौष पूर्णिमा के दिन करीब 1.70 करोड़ लोगों ने महाकुंभ मे स्नान कर रिकॉर्ड बना दिया और 14 जनवरी मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर करीब 3.50 करोड़ लोगों ने स्नान किया ये रिकॉर्ड सच में चौका देने वाला है अगर दोनो दिनों के स्नान की बात की जाये तो लगभग 5.20 करोड़ संतों और श्रद्धालुओं ने संगम मे डुबकी लगाकर रिकॉर्ड बना दिया है
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