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ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क लगाने का जोरों से चल रहा है काम, टेलीकॉम टावर कंपनियां ने निवेश किए 21,000 करोड़ रूपये

Telecom Company: क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट में बताया गया कि 5जी के रोलआउट के साथ-साथ बेहतर कवरेज और कनेक्टिविटी पर जोर देने से पिछले दो वित्तीय वर्षों में 23,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) हुआ है।

26 Nov, 2024
( Updated: 26 Nov, 2024
08:34 PM )
ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क लगाने का जोरों से चल रहा है काम, टेलीकॉम टावर कंपनियां ने निवेश किए 21,000 करोड़ रूपये
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Telecom Company: भारतीय टेलीकॉम टावर कंपनियां वित्त वर्ष 2025 और 2026 में ग्रामीण नेटवर्क के विस्तार और शहरी क्षेत्रों में सर्विस क्वालिटी सुधारने के लिए करीब 21,000 करोड़ रुपये निवेश करेंगी। यह जानकारी मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई। क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट में बताया गया कि 5जी के रोलआउट के साथ-साथ बेहतर कवरेज और कनेक्टिविटी पर जोर देने से पिछले दो वित्तीय वर्षों में 23,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) हुआ है।आइए जानते है इस खबर को विस्तार से ...

4जी और 5जी सेवाओं को सपोर्ट करने के लिए टावरों की संख्या जोरदार वृद्धि देखी है

क्रिसिल रेटिंग्स के डायरेक्टर, आनंद कुलकर्णी ने कहा कि इंडस्ट्री ने पिछले दो वित्त वर्षों में 4जी और 5जी सेवाओं को सपोर्ट करने के लिए टावरों की संख्या जोरदार वृद्धि देखी है। अब जब 5जी सेवाओं का रोलआउट हो गया है, तो टेलीकॉम कंपनियों के नेटवर्क कैपेक्स में धीरे-धीरे कमी आने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया कि आने वाले समय में भी हम टावरों की संख्या में बढ़ोतरी देखेंगे, क्योंकि कवरेज में बढ़त पाने के लिए कंपनी टावर पोर्टफोलियो का विस्तार करेंगी। कुलकर्णी ने आगे कहा, "टेलीकॉम कंपनियों का ध्यान कम पहुंच वाले ग्रामीण क्षेत्रों में टावर घनत्व पर रहेगा, जहां वित्तीय वर्ष 2024 के अंत में टेली घनत्व केवल 59 प्रतिशत था, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 134 प्रतिशत था।

कवरेज का विस्तार करने की योजना भी टावर कैपेक्स को बढ़ा सकती है

कुछ टेलीकॉम कंपनियों द्वारा अपने 4जी और 5जी कवरेज का विस्तार करने की योजना भी टावर कैपेक्स को बढ़ा सकती है।" रिपोर्ट के मुताबिक, हाल के वर्षों में, टेलीकॉम इंडस्ट्री में कंसोलिडेशन के कारण टावर कंपनियों के किरायेदारी अनुपात में गिरावट देखने को मिली है। टेलीकॉम इंडस्ट्री में कंसोलिडेशन से मूल्य निर्धारण की क्षमता टेलीकॉम कंपनियों के पास चली गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि टेलीकॉम कंपनियों के साथ लॉन्ग टर्म प्राइस कॉन्ट्रैक्ट, कॉस्ट पासथ्रू क्लॉज, अंतर्निहित वार्षिक मूल्य वृद्धि और नकदी प्रवाह को देखते हुए, टावर कंपनियों की कमाई को लेकर आउटलुक स्थिर बना हुआ है।

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