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ट्रंप के टैरिफ और ट्रेड वॉर का नहीं पड़ा फर्क, जापान को रिप्लेस कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी बना भारत

2026 से ठीक एक दिन पहले भारत के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है. दरअसल, भारत 4.18 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के आकार के साथ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और अगले 2-3 वर्षों में जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है.

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31 Dec 2025
( Updated: 31 Dec 2025
09:30 AM )
ट्रंप के टैरिफ और ट्रेड वॉर का नहीं पड़ा फर्क, जापान को रिप्लेस कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी बना भारत
India Becomes Fourth Biggest Economy of the World

नए साल के आगमन से पहले भारतवासियों को बड़ी खुशी मिली है. एक समय अपनी सुस्त आर्थिक विकास दर और तरक्की के लिए “हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ” के ताने सुनने वाला भारत अब दुनिया में अपनी ताकत और आर्थिक वृद्धि का लोहा मनवा रहा है. जल्द ही 1.5 बिलियन आबादी वाला देश यानी हिंदुस्तान सुपर पावर्स की सूची में सिरमौर होगा. इस दिशा में देश ने एक और ऊंचाई छू ली है. दरअसल, भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल कर लिया है.

दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना भारत

आपको बता दें कि भारत न सिर्फ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति-अर्थव्यवस्था है, बल्कि 4.18 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के आकार के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था भी है. यह जानकारी सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के बाद सामने आई है.

इतना ही नहीं, भारत 2028 तक जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर भी तेजी से बढ़ रहा है. सरकार के आंकड़ों की मानें तो यह उपलब्धि आने वाले दो से तीन वर्षों के भीतर हासिल की जा सकती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फिलहाल अमेरिका विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जबकि चीन दूसरे स्थान पर बना हुआ है.

भारत 4.18 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के आकार के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और 2028 तक जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है. अमेरिका विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसके बाद चीन दूसरे स्थान पर है.

भारत की फिलहाल 4.18 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की GDP

प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, “4.18 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की जीडीपी के साथ भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है और अगले ढाई से तीन वर्षों में जर्मनी को तीसरे स्थान से विस्थापित करने की राह पर है, जिसका अनुमानित जीडीपी 2030 तक 7.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर होगा.”

2025-26 की दूसरी तिमाही में 8.2% की वृद्धि

सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में देश के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि से अधिक है. यह इसलिए भी अहम है क्योंकि वैश्विक व्यापार और नीतिगत अनिश्चितताओं—जैसे ट्रेड वॉर, टैरिफ और रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद यह वृद्धि देखने को मिली है.

घरेलू मांग की वजह से कमाल कर गई भारत की इकोनॉमी

यह उपलब्धि इसलिए भी संभव हो सकी है क्योंकि देश में मजबूत घरेलू मांग बनी रही. इसके अलावा, 2025-26 की दूसरी तिमाही में जीडीपी छह तिमाहियों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. सरकार ने कहा, “मजबूत निजी उपभोग के नेतृत्व में घरेलू कारकों ने इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.”

वहीं भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपने जीडीपी वृद्धि अनुमान को 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया है. PIB द्वारा जारी विज्ञप्ति में अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा किए गए ग्रोथ प्रोजेक्शन पर भी प्रकाश डाला गया है.

ग्लोबल एजेंसियों के भारत की विकास दर को लेकर अनुमान

आपको बता दें कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भी भारत के विकास को लेकर सकारात्मक अनुमान व्यक्त किए हैं. जहां विश्व बैंक ने 2026 में 6.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है, वहीं मूडीज का कहना है कि भारत 2026 में 6.4 प्रतिशत और 2027 में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ जी-20 अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा.

मजबूत घरेलू मांग के कारण लगातार तरक्की कर रहा भारत

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इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 2025 के लिए अपने अनुमान को बढ़ाकर 6.6 प्रतिशत और 2026 के लिए 6.2 प्रतिशत कर दिया है. OECD ने 2025 में 6.7 प्रतिशत और 2026 में 6.2 प्रतिशत वृद्धि का पूर्वानुमान लगाया है. एसएंडपी ने चालू वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में 6.7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया है. एशियाई विकास बैंक ने 2025 के अपने पूर्वानुमान को बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है, जबकि फिच ने मजबूत उपभोक्ता मांग के कारण वित्त वर्ष 2026 के अपने अनुमान को बढ़ाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया है.

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