Advertisement

इन लोगों के बंद हो रहे हैं आधार कार्ड? UIDAI ने अब तक 1.17 करोड़ नंबर किए निष्क्रिय

UIDAI द्वारा शुरू की गई यह पहल न सिर्फ आधार डेटाबेस को अद्यतन और सुरक्षित बनाने में सहायक है, बल्कि इससे यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सरकारी योजनाओं और संसाधनों का लाभ केवल पात्र और जीवित नागरिकों को ही मिले. आने वाले समय में इस सेवा का विस्तार अन्य राज्यों में भी किए जाने की संभावना है.

17 Jul, 2025
( Updated: 17 Jul, 2025
03:46 PM )
इन लोगों के बंद हो रहे हैं आधार कार्ड? UIDAI ने अब तक 1.17 करोड़ नंबर किए निष्क्रिय
Image Credit: UIDAI

UIDAI: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने देशभर में आधार डेटा को अधिक सटीक और सुरक्षित बनाए रखने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. अब तक 1.17 करोड़ से अधिक 12 अंकों वाले आधार नंबर को डीएक्टिवेट किया जा चुका है. यह कार्य उन नागरिकों की पहचान को निष्क्रिय करने के लिए किया गया है जिनकी मृत्यु हो चुकी है, ताकि उनके आधार नंबर का किसी भी प्रकार से गलत उपयोग न हो सके.

‘Reporting of Death of a Family Member’: परिवार को अब खुद करनी होगी सूचना

UIDAI ने इस अभियान को और अधिक प्रभावशाली और सहभागितापूर्ण बनाने के लिए myAadhaar पोर्टल पर एक नई सर्विस शुरू की है  ‘Reporting of Death of a Family Member’. इस सुविधा के तहत अब यदि परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है, तो उनके रिश्तेदार पोर्टल पर जाकर इस बारे में UIDAI को सूचित कर सकते हैं.

इस प्रक्रिया में परिवार के सदस्य को मृतक के साथ रिश्ते का प्रमाण, मृतक का आधार नंबर, डेथ रजिस्ट्रेशन नंबर, और अन्य संबंधित विवरण दर्ज करने होंगे. जानकारी को UIDAI द्वारा पहले वेरिफाई किया जाएगा, और फिर आवश्यक होने पर उस आधार नंबर को डीएक्टिवेट कर दिया जाएगा.

24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हुआ शुभारंभ

यह पहल फिलहाल 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू की गई है. UIDAI की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि यह एक सक्रिय प्रयास है जिससे आधार डेटाबेस की सटीकता और प्रामाणिकता को बनाए रखा जा सके.

1.55 करोड़ डेथ रिकॉर्ड्स से 1.17 करोड़ आधार हुए निष्क्रिय

UIDAI ने यह काम अकेले नहीं किया है। इसके लिए उसने रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) से संपर्क किया और सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) का इस्तेमाल करते हुए डेथ रिकॉर्ड्स प्राप्त किए. इन प्रयासों के अंतर्गत 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से लगभग 1.55 करोड़ मृत्यु रिकॉर्ड्स हासिल किए गए, जिनमें से 1.17 करोड़ आधार नंबर वेरिफिकेशन के बाद डीएक्टिवेट कर दिए गए हैं. फिलहाल लगभग 6.7 लाख रिकॉर्ड्स की जांच और वेरिफिकेशन का कार्य जारी है.

100 वर्ष से अधिक उम्र वालों पर विशेष फोकस

UIDAI द्वारा एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत 100 वर्ष से अधिक आयु वाले आधार कार्डधारकों की जानकारी भी राज्य सरकारों के साथ साझा की जा रही है. इसका उद्देश्य यह है कि यह पता लगाया जा सके कि क्या ये लोग अब भी जीवित हैं या नहीं. इस पर वेरिफिकेशन रिपोर्ट आने के बाद ही उन आधार नंबरों पर कोई कार्रवाई की जाएगी.

क्यों जरूरी है यह कदम?

भारत में आधार नंबर एक बहुप्रयोजनीय पहचान दस्तावेज बन चुका है. यह केवल पहचान तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे बैंकिंग, पेंशन, राशन, सब्सिडी, टैक्स फाइलिंग जैसी अनेक सरकारी योजनाओं में जुड़ाव होता है. ऐसे में मृत लोगों के आधार नंबर का गलत इस्तेमाल धोखाधड़ी, फर्जी लाभ उठाने और वित्तीय अपराधों का कारण बन सकता है. UIDAI का यह कदम इन सभी जोखिमों को कम करने और पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में बेहद अहम है.

UIDAI और राज्य सरकारें मिलकर चलाएंगी अभियान

UIDAI ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस पहल की सफलता के लिए वह विभिन्न राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों की मदद ले रहा है। साथ ही नागरिकों से भी आग्रह किया गया है कि वे अपने परिवार में यदि किसी सदस्य की मृत्यु हो चुकी है तो इसकी सूचना अवश्य दें.

डिजिटल पहचान की सुरक्षा की दिशा में अहम कदम

UIDAI द्वारा शुरू की गई यह पहल न सिर्फ आधार डेटाबेस को अद्यतन और सुरक्षित बनाने में सहायक है, बल्कि इससे यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सरकारी योजनाओं और संसाधनों का लाभ केवल पात्र और जीवित नागरिकों को ही मिले. आने वाले समय में इस सेवा का विस्तार अन्य राज्यों में भी किए जाने की संभावना है.

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
इस्कॉन के ही संत ने जो बड़े-बड़े राज खोले, वो चौंका देंगे | Madan Sundar Das
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें