SBI: निवेशकों को दोहरा झटका, एक महीने में दूसरी बार घटी एफडी की कमाई
नई दरें 16 मई, 2025 से प्रभावी हो चुकी हैं. गौरतलब है कि यह ब्याज दरों में एक महीने के भीतर दूसरी बार कटौती की गई है, पिछली बार 15 अप्रैल, 2025 को दरों में कमी की गई थी.

SBI Fixed Deposit Interest Rate: अगर आप भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) करने की योजना बना रहे हैं या पहले से एफडी में निवेश कर चुके हैं, तो यह खबर आपके लिए मायूस कर सकती है. देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एसबीआई ने अपनी सावधि जमा यानी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरों में कटौती कर दी है. नई दरें 16 मई, 2025 से प्रभावी हो चुकी हैं. गौरतलब है कि यह ब्याज दरों में एक महीने के भीतर दूसरी बार कटौती की गई है, पिछली बार 15 अप्रैल, 2025 को दरों में कमी की गई थी.
सभी अवधियों के एफडी पर 20 बीपीएस की कटौती
एसबीआई ने सभी अवधियों की एफडी पर ब्याज दर में 20 बेसिस प्वाइंट (BPS) यानी 0.20% की कटौती की है. इस कटौती के बाद अब सामान्य नागरिकों को 7 दिन से लेकर 10 साल तक की अवधि के एफडी पर 3.30% से लेकर 6.70% प्रति वर्ष तक का ब्याज मिलेगा. जबकि इससे पहले यही दर 3.50% से लेकर 6.90% के बीच थी. इसका सीधा मतलब है कि अब ग्राहकों को अपने जमा धन पर पहले के मुकाबले कम ब्याज मिलेगा, जिससे उनकी आय पर असर पड़ सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्होंने रिटायरमेंट या बचत के उद्देश्य से एफडी करवाई थी.
अमृत वृष्टि योजना पर भी असर
एसबीआई की विशेष एफडी योजना अमृत वृष्टि, जो कि एक सीमित अवधि की विशेष स्कीम है, उस पर भी ब्याज दर घटा दी गई है. इस योजना की अवधि 444 दिन है और पहले इस पर आम जनता को 7.05% की दर से ब्याज मिलता था. अब इसे 20 बीपीएस घटाकर 6.85% कर दिया गया है। यह योजना उन निवेशकों के बीच लोकप्रिय थी जो सीमित समय के लिए बेहतर रिटर्न की तलाश में रहते हैं. ब्याज दर में इस कटौती से निश्चित रूप से उन ग्राहकों को झटका लग सकता है जो इस स्कीम में निवेश करने की सोच रहे थे.
वरिष्ठ नागरिकों के लिए संशोधित ब्याज दरें
बैंक ने वरिष्ठ नागरिकों और सुपर सीनियर सिटीजन (80 वर्ष या उससे अधिक उम्र वाले) को दी जाने वाली ब्याज दरों में भी बदलाव किया है. अब वरिष्ठ नागरिकों को एफडी पर 7.35% प्रति वर्ष की दर से ब्याज मिलेगा, जो पहले अधिक था. इसी तरह, सुपर सीनियर सिटीजन के लिए ब्याज दर अब 7.45% प्रति वर्ष तय की गई है.इसके अलावा, बैंक की एक और विशेष योजना वी-केयर डिपॉजिट स्कीम पर भी ब्याज दर में कटौती की गई है, जिससे उन वरिष्ठ नागरिकों की आमदनी प्रभावित हो सकती है जो इस स्कीम पर निर्भर रहते हैं.
एसबीआई द्वारा एफडी की ब्याज दरों में की गई यह कटौती मौद्रिक नीति और बाजार की मौजूदा परिस्थितियों के अनुरूप हो सकती है, लेकिन इससे आम लोगों, खासकर वरिष्ठ नागरिकों और सेवानिवृत्त व्यक्तियों पर सीधा असर पड़ेगा. जहां एक ओर म्यूचुअल फंड्स और शेयर बाजार जैसे विकल्प जोखिम भरे हो सकते हैं, वहीं एफडी जैसी योजनाएं अब अपेक्षित रिटर्न नहीं दे रही हैं. ऐसे में निवेशकों को चाहिए कि वे अपनी निवेश रणनीति की समीक्षा करें और ज़रूरत के अनुसार विविध विकल्पों पर विचार करें.