आम आदमी को बड़ा तोहफा... GST के 12% और 28% वाले स्लैब को खत्म करने के लिए GoM की मंजूरी; कपड़े, जूते, होम अप्लायंसेज होंगे सस्ते
सरकार का यह कदम साधारण जनता को राहत देने और टैक्स सिस्टम को सुधारने की दिशा में बड़ा फैसला माना जा रहा है. अगर GST काउंसिल इसे मंजूरी देती है, तो आने वाले समय में आपको कई चीजें सस्ती दिख सकती हैं. हालांकि इस बदलाव को पूरी तरह लागू करने में थोड़ा समय लग सकता है, क्योंकि इसमें कानूनी और तकनीकी तैयारियाँ भी शामिल हैं.
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GST Slab: अब आम लोगों को महंगाई से राहत देने के लिए GST टैक्स सिस्टम को आसान और सस्ता बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रही है. अभी देश में चार तरह के टैक्स स्लैब हैं, 5%, 12%, 18% और 28%. लेकिन अब केंद्र सरकार चाहती है कि सिर्फ दो ही स्लैब रहें, 5% और 18%, और बाकी दोनों (12% और 28%) को हटा दिया जाए. 21 अगस्त 2025 को हुई मंत्रियों की बैठक (GoM) में इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया है. इसका मतलब है कि अब सरकार इस दिशा में आगे बढ़ेगी और आम जनता को महंगाई से कुछ राहत मिल सकती है.
क्या है सरकार की योजना?
सरकार का प्लान ये है कि जो चीजें अभी 12% टैक्स में आती हैं, उन्हें 5% टैक्स स्लैब में लाया जाए. और जो चीजें अभी 28% टैक्स में हैं, उन्हें 18% में लाया जाए. इससे साफ है कि इन चीजों पर टैक्स कम हो जाएगा, और जब टैक्स कम होगा, तो इनकी कीमतें भी घटेंगी. हालांकि, कुछ चीजें जैसे तंबाकू, पान मसाला और शराब जैसी सिन गुड्स (हानिकारक या लग्जरी वस्तुएं) पर अब भी उच्च टैक्स (28% या उससे ज्यादा) लगता रहेगा. इन पर कोई राहत नहीं दी जाएगी.
बैठक में क्या कहा गया?
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि मंत्रियों के समूह ने इस बदलाव का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि सभी राज्यों ने अपने-अपने सुझाव दिए हैं और अब यह प्रस्ताव GST काउंसिल को भेजा गया है, जो इस पर आखिरी फैसला लेगी. काउंसिल की बैठक सितंबर 2025 में होने की संभावना है. अगर वहां सहमति बनती है, तो ये नया सिस्टम जल्दी ही लागू हो सकता है.
क्या-क्या चीजें होंगी सस्ती?
1. 12% से 5% में आने वाले सामान – टैक्स में 7% की कटौती
अब बात करते हैं उन चीजों की जो अभी 12% स्लैब में आती हैं और जिन्हें 5% में लाने की बात हो रही है. इससे इन चीजों की कीमतों में सीधा 7% की कमी आ सकती है.
कपड़े और रेडीमेड गारमेंट्स – अब ₹1,000 से ऊपर के कपड़े भी सस्ते हो सकते हैं.
जूते-चप्पल – सभी प्रकार के फुटवियर अब कम टैक्स में मिल सकते हैं.
स्टेशनरी और प्रिंटिंग मटेरियल – बच्चों की कॉपी, किताबें, प्रिंटर आदि भी सस्ते होंगे.
प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स – जैसे पैकेट वाले खाने-पीने की चीजें.
कुछ घरेलू उपकरण – जैसे पंखे, मिक्सर, टॉस्टर वगैरह जिन पर पहले 12% टैक्स लगता था.
इसका सीधा फायदा मध्यम वर्ग और आम परिवारों को मिलेगा, क्योंकि ये सभी चीजें रोजमर्रा की जरूरतों में आती हैं.
2. 28% से 18% में आने वाले सामान ,टैक्स में 10% की कटौती
अब बात करते हैं उन चीजों की जो अभी 28% टैक्स में आती हैं, लेकिन अब उन्हें 18% में लाया जाएगा. यानी इन पर 10% कम टैक्स देना होगा.
टू-व्हीलर और छोटी कारें – जैसे स्कूटर, बाइक और एंट्री लेवल की गाड़ियाँ.
सीमेंट और बिल्डिंग मटेरियल – इससे मकान बनाना सस्ता हो सकता है.
फ्रिज, वॉशिंग मशीन, टीवी, एसी वगैरह – यानी सभी कंज़्यूमर ड्यूरेबल्स पर राहत.
पैक्ड फूड और ड्रिंक्स – जैसे जूस, बिस्किट आदि.
पेंट्स और वार्निश – मकान पेंट करवाना भी सस्ता हो सकता है.
इसका फायदा आम लोगों के साथ-साथ रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को भी मिलेगा. इन सेक्टरों की बिक्री बढ़ सकती है और नए रोजगार के मौके भी बन सकते हैं.
GST सिस्टम को क्यों बदला जा रहा है?
GST को सालों पहले लागू किया गया था ताकि पूरे देश में एक जैसा टैक्स सिस्टम हो. लेकिन धीरे-धीरे लोगों को ये सिस्टम थोड़ा जटिल और उलझा हुआ लगने लगा. चार अलग-अलग स्लैब होने से लोग कन्फ्यूज होते हैं, कंपनियों को सॉफ्टवेयर अपडेट करना पड़ता है, और टैक्स चोरी भी बढ़ जाती है. अब सिर्फ दो स्लैब (5% और 18%) रखने से टैक्स सिस्टम आसान, पारदर्शी और लोगों के लिए समझने लायक हो जाएगा. और इससे टैक्स वसूली भी बेहतर होगी.
एक बड़ा और सही कदम
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सरकार का यह कदम साधारण जनता को राहत देने और टैक्स सिस्टम को सुधारने की दिशा में बड़ा फैसला माना जा रहा है. अगर GST काउंसिल इसे मंजूरी देती है, तो आने वाले समय में आपको कई चीजें सस्ती दिख सकती हैं. हालांकि इस बदलाव को पूरी तरह लागू करने में थोड़ा समय लग सकता है, क्योंकि इसमें कानूनी और तकनीकी तैयारियाँ भी शामिल हैं.
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