मसूरी को क्यों मिला 'Queen Of Hills' का ताज? जानिए इसके पीछे की बेमिसाल कहानी
मसूरी, उत्तराखंड की गोद में बसा एक ऐसा हिल स्टेशन है, जिसे सिर्फ एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन नहीं, बल्कि "Queen of Hills" कहा जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस शहर को यह रॉयल टाइटल कैसे मिला? क्या सिर्फ इसकी खूबसूरती इसकी पहचान है या फिर इसके पीछे एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दास्तान भी छिपी है?

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मसूरी, उत्तराखंड की गोद में बसा एक ऐसा हिल स्टेशन है, जिसे सिर्फ एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन नहीं, बल्कि "Queen of Hills" कहा जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस शहर को यह रॉयल टाइटल कैसे मिला? क्या सिर्फ इसकी खूबसूरती इसकी पहचान है या फिर इसके पीछे एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दास्तान भी छिपी है?
शुरुआत एक ब्रिटिश खोज से
मसूरी की खोज वर्ष 1827 में एक ब्रिटिश सैन्य अधिकारी कैप्टन यंग और सर्वेक्षक एफ.जे. शोर ने की थी. उन्होंने जब पहली बार इस क्षेत्र की हरियाली, मौसम और लोकेशन देखी, तो इसे एक उपयुक्त हिल स्टेशन के रूप में विकसित करने की योजना बनाई. यहां की शांति और प्राकृतिक सौंदर्य ने ब्रिटिशों को इतना मोहित किया कि यह जल्दी ही ब्रिटिश अफसरों की गर्मियों की रिहायश बन गया.
रॉयल पहचान की ओर पहला कदम
ब्रिटिश शासनकाल में मसूरी को एक ऐसी जगह के रूप में देखा जाने लगा जहां अमीर अधिकारी और उनकी फैमिली गर्मी की छुट्टियां बिताने आते थे. यही वो समय था जब मसूरी की पहचान “एलीट” और “रॉयल” बनने लगी. धीरे-धीरे यहां राजसी कोठियां, चर्च, अंग्रेजी स्कूल और क्लब बनने लगे. यह हिल स्टेशन अन्य स्थानों से अधिक व्यवस्थित, शांत और सांस्कृतिक रूप से रिच नजर आने लगा.
मौसम ऐसा कि दिल खुद कहे-यही है रानी
मसूरी का मौसम ही इसे एक स्वर्गिक अनुभव बनाता है. यहां की ठंडी हवा, कोहरे से ढके रास्ते और दूर-दूर तक फैले देवदार के जंगल पर्यटकों को किसी परी-कथा में ले जाते हैं. गर्मियों में सुकून, सर्दियों में बर्फबारी, और मॉनसून में हरियाली – हर मौसम में मसूरी की अलग ही झलक मिलती है. शायद यही वजह रही कि इसे ‘Queen’ कहकर सम्मान दिया गया.
पर्यटन के नक्शे पर सबसे ऊपर
मसूरी न केवल उत्तर भारत का, बल्कि पूरे देश का एक प्रमुख हिल स्टेशन बन चुका है. लाल टिब्बा, गन हिल, केम्प्टी फॉल्स, माल रोड, कंपनी गार्डन जैसे पर्यटन स्थलों ने इसे फैमिली ट्रिप से लेकर हनीमून और बकेट लिस्ट तक – हर श्रेणी में खास बना दिया है. यहां हर साल लाखों टूरिस्ट आते हैं, जो इसे "Queen of Hills" का दर्जा बार-बार सही साबित करते हैं.
आधुनिकता में भी बसी है पुरानी रूह
हालांकि आज मसूरी में मॉडर्न कैफे, होटल्स और मॉल्स भी हैं, लेकिन इसके हर कोने में इतिहास की खुशबू मिलती है. The Savoy Hotel, St. George’s College, और पुराने ब्रिटिश बंगलों में आज भी उस रॉयल युग की झलक मिलती है. यह संतुलन ही मसूरी को दूसरे हिल स्टेशनों से अलग बनाता है – न ही पूरी तरह मॉडर्न, न ही पूरी तरह पुराना. बस, एक रॉयल मेल.
सिर्फ एक हिल स्टेशन नहीं, एक एहसास है मसूरी
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मसूरी की खूबसूरती, इतिहास और शांति उसे सिर्फ एक डेस्टिनेशन नहीं, बल्कि "Queen Of Hills" बनाते हैं. यहां की हवा में एक अपनापन है, जो हर विज़िटर को खींच लाता है बार-बार. तो अगली बार जब आप मसूरी जाएं, तो सिर्फ तस्वीरें न लें- उस रॉयल कहानी को महसूस करें, जिसने इस जगह को पहाड़ों की रानी बनाया.