जब बीटल्स ने बदल दी इस शांत शहर की पहचान, जानें ऋषिकेश कैसे बना 'योग कैपिटल'?
ऋषिकेश आदिकाल से ही योग और आयुर्वेद के ज्ञान का केंद्र रहा है. यहाँ कई प्राचीन आश्रम और गुरुकुल स्थापित थे जहाँ योग और आध्यात्मिक शिक्षा दी जाती थी. गंगा नदी के किनारे का शांत और पवित्र वातावरण योग साधना के लिए आदर्श माना जाता था.

उत्तराखंड की शांत वादियों में, गंगा नदी के किनारे बसा ऋषिकेश शहर, आज दुनिया भर में 'योग की विश्व राजधानी' (Yoga Capital of the World) के रूप में प्रसिद्ध है. हर साल हज़ारों की संख्या में योग साधक, आध्यात्मिक गुरु और पर्यटक यहाँ शांति और आत्म-खोज की तलाश में आते हैं. लेकिन आख़िर कैसे एक छोटा सा तीर्थस्थल दुनिया भर में योग और आध्यात्म का इतना बड़ा केंद्र बन गया? इसके पीछे कई दिलचस्प कहानियां, आध्यात्मिक महत्व और संगीत से जुड़ा गहरा इतिहास छिपा है.
ऋषिकेश को अक्सर 'गढ़वाल हिमालय का प्रवेश द्वार' कहा जाता है. यह शहर अपनी नैसर्गिक सुंदरता, शांत वातावरण और गंगा के पवित्र तटों के लिए जाना जाता है. आदिकाल से ही यह संतों, ऋषियों और मुनियों की तपस्थली रहा है, जहाँ वे ध्यान और योग साधना करते थे.
योग की विश्व राजधानी बनने का सफ़र
ऋषिकेश आदिकाल से ही योग और आयुर्वेद के ज्ञान का केंद्र रहा है. यहाँ कई प्राचीन आश्रम और गुरुकुल स्थापित थे जहाँ योग और आध्यात्मिक शिक्षा दी जाती थी. गंगा नदी के किनारे का शांत और पवित्र वातावरण योग साधना के लिए आदर्श माना जाता था.
1968 में, मशहूर ब्रिटिश बैंड 'द बीटल्स' ने महर्षि महेश योगी के आश्रम (जिसे अब 'बीटल्स आश्रम' या 'चौरासी कुटिया' के नाम से जाना जाता है) में मेडिटेशन सीखने के लिए ऋषिकेश का दौरा किया. यह घटना वैश्विक स्तर पर ऋषिकेश को सुर्खियों में ले आई. बीटल्स के यहाँ आने से दुनिया भर के पश्चिमी देशों में योग, ध्यान और भारतीय आध्यात्मिकता के प्रति रुचि तेज़ी से बढ़ी.
मार्च के महीने में ऋषिकेश में अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन किया जाता है. यह महोत्सव दुनिया भर से योग गुरुओं और साधकों को एक साथ लाता है, जिससे ऋषिकेश की पहचान 'योग कैपिटल' के रूप में और मज़बूत हुई है.
ऋषिकेश में अनगिनत योग आश्रम और स्कूल हैं जो विभिन्न प्रकार के योग, ध्यान और आयुर्वेदिक उपचार प्रदान करते हैं. यहाँ योग शिक्षक प्रशिक्षण (Yoga Teacher Training) कोर्स भी कराए जाते हैं, जो इसे योग सीखने और सिखाने के लिए एक प्रमुख गंतव्य बनाते हैं.
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ऋषिकेश का 'योग की विश्व राजधानी' बनना कोई इत्तेफाक नहीं है. यह सदियों पुरानी आध्यात्मिक परंपरा, ऐतिहासिक घटनाओं, प्राकृतिक सौंदर्य और यहाँ के शांत वातावरण का एक संयोजन है. यह शहर न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योग सिखाता है, बल्कि मानसिक शांति और आत्मा की उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त करता है.