Advertisement

क्या नाबालिग चला सकते हैं इलेक्ट्रिक कार? सरकार के नियमों से उठा पर्दा

इलेक्ट्रिक कारें तेज़ी से लोकप्रिय हो रही हैं. इनकी लोकप्रियता का एक बड़ा कारण पर्यावरण के प्रति जागरूकता और पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती कीमतें हैं. लेकिन जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन बढ़ रहा है, वैसे-वैसे एक सवाल बहुत से माता-पिता और किशोरों के मन में आता है – क्या नाबालिग (18 साल से कम उम्र के बच्चे) इलेक्ट्रिक कार चला सकते हैं? इसका जवाब जानना जरूरी है.

21 Apr, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
10:28 AM )
क्या नाबालिग चला सकते हैं इलेक्ट्रिक कार? सरकार के नियमों से उठा पर्दा
google

Minors Drive Electric Cars Rules: आज के समय में इलेक्ट्रिक कारें तेज़ी से लोकप्रिय हो रही हैं. इनकी लोकप्रियता का एक बड़ा कारण पर्यावरण के प्रति जागरूकता और पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती कीमतें हैं. लेकिन जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन बढ़ रहा है, वैसे-वैसे एक सवाल बहुत से माता-पिता और किशोरों के मन में आता है – क्या नाबालिग (18 साल से कम उम्र के बच्चे) इलेक्ट्रिक कार चला सकते हैं? इसका जवाब जानना जरूरी है, खासकर सुरक्षा, कानून और भविष्य की दृष्टि से। चलिए इस पर विस्तार से बात करते हैं.

नाबालिग बच्चों को इलेक्ट्रिक कार चलाने की अनुमति नहीं है

भारत में किसी भी प्रकार की कार – चाहे वह पेट्रोल, डीज़ल, या इलेक्ट्रिक हो – चलाने के लिए वैध ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है. और ड्राइविंग लाइसेंस के लिए न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष निर्धारित की गई है. इसका मतलब यह है कि 18 साल से कम उम्र के व्यक्ति को किसी भी तरह की मोटर कार चलाने की अनुमति नहीं है, भले ही वह इलेक्ट्रिक ही क्यों न हो.

मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार नियम

भारत में वाहन चलाने के नियम Motor Vehicles Act, 1988 के अंतर्गत तय किए जाते हैं. इस कानून के अनुसार:

1. 16 वर्ष की आयु में व्यक्ति सिर्फ गियरलेस दोपहिया वाहन (जैसे स्कूटर या ई-बाइक) चला सकता है, जिसकी इंजन क्षमता 50cc से कम हो.

2. 18 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद ही कोई भी व्यक्ति मोटर कार, बाइक, इलेक्ट्रिक कार आदि चला सकता है.

3. ड्राइविंग लाइसेंस के बिना कोई भी वाहन चलाना अवैध है और इसके लिए भारी जुर्माना, वाहन ज़ब्त होने या माता-पिता पर कानूनी कार्रवाई तक हो सकती है.

अगर नाबालिग इलेक्ट्रिक कार चलाता है तो क्या होगा?

यदि कोई नाबालिग बच्चा इलेक्ट्रिक कार चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो निम्नलिखित कार्रवाई हो सकती है:

1. वाहन मालिक या अभिभावक पर केस दर्ज हो सकता है.

2. ₹25,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

3. वाहन का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है.

4. नाबालिग को 18 साल की उम्र तक ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिलेगा (या विलंब से मिलेगा).

5. अगर दुर्घटना होती है, तो इसके लिए अभिभावक जिम्मेदार माने जाएंगे और कानूनी कार्यवाही हो सकती है.

क्या छोटे EV (Electric Vehicle) जैसे टॉय कार या ई-साइकिल पर भी यह लागू होता है?

कुछ लोग सोचते हैं कि छोटे EV, जो बच्चों के खेलने के लिए बनाए जाते हैं, उन पर भी यही कानून लागू होता है. लेकिन ऐसा नहीं है.... यदि कोई वाहन सड़क पर रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस की आवश्यकता के दायरे में नहीं आता (जैसे टॉय कार या छोटी ई-साइकिल जो धीमी गति से चलती हैं), तो बच्चे उन्हें घर या पार्क में खेलते समय चला सकते हैं। लेकिन फिर भी उन्हें सड़क पर चलाने की अनुमति नहीं है.

बच्चों को क्यों नहीं चलाने देना चाहिए कार?

सुरक्षा का खतरा: नाबालिग बच्चों में निर्णय लेने की क्षमता और प्रतिक्रिया समय विकसित नहीं होता जैसा एक वयस्क में होता है.

1. अनुभव की कमी: यातायात नियम, रोड सिग्नल, ब्रेकिंग डिस्टेंस – ये सब चीजें अनुभव के साथ आती हैं.

2. दूसरों की जान को खतरा: एक गलती किसी की जान ले सकती है – खुद की भी और दूसरों की भी.

नियम का पालन करें, सुरक्षित रहें

नाबालिग बच्चों को इलेक्ट्रिक कार चलाने की अनुमति नहीं है, क्योंकि यह भारतीय कानून का उल्लंघन है और इससे कई प्रकार की कानूनी और सुरक्षा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. यदि आपके बच्चे को वाहन चलाने का शौक है, तो आप उसे ड्राइविंग की बेसिक जानकारी सिखा सकते हैं, लेकिन सड़क पर चलाने के लिए 18 साल की उम्र और ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य है. जब तक वह कानूनी रूप से योग्य न हो, तब तक उसे केवल खेलने वाले EV या सिम्युलेटर तक सीमित रखना ही समझदारी है.

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
‘ना Modi रूकेंगे,ना Yogi झुकेंगे, बंगाल से भागेंगीं ममता, 2026 पर सबसे बड़ी भविष्यवाणी Mayank Sharma
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें