ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे... भारत-रूस के अटूट संबंध, रॉयल कार में एक साथ निकले मोदी-पुतिन, ट्रंप को लगेगी मिर्ची!
चीन के तियानजिन में संपन्न हुए एससीओ समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिरकत की. समिट के बाद मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक ही कार 'Aurus' में बैठकर द्विपक्षीय वार्ता स्थल पहुंचे. मोदी ने तस्वीर साझा करते हुए कहा कि पुतिन के साथ बातचीत हमेशा ज्ञानवर्धक होती है. यह मुलाकात भारत-रूस के मजबूत रिश्तों का संकेत है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका के लिए कड़ा संदेश मानी जा रही है.
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चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का बहुप्रतीक्षित शिखर सम्मेलन में संपन्न हो गया है. इस समिट में भारत की मौजूदगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रिय भूमिका एक बार फिर वैश्विक मंच पर चर्चा का केंद्र बनी. समिट के समापन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी लग्जरी कार 'Aurus' में बैठकर द्विपक्षीय वार्ता स्थल की ओर प्रस्थान किया. दोनों नेताओं की यह झलक भारत-रूस के मजबूत और भरोसेमंद रिश्तों की गवाही देती है.
ट्रंप को टेंशन देगी ये तस्वीर
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर इस मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "एससीओ शिखर सम्मेलन के बाद मैं और राष्ट्रपति पुतिन साथ में द्विपक्षीय बैठक के स्थान पर गए. उनके साथ बातचीत हमेशा ज्ञानवर्धक होती है." इस तस्वीर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खासतौर पर अमेरिका के लिए एक कड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है. जानकरों का मानना है कि पीएम मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत और रूस की दोस्ती पक्की है और किसी भी दबाव में कमजोर नहीं पड़ सकती.
After the proceedings at the SCO Summit venue, President Putin and I travelled together to the venue of our bilateral meeting. Conversations with him are always insightful. pic.twitter.com/oYZVGDLxtc
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2025
पीएम मोदी, शी जिनपिंग और पुतिन की अनौपचारिक बातचीत
तियानजिन में समिट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पुतिन की कुछ अनौपचारिक तस्वीरें भी सामने आईं. इन तस्वीरों में तीनों नेता हल्के-फुल्के अंदाज में नजर आए. यह दृश्य इस बात का संकेत है कि भले ही रिश्तों में मतभेद हों, लेकिन संवाद के रास्ते खुले हुए हैं. सोमवार को समिट के फोटो सेशन के दौरान एक दिलचस्प पल देखने को मिला, जब मोदी और पुतिन बातचीत में मशगूल नजर आए और पास खड़े पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अकेले और उदास दिखे. इस क्षण ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया.
भारत-चीन वार्ता और "हाथी-ड्रैगन" का संदेश
बीते दिन प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी द्विपक्षीय मुलाकात की. इस वार्ता में सीमा पर शांति सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. जिनपिंग ने भारत और चीन को "हाथी और ड्रैगन" बताते हुए साथ आने की बात कही. यह बयान इस ओर इशारा करता है कि एशिया के दो बड़े पड़ोसी देश सहयोग की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं.
SCO में भारत ने दिया मंत्र
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत "Reform, Perform और Transform" के मंत्र पर आगे बढ़ रहा है. कोविड महामारी से लेकर वैश्विक आर्थिक अस्थिरता तक, भारत ने हर चुनौती को अवसर में बदलने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि संगठित अपराध, ड्रग तस्करी और साइबर सुरक्षा जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए एससीओ में चार नए केंद्र बनाए जा रहे हैं. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि ग्लोबल साउथ की आकांक्षाओं को पुराने ढांचों में कैद करना गंभीर अन्याय है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हम नई पीढ़ी के रंगीन सपनों को पुरानी काले-सफेद स्क्रीन पर नहीं दिखा सकते. स्क्रीन बदलनी होगी.
आतंकवाद पर पाकिस्तान को घेरा
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने बिना नाम लिए पाकिस्तान को आतंकवाद पर घेरा. उन्होंने कहा कि किसी भी देश के विकास का आधार सुरक्षा, शांति और स्थिरता है, लेकिन आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद इस राह में बड़ी चुनौतियां हैं. मोदी ने जोर दिया कि आतंकवाद किसी एक देश की समस्या नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए खतरा है. भारत ने एससीओ के तहत 'अल-कायदा' और उससे जुड़े संगठनों के खिलाफ सूचना अभियान की अगुवाई की है. मोदी ने बताया कि भारत ने कट्टरपंथ और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए भी अहम कदम सुझाए हैं.
Sharing my remarks during the SCO Summit in Tianjin. https://t.co/nfrigReW8M
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2025
SCO समिट में पुतिन ने क्या कहा?
समिट में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांत आज भी अडिग हैं और एससीओ वास्तविक बहुपक्षवाद की स्थापना का शक्तिशाली इंजन है. उन्होंने पश्चिमी देशों पर आरोप लगाया कि यूक्रेन संकट रूस की कार्रवाई से नहीं बल्कि कीव में पश्चिम द्वारा कराए गए तख्तापलट से शुरू हुआ. पुतिन ने यह भी घोषणा की कि एससीओ के शासनाध्यक्षों की अगली बैठक नवंबर में मॉस्को में आयोजित की जाएगी. उन्होंने कहा कि यूक्रेन संकट को सुलझाने में भारत, चीन और अन्य साझेदार देशों के प्रयास अहम हैं.
SCO घोषणापत्र में भारत की पहलों की सराहना
समिट के घोषणापत्र में भारत की कई पहलों की सराहना की गई. 'एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य' थीम को शामिल किया गया. नई दिल्ली में आयोजित 5वें एससीओ स्टार्टअप फोरम और 20वें थिंक टैंक फोरम का जिक्र करते हुए विज्ञान, तकनीक और इनोवेशन के क्षेत्र में भारत की भूमिका की तारीफ की गई. सदस्य देशों ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई. साथ ही, यह भी दोहराया गया कि आतंकवाद और उग्रवाद को किसी भी स्वार्थ के लिए इस्तेमाल अस्वीकार्य है.
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बताते चलें कि चीन के तियानजिन में संपन्न हुआ यह एससीओ समिट भारत के लिए कई मायनों में अहम साबित हुआ. प्रधानमंत्री मोदी ने जहां भारत की प्रगति और विजन को दुनिया के सामने रखा, वहीं रूस के साथ रिश्तों को और मजबूत करने का संदेश भी दिया. चीन से संवाद की पहल और पाकिस्तान को अप्रत्यक्ष संदेश इस समिट की प्रमुख झलकियां रहीं. यह समिट न केवल एशिया बल्कि वैश्विक राजनीति के लिए भी अहम रहा, जिसने यह दिखाया कि भारत आज सिर्फ सहभागी नहीं बल्कि मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहा है.
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