VIDEO: कंबोडिया और थाईलैंड के बीच चले दनादन रॉकेट, बढ़ी युद्ध की आशंका, प्राचीन शिव मंदिर क्षेत्र को लेकर है झगड़ा
Thailand Cambodia Border Clash: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच जारी सीमा संघर्ष अब भयावह रूप ले चुका है। Associated Press की रिपोर्ट के अनुसार, हवाई और ज़मीनी हमलों के बीच कम से कम 9 आम नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि दर्जनों घायल हैं. कहा जा रहा है कि विवाद की जड़ एक प्राचीन मंदिर है. पहले से ही कूटनीतिक संघर्ष झेल रहे दोनों देशों के बीच अब सैन्य युद्ध बढ़ने की आशंका है.

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कंबोडिया और थाईलैंड के बीच वर्षों से चले आ रहे सीमा विवाद ने गुरुवार सुबह एक बार फिर हिंसक रूप ले लिया है. कहा जा रहा है कि दोनों देशों ने एक दूसरे पर हमला कर दिया है और जिसमें कम से कम 9 नागरिकों की मौत हो गई है. तनाव अब केवल सीमा पर गोलीबारी तक सीमित नहीं रहा. थाईलैंड की सेना ने पुष्टि की है कि उसने दो कंबोडियाई सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं, जिससे हालात और भी गंभीर हो गए हैं. यह हमला उस घटनाक्रम के कुछ ही घंटे बाद हुआ जब थाईलैंड और कंबोडिया ने आपसी राजनयिक संबंधों को न्यूनतम स्तर पर सीमित करने का फैसला किया. इस ताजा सैन्य कार्रवाई से दोनों देशों के बीच दशकों पुराने सीमा विवाद ने एक बार फिर उग्र रूप ले लिया है. राजनीतिक और सैन्य स्तर पर जिस तरह से तनाव बढ़ रहा है, उससे पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में चिंता की लहर दौड़ गई है.
कंबोडिया और थाईलैंड के बीच विवादित सीमा को लेकर तनाव चरम पर पहुंच गया है. कंबोडिया ने BM-21 रॉकेटों से कंबोडिया पर दागे रॉकेट. कहा जा रहा है कि विवाद प्रीह विहियर मंदिर को लेकर है. #ThailandCambodia pic.twitter.com/r9m26ZXK75
— Guddu Khetan (@guddu_khetan) July 24, 2025
थाई सेना ने की मौत की पुष्टि
थाई सेना ने पुष्टि की है कि सबसे ज्यादा मौतें थाईलैंड के सी सा केट प्रांत में हुईं, जहां एक गैस स्टेशन पर हुए हमले में 6 लोग मारे गए. इसके अलावा, तीन सीमावर्ती प्रांतों में कम से कम 14 लोग घायल हुए हैं.
गुरुवार को थाई सेना ने कंबोडियाई जमीनी सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए, जबकि कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि थाईलैंड के लड़ाकू विमानों ने प्राचीन प्रीह विहियर मंदिर के पास एक सड़क पर बम गिराए. यह मंदिर न केवल ऐतिहासिक महत्व रखता है, बल्कि लंबे समय से दोनों देशों के बीच विवाद का केंद्र भी रहा है.
छह क्षेत्रों में झड़प अब भी जारी
थाई रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सुरसंत कोंगसिरी ने बताया कि सीमा पर कम से कम छह क्षेत्रों में झड़पें अब भी जारी हैं. हिंसा की पहली बड़ी झड़प गुरुवार सुबह थाईलैंड के सुरीन प्रांत और कंबोडिया के ओद्दार मीनची प्रांत की सीमा पर स्थित ता मुएन थॉम मंदिर के निकट हुई.
निचले स्तर पर कूटनीतिक संबंध
दोनों देशों ने हाल ही में अपने राजनयिक संबंधों को न्यूनतम स्तर पर सीमित कर दिया था, जिससे यह संकेत मिल चुका था कि तनाव किसी भी समय विस्फोटक रूप ले सकता है.
ये रॉकेट हमले थाईलैंड के सूरीन प्रांत के कप चोएंग जिले में हुए, जहां रॉकेटों की चपेट में एक गांव आ गया. इस गांव में करीब 40,000 लोग आपातकालीन निकासी की प्रतीक्षा कर रहे थे. जिला प्रमुख सुथिरोज चारोएंथानासक ने बताया कि सुबह 9 बजकर 40 मिनट पर दो रॉकेट गांव में गिरे, जिससे चार लोग घायल हुए. इनमें से दो की बाद में अस्पताल में मौत हो गई.
दोनों देशों के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी
कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता माली सोचेता ने बयान जारी कर कहा कि उनके सैनिकों ने थाई सैनिकों के आक्रमण के खिलाफ अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के अधिकार का प्रयोग किया. उन्होंने आरोप लगाया कि थाईलैंड ने कंबोडिया की सीमाओं का उल्लंघन किया है.
कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन ने भी फेसबुक पोस्ट में कहा कि थाई सेना ने कंबोडिया के दो प्रांतों पर गोलाबारी की है. उन्होंने नागरिकों से घबराने की बजाय शांत रहने की अपील की. वर्तमान प्रधानमंत्री हुन मानेट ने कहा कि कंबोडिया ने हमेशा शांतिपूर्ण समाधान की इच्छा जताई है, लेकिन जब उस पर हथियारों से हमला होता है, तो उसे भी जवाब देने के लिए हथियार उठाने पड़ते हैं.
थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई ने स्थिति को नाजुक बताते हुए कहा कि कंबोडिया के साथ विवाद को सावधानीपूर्वक अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार सुलझाया जाना चाहिए.
इस झड़प से ठीक एक दिन पहले थाईलैंड ने कंबोडिया से अपने राजदूत को वापस बुला लिया था. यह कदम सीमा पर एक बारूदी सुरंग विस्फोट में थाई सैनिक के घायल होने के बाद उठाया गया था. इसके बाद थाईलैंड ने यह भी घोषणा की कि वह कंबोडियाई राजदूत को निष्कासित करेगा.
इन घटनाओं के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है और क्षेत्रीय स्थिरता पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस टकराव को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने की अपील कर रहा है.
क्या है दोनों देशों के बीच विवाद?
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा को लेकर तनाव कोई नया नहीं है, लेकिन हाल के महीनों में यह विवाद और भड़क गया है. मई के महीने में दोनों देशों के सैनिकों के बीच एक ऐसे इलाके को लेकर झड़प हो गई जिसे दोनों ही अपनी ज़मीन मानते हैं. इस झड़प में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई, जिसके बाद से दोनों देशों के बीच रिश्तों में और खटास आ गई है.
दरअसल, थाईलैंड और कंबोडिया करीब 817 किलोमीटर लंबी ज़मीनी सीमा साझा करते हैं. इस सीमा को लेकर विवाद की जड़ उस नक्शे में छुपी है जिसे कभी फ्रांस ने तैयार किया था, जब वह 1863 से 1953 तक कंबोडिया पर शासन कर रहा था.
1907 में बना यह नक्शा दोनों देशों के बीच एक प्राकृतिक जलसीमा को आधार मानकर खींचा गया था. लेकिन थाईलैंड को इस पर आपत्ति है, खासतौर पर इसलिए क्योंकि इस नक्शे में एक ऐतिहासिक हिन्दू मंदिर-प्रीह विहियर को कंबोडिया के डांगरेक पर्वत क्षेत्र में दिखाया गया है. थाईलैंड का कहना है कि यह इलाका उसका है, जबकि 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने इस मंदिर को कंबोडिया का हिस्सा माना था.
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यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह कंबोडिया के मैदानों पर ऊंचे पठारी किनारे पर स्थित है. यूनेस्को भी इस जगह को सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता दे चुका है.
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