ईरान के वो 3 परमाणु ठिकाने... जहां अमेरिका के B-2 बॉम्बर्स ने बरसाए बम, सबसे सुरक्षित फोर्डो भी निशाने पर
ईरान और इजरायल के बीच जारी जंग अब और खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई है. इस संघर्ष में अब अमेरिका ने भी सीधे हस्तक्षेप कर लिया है. अमेरिकी वायुसेना ने अपने अत्याधुनिक B-2 बॉम्बर्स के जरिए ईरान की तीन प्रमुख परमाणु साइट्स भीषण बमबारी की है. अमेरिका ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु साइट्स पर हमला किया है. सबसे बड़ा हमला फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर हुआ, जिसे ईरान का सबसे सुरक्षित परमाणु ठिकाना माना जाता है.
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ईरान और इजरायल के बीच जारी जंग अब और खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई है. इस संघर्ष में अब अमेरिका ने भी सीधे हस्तक्षेप कर लिया है. अमेरिकी वायुसेना ने अपने अत्याधुनिक B-2 बॉम्बर्स के जरिए ईरान की तीन प्रमुख परमाणु साइट्स भीषण बमबारी की है. अमेरिका के इस हमले के बाद मध्य पूर्व में चल रही जंग अब नए मोड़ पर आ गई है. आइए आपको बताते हैं कि अमेरिका ने ईरान के कौन से तीन परमाणु साइट्स पर एयरस्ट्राइक की है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दी हमले की जानकारी
अमेरिका ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु साइट्स पर हमला किया है. सबसे बड़ा हमला फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर हुआ, जिसे ईरान का सबसे सुरक्षित परमाणु ठिकाना माना जाता है. यह ठिकाना पहाड़ों के भीतर, जमीन से सैकड़ों फीट नीचे स्थित है, जिसे पारंपरिक हमलों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया था. हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बयान जारी करते हुए कहा कि, “फोर्डो पर बमों का पूरा पेलोड गिराया गया और हमारे सभी विमान सुरक्षित लौट आए हैं.” ईरान पर अटैक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में ईरान से शांति का रास्ता अपनाने की अपील की, लेकिन साथ ही सख्त चेतावनी भी दी. उन्होंने कहा, “अगर ईरान ने अब भी शांति का रास्ता नहीं चुना, तो अगली अमेरिकी कार्रवाई इससे कहीं ज्यादा बड़ी और गंभीर होगी.” उन्होंने कहा, “ईरान पिछले 40 साल से अमेरिका के खिलाफ साजिशें रच रहा है, कई अमेरिकी इसकी नफरत का शिकार हुए हैं. अब ये सब और नहीं चलेगा.”
ट्रंप का फैसला इतिहास बदलने वाला कदम: नेतन्याहू
ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले के बाद अब फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट को लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है. यह वही ठिकाना है, जिसके बारे में दुनिया को सबसे पहले साल 2009 में पता चला था. यह प्लांट जमीन से लगभग आधा मील नीचे पहाड़ की चट्टानों के भीतर बना है, जिसे अब तक सबसे सुरक्षित परमाणु स्थल माना जाता रहा था. ईरान ने इसे इस तरह डिज़ाइन किया था कि साधारण बमबारी से कोई बड़ा नुकसान न हो सके, लेकिन अमेरिकी हमले में B-2 बॉम्बर्स ने फोर्डो पर बमों का पूरा पेलोड गिरा दिया, जिससे वहां भारी तबाही की आशंका जताई जा रही है. इस हमले के तुरंत बाद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की प्रतिक्रिया भी सामने आई. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को “इतिहास बदलने वाला साहसिक कदम” करार दिया। नेतन्याहू ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप और मैं अक्सर कहते हैं कि शक्ति के जरिए ही शांति आती है. पहले ताकत दिखाई जाती है, फिर शांति स्थापित होती है. आज रात अमेरिका और ट्रंप ने पूरी ताकत के साथ कार्रवाई की है.”
पहाड़ों के भीतर छिपा है ईरान का परमाणु ठिकाना
बताते चलें कि हाल ही में सामने आई सैटेलाइट तस्वीरों ने ईरान के सबसे सुरक्षित परमाणु ठिकाने फोर्डो न्यूक्लियर साइट की आंतरिक संरचना को उजागर कर दिया है. ये तस्वीरें बताती हैं कि यह साइट ईरान के पवित्र शहर कोम के पास, पहाड़ों के समूह के भीतर स्थित है. तस्वीरों में पांच सुरंगों के मुंह, एक बड़ा सहायक ढांचा और विस्तृत सुरक्षा घेरा साफ तौर पर दिखाई देता है. जानकारों के मुताबिक, यह ठिकाना खासतौर पर इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यह पारंपरिक हवाई हमलों से बचा रहे। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के अनुसार, उनके पास साल 2002 से 2004 के बीच इस साइट पर निर्माण गतिविधियों की पुष्टि करने वाली अतिरिक्त इमेजरी उपलब्ध है. सैटेलाइट डेटा में दो सफेद चकोर संरचनाएं भी नजर आती हैं, जिन्हें आज सुरंगों के प्रवेश द्वार के रूप में पहचाना जा रहा है.
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बताते चलें कि ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले का निर्णय अचानक नहीं लिया गया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह सीधा सैन्य हस्तक्षेप तब किया, जब उनके प्रशासन द्वारा दो महीने तक कूटनीतिक प्रयासों के बावजूद कोई ठोस परिणाम नहीं निकला. इन प्रयासों में ईरान से उच्च स्तरीय सीधी वार्ता भी शामिल थी, जिसका उद्देश्य था तेहरान को उसके परमाणु कार्यक्रम पर स्वैच्छिक नियंत्रण के लिए तैयार करना। हालांकि, ईरान ने अपनी गतिविधियों पर कोई ठोस रोक नहीं लगाई. इसी बीच IAEA अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने पुष्टि की कि ईरान फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर अत्यधिक समृद्ध यूरेनियम (Highly Enriched Uranium) का उत्पादन कर रहा था. एजेंसी का कहना है कि यदि अमेरिका ने हमले में GBU-57 A/B बंकर बस्टर बम का उपयोग किया है, तो इस बात की आशंका है कि परमाणु सामग्री वातावरण में फैल सकती है. IAEA ने यह भी स्पष्ट किया कि एक अन्य ईरानी परमाणु स्थल नतांज पर हुए पिछले इजरायली हमले के दौरान केवल साइट तक सीमित संक्रमण या क्षति हुई थी, लेकिन आस-पास के क्षेत्रों में कोई रेडियोधर्मी प्रभाव नहीं देखा गया.
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