'ओम शांति ओम' और 'ओम स्वास्तिअस्तु' से गूंज उठी UN जनरल एसेंबली, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने दिया एकता का संदेश
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो ने संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण की शुरुआत और अंत संस्कृत के श्लोकों के साथ किया. उन्होंने सभी धर्मों के बीच एकता का आह्वान किया और दुनियाभर के नेताओं से एक साथ मिलकर काम करने की अपील की.
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इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनी स्पीच की शुरुआत और अंत संस्कृत के अभिवादनों के साथ किया. उन्होंने मंगलवार को दुनियाभर के नेताओं का अभिवादन करते हुए "ओम स्वास्तिअस्तु" कहा, जिसका इस्तेमाल उनके देश के हिंदू-बहुल बाली द्वीप में होता है. इस शब्द का अर्थ है "आप धन्य और सुरक्षित रहें"
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने कहा "ओम शांति ओम"
प्रबोवो सुबिआंतो ने अपनी स्पीच "ओम शांति शांति, शांति ओम" के साथ-साथ अन्य धर्मों के मंत्रों के साथ खत्म की. उन्होंने कहा कि यहूदी, मुस्लिम, ईसाई, हिंदू, बौद्ध, सभी धर्मों को एक मानव परिवार के रूप में रहना चाहिए. इंडोनेशिया इस नजरिए को वास्तविकता बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.
Indonesian President closes his UNGA speech with Om Shanti!❤️
— The Jaipur Dialogues (@JaipurDialogues) September 24, 2025
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सुबिआंतो ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा संयुक्त राष्ट्र पर किए गए हमलों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि आजादी के लिए उनके संघर्ष और बीमारी, भूख और गरीबी को दूर करने की लड़ाई में संयुक्त राष्ट्र इंडोनेशिया के साथ खड़ा था और उसे महत्वपूर्ण सहायता दी. उन्होंने कहा कि यहां लिए गए फैसलों ने इंडोनेशिया को अंतरराष्ट्रीय वैधता दी.
ट्रंप की आलोचना, इजरायल का समर्थन
सुबिआंतो ने बिना नाम लिए अमेरिका और ट्रंप की आलोचना की और तमाम देशों और संस्थाओं को जारी की गई धमकियों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कोई भी एक देश पूरे मानव परिवार को धमका नहीं सकता.
संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रोबोवो सुबिआंतो ने कहा कि दुनिया को इजरायल के सुरक्षित जीवन जीने के अधिकार का सम्मान करना चाहिए. उन्होंने इजरायल को मान्यता देने की भी वकालत की. इंडोनेशिया दुनिया का सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश है और इजरायल के साथ उसके कोई राजनयिक संबंध नहीं हैं.
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सुबिआंतो ने कहा कि हमें इजरायल को भी मान्यता देनी चाहिए, उसका सम्मान करना चाहिए और उसकी सुरक्षा की गारंटी भी देनी चाहिए. तभी हम वास्तविक शांति हासिल कर सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इंडोनेशिया उसी दिन इजरायल को मान्यता देगा जिस दिन यहूदी देश फिलिस्तीन को मान्यता देगा. सुबियांतो ने कहा कि इंडोनेशिया ऐसी शांति चाहता है जो दिखाए की ताकत से सब ठीक नहीं हो सकता.
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