भारत की एयरस्ट्राइक के डर से कांप रहा पाकिस्तान... अचानक बंद किया अपना एयरस्पेस, आखिर क्या है इसके पीछे की बड़ी वजह?
पहलगाम आतंकी हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के फ्रंट संगठन TRF पर अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद पाकिस्तान में खलबली मच गई है. भारत की संभावित एयर स्ट्राइक की आशंका में पाकिस्तान ने 16 से 23 जुलाई तक एयरस्पेस का एक हिस्सा बंद कर दिया है. 22-23 जुलाई को दक्षिणी हवाई क्षेत्र भी सील रहेगा.

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था. इस हमले की जिम्मेदारी भले किसी ने सीधे तौर पर न ली हो, लेकिन जांच एजेंसियों ने इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा के फ्रंट संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' यानी TRF की संलिप्तता पुख्ता रूप से साबित कर दी. भारत लगातार इस संगठन को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी सूची में शामिल करवाने की कोशिश करता रहा है, और अब अमेरिका ने इस पर बड़ा फैसला लेते हुए TRF को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित कर दिया है. इस घोषणा के बाद पाकिस्तान में कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर हलचल तेज हो गई है. खासकर इसलिए क्योंकि TRF की जड़ें सीधे लश्कर और ISI से जुड़ी हैं. इस बीच भारत की संभावित एयर स्ट्राइक को लेकर पाकिस्तान सतर्क नजर आ रहा है. इसके चलते कि पाकिस्तान ने अपने एयरस्पेस में एक हफ्ते के लिए नोटम (NOTAM) जारी कर दिया है.
क्यों बंद किया एयरस्पेस?
अमेरिकी प्रतिबंध के बाद पाकिस्तान को अंदेशा है कि भारत एक बार फिर 2019 जैसी सर्जिकल स्ट्राइक या एयर स्ट्राइक कर सकता है. इसी आशंका के तहत पाकिस्तान ने 16 से 23 जुलाई तक अपने एयरस्पेस का एक बड़ा हिस्सा बंद कर दिया है. खास बात ये है कि 22 और 23 जुलाई को दक्षिणी पाकिस्तान की हवाई सीमा भी सील कर दी गई है. आधिकारिक रूप से इसे सैन्य अभ्यास या मिसाइल परीक्षण बताया जा रहा है, लेकिन अंदरूनी हलचल कुछ और ही कहानी कहती है. पाकिस्तानी वायुसेना के सूत्रों का कहना है कि इस कदम के पीछे असली वजह भारत की आक्रामक रणनीति है. जिस तरह भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकियों के लॉन्चपैड्स को निशाना बनाया, उसने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है. ऊपर से अमेरिका का TRF पर प्रतिबंध, पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को और धूमिल करता है. ऐसे में, एयरस्पेस को बंद करना पाकिस्तान की रक्षात्मक रणनीति का हिस्सा है.
चीन-पाक गठजोड़ पर भी नजर
सूत्रों की मानें तो हाल ही में चीन के कुछ भारी सैन्य कार्गो विमानों को पाकिस्तान में उतरते हुए देखा गया है. इन विमानों के जरिए पाकिस्तान को आधुनिक सैन्य तकनीक, हथियार और संभवतः एयर डिफेंस सिस्टम मुहैया कराए गए हैं. इससे अंदेशा और गहरा हो जाता है कि पाकिस्तान न सिर्फ भारत की संभावित कार्रवाई से डरा हुआ है, बल्कि इसके जवाब के लिए सैन्य तैयारी भी कर रहा है. चीन और पाकिस्तान का यह सैन्य गठजोड़ भारत की सुरक्षा नीति के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है.
भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत
‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ भले नाम से एक अलग संगठन हो, लेकिन यह लश्कर-ए-तैयबा की ही एक शाखा है, जिसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के लिए तैयार किया था. यह संगठन लंबे समय से घाटी में छिपकर आतंकी हमले करता रहा है, ताकि पाकिस्तान की सीधी भागीदारी को छिपाया जा सके. अमेरिका द्वारा TRF को 'ग्लोबल टेरर ऑर्गनाइजेशन' घोषित करने के बाद इस पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिया गया है. अब इसकी सारी संपत्तियां जब्त होंगी और अमेरिका के नागरिक इसके साथ किसी भी प्रकार का लेनदेन नहीं कर सकेंगे.यह भारत की एक बड़ी कूटनीतिक सफलता है क्योंकि भारत ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक मंचों पर TRF के खिलाफ पर्याप्त सबूत पहले ही पेश किए थे. अब अमेरिका की इस घोषणा से पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव और अधिक बढ़ गया है.
बढ़ सकता है भारत-पाक टकराव
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अब जब TRF पर अमेरिकी शिकंजा कस गया है और भारत लगातार सीमा पार से हो रहे आतंकी हमलों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए हुए है, तो दोनों देशों के बीच रिश्ते और तनावपूर्ण हो सकते हैं. पाकिस्तान की ओर से एयरस्पेस बंद करना और सैन्य हलचलें इस बात की पुष्टि करती हैं कि वह किसी बड़ी प्रतिक्रिया से डरा हुआ है. भारत की खुफिया एजेंसियां लगातार इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं. फिलहाल तो दोनों देशों के बीच बातचीत लगभग शून्य है और सीमा पर सेना की तैनाती में भी इजाफा हो चुका है. आने वाले दिनों में अगर पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों को नियंत्रित नहीं करता तो भारत की तरफ से जवाबी कार्रवाई तय मानी जा रही है.
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