'हमारे न्यूक्लियर मैटेरियल पूरी तरह सुरक्षित...', पूर्व ईरानी कमांडर का दावा- हमें पहले ही पता था जंग होगी; इजरायल-अमेरिका की बढ़ी टेंशन
इजरायल और ईरान के बीच जारी सैन्य टकराव के बीच ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के पूर्व कमांडर मोहसेन रज़ाई का एक अहम बयान सामने आया है, जो न सिर्फ इजरायल बल्कि अमेरिका के लिए भी चिंता का कारण बन सकता है. रज़ाई ने दावा किया कि इजरायल भले ही ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमले का दावा कर रहा हो, लेकिन ईरान की परमाणु सामग्री पूरी तरह सुरक्षित है.
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मध्य पूर्व में इजरायल और ईरान के बीच जारी सैन्य टकराव ने हालात को बेहद तनावपूर्ण बना दिया है. दोनों देशों के बीच बीते कई दिनों से मिसाइल और ड्रोन हमलों का सिलसिला लगातार जारी है. इस बीच ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के पूर्व कमांडर मोहसेन रज़ाई का एक अहम बयान सामने आया है, जो न सिर्फ इजरायल बल्कि अमेरिका के लिए भी चिंता का कारण बन सकता है.
एक ईरानी टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में रज़ाई ने दावा किया कि इजरायल भले ही ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमले का दावा कर रहा हो, लेकिन ईरान की परमाणु सामग्री पूरी तरह सुरक्षित है. इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमले नुकसानदेह नहीं रहे हैं और ईरान की न्यूक्लियर सामग्री पूरी तरह सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि युद्ध की आहट ईरान को मार्च में ही मिल गई थी, तभी से ईरान ने इस दिशा में रणनीतिक तैयारी शुरू करते हुए संवेदनशील संसाधनों और न्यूक्लियर सामग्री को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया था.
मोहसेन रज़ाई ने दी चेतावनी
पूर्व कमांडर मोहसेन रज़ाई ने इंटरव्यू में इजरायल को कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि इज़रायल ने नतांज, इस्फहान, खानदाब और अराक की परमाणु साइट्स को निशाना बनाकर यह समझ लिया कि उसने ईरान के परमाणु ठिकानों को नष्ट कर दिया है, लेकिन हकीकत यह है कि वहां से संवर्धित परमाणु सामग्री पहले ही हटा दी गई थी. रज़ाई ने आगे कहा, "अब अगर युद्धविराम होता है, तो वह एक नए युद्ध की भूमिका बन जाएगा. हमें दुश्मन को, जो इस समय कमजोर स्थिति में है, फिर से सक्रिय होने का मौका नहीं देना चाहिए." उन्होंने यह भी दावा किया कि ईरान ने अब तक इस युद्ध में अपनी कुल सैन्य क्षमता का महज 30% से भी कम इस्तेमाल किया है. अब हम युद्ध को धीरे-धीरे आगे बढ़ा रहे हैं. हमारी रणनीति स्पष्ट है, दबाव बढ़ाना और दुश्मन को थकाना.
रज़ाई पहले भी दें चुके है विवादित बयान
बताते चलें कि मोहसेन रज़ाई इससे पहले भी अपने बयानों को लेकर विवादों में रह चुके हैं. उन्होंने कुछ दिन पहले एक पुराने इंटरव्यू में यह दावा किया था कि यदि इजरायल कभी ईरान पर परमाणु हमला करता है, तो पाकिस्तान ने ईरान को भरोसा दिलाया है कि वह भी इजरायल पर परमाणु हथियारों से हमला करेगा. हालांकि रज़ाई के इस बयान को लेकर पाकिस्तान ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए दावे को खारिज कर दिया था. पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने खुद इस मामले में संसद में साफ कहा था कि पाकिस्तान ने ऐसा कोई वादा नहीं किया है और न ही ऐसी कोई नीति हमारी है.
क्या होता है न्यूक्लियर मैटेरियल?
परमाणु बम बनाने के लिए जिस प्रमुख सामग्री की आवश्यकता होती है, उसे न्यूक्लियर मैटेरियल कहा जाता है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण तत्व है यूरेनियम, जो एक विखंडनीय पदार्थ होता है. इसका अर्थ है कि जब यूरेनियम के अणु पर न्यूट्रॉन टकराता है, तो यह विखंडन की प्रक्रिया से गुजरता है, जिसमें भारी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है। यही ऊर्जा परमाणु बम की विस्फोटक शक्ति का आधार होती है. ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के पूर्व कमांडर मोहसेन रज़ाई के हालिया दावे का अर्थ यही है कि ईरान ने अपनी संवर्धित यूरेनियम सामग्री को इज़रायली हमले से पहले ही नतांज, इस्फहान, खानदाब और अराक जैसे प्रमुख परमाणु स्थलों से सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया है. उनके अनुसार यह न्यूक्लियर मैटेरियल अब इज़रायल के किसी भी हमले से पूरी तरह सुरक्षित है.
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गौरतलब है कि इजरायल ने अपने हालिया हमलों में ईरान की प्रमुख परमाणु सुविधाओं नतांज, फोर्डो, अराक और इस्फहान को निशाना बनाया था. इन हमलों में नतांज न्यूक्लियर साइट को सबसे अधिक नुकसान हुआ था. वहीं फोर्डो और इस्फ़हान में नुकसान सीमित रहा. हालांकि, इन हमलों और ईरान के कुछ परमाणु वैज्ञानिकों की मौत के चलते ईरान का परमाणु प्रोग्राम अस्थायी रूप से बाधित हुआ है.
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