UNSC में पाकिस्तान को इजरायल ने लताड़ा, दिला दी ओसामा बिन लादेन की याद, जानें पूरा मामला
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में पाकिस्तान ने दोहा अटैक को लेकर इजरायल पर हमला बोला, लेकिन जवाब में इजरायल के राजदूत ने पाकिस्तान को ओसामा बिन लादेन की याद दिलाई. गुरुवार को हुई आपात बैठक में पाकिस्तान के राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने इजरायली हमले की कड़ी निंदा की और इसे कतर की संप्रभुता के खिलाफ बताया.
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में पाकिस्तान ने दोहा अटैक को लेकर इजरायल को घेरने की कोशिश की, लेकिन दांव उल्टा पड़ गया. जवाब में इजरायल के राजदूत ने पाकिस्तान को ओसामा बिन लादेन की याद दिला दी. गुरुवार को यह तीखी बहस यूएनएससी की एक आपातकालीन बैठक में हुई, जिसका एजेंडा 'मध्य पूर्व की स्थिति' पर चर्चा था. इस बैठक का अनुरोध अल्जीरिया, पाकिस्तान और सोमालिया ने किया था और इसे फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम का समर्थन प्राप्त है.
आमने-सामने हुए पाकिस्तान और इजरायल
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने अपने संबोधन की शुरुआत इजरायली हमले की कड़ी निंदा से की. हमले को गैरकानूनी और कतर की संप्रभुता के खिलाफ बताया. कहा, "यह गैरकानूनी हमला कोई अकेली घटना नहीं है, बल्कि इजरायल की आक्रामकता और अंतर्राष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का हिस्सा है जो क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को कमजोर करता है." वहीं, पाकिस्तान के निंदा प्रस्ताव का इजरायल ने सधा हुआ जवाब दिया.
Israel slams Pakistan at UNSC over terrorism
— Sidhant Sibal (@sidhant) September 13, 2025
"When Bin laden was eliminated in Pakistan.. questions asked was why terrorist was given a shelter", says Israel’s Amb to US Danny Danon pointing his hand towards Pakistan's UN Ambassador Asim Iftikhar Ahmad pic.twitter.com/6Zwso0lFlH
संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के स्थायी प्रतिनिधि डैनी डैनॉन ने शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन के खात्मे वाले अमेरिकी अभियान का हवाला दिया. उन्होंने कहा, "जब पाकिस्तान में बिन लादेन का सफाया हुआ था, तो सवाल यह नहीं पूछा गया था कि विदेशी धरती पर एक आतंकवादी को क्यों निशाना बनाया गया. सवाल यह था कि एक आतंकवादी को पनाह क्यों दी गई. आज भी यही सवाल पूछा जाना चाहिए. बिन लादेन को कोई छूट नहीं है और हमास को भी कोई छूट नहीं मिल सकती."
पाकिस्तान ने किया पलटवार
पाकिस्तान ने तुरंत अपने जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल किया और राजदूत अहमद ने इस तुलना को "अस्वीकार्य, वास्तव में हास्यास्पद" बताते हुए खारिज किया. पाकिस्तान की प्रतिक्रिया के बाद, इजरायली राजदूत सदन में वापस आए और पाकिस्तान समेत अन्य सहयोगी देशों पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "हो सकता है कि उन्हें मेरे शब्दों से ठेस पहुंची हो, लेकिन मैं यह सुनिश्चित करता हूं कि मेरे भाषण तथ्यों पर आधारित हैं. और सच तो यह है कि ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में मारा गया था, और किसी ने भी इसके लिए अमेरिका की निंदा नहीं की.
जब दूसरे देश आतंकवादियों पर हमला करते हैं, तो भी कोई उनकी निंदा नहीं करता." उन्होंने आगे कहा, "आप इस तथ्य को नहीं बदल सकते कि 9/11 हुआ था, और आप इस तथ्य को भी नहीं बदल सकते कि ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में था और आपकी जमीन पर मारा गया था. जब आप हमारी आलोचना करते हैं और मुझे यकीन है कि आप ऐसा करते रहेंगे तो उन मानकों के बारे में सोचें जो आप अपने देश पर लागू करते हैं और उन मानकों के बारे में जो आप इजरायल पर लागू करते हैं."
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इस तीखे बातचीत ने यूएनएससी में पाकिस्तान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव को फिर से उजागर किया है। दोनों पक्षों के बीच तर्क और आरोपों का यह आदान-प्रदान न केवल मध्य पूर्व की जटिल स्थिति को सामने लाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर सुरक्षा, आतंकवाद और न्याय के मुद्दों पर मतभेद कितने गहरे हैं. विश्लेषकों के अनुसार, इस बहस का असर भविष्य में पाकिस्तान और इजरायल के कूटनीतिक संबंधों और क्षेत्रीय स्थिरता पर लंबी अवधि तक देखा जा सकता है.
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