दुनिया के सामने पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए भारत तैयार...दुश्मन मुल्क करेगा UNSC की अध्यक्षता, जानें पूरा प्लान
ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई के बाद एक बार फिर मोदी सरकार पाकिस्तान को अंतराष्ट्रीय मंच बेनकाब करने की बड़ी तैयारी कर ली है. दरअसल, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की जुलाई महीने की अध्यक्षता दुश्मन मुल्क पाकिस्तान को मिली है. इस मौक़े पर भारत जहां वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका को मजबूती से प्रस्तुत करने की योजना बना रहा है, वहीं पाकिस्तान की ओर से संभावित दुष्प्रचार को लेकर भी पूरी सतर्कता बरती जा रही है.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अगली बैठक पाकिस्तान की अध्यक्षता में होने जा रही है. ऐसे में भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रभावशीलता को बढ़ाने को लेकर एक नए अवसर के रूप में देख रहा है. कूटनीतिक हलकों में इसे भारत की वैश्विक स्थिति को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
पाकिस्तान की कोशिश से पहले भारत सतर्क
भारत इस वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका को मजबूती से प्रस्तुत करने की योजना बना रहा है, वहीं पाकिस्तान की ओर से संभावित दुष्प्रचार को लेकर भी पूरी सतर्कता बरती जा रही है. सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान इस अवसर का इस्तेमाल भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करने के लिए कर सकता है. आशंका है कि वह झूठे नैरेटिव गढ़कर और खुद को ‘पीड़ित’ दिखाकर वैश्विक सहानुभूति हासिल करने का प्रयास करेगा.साथ ही UNSC अध्यक्षता के मंच का दुरुपयोग कर भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कोशिश भी की जा सकती है. हालांकि, भारत इस प्रकार के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए पहले से ही रणनीति तैयार कर चुका है. भारतीय का राजनयिक तंत्र पूरी तरह से सक्रिय है और हर संभावित मोर्चे पर जवाब देने को तत्पर है. भारत की योजना है कि इस दौरान वह अपनी मजबूत आर्थिक स्थिति, बढ़ते विदेशी निवेश, और वैश्विक विकास में अपनी सकारात्मक भूमिका को दुनिया के सामने रखे. इसके अलावा, भारत आतंकवाद के मुद्दे पर भी मुखर रहेगा और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस वैश्विक खतरे के खिलाफ एकजुट होने की अपील करेगा. विदेश मंत्रालय से जुड़े सूत्रों की माने तो भारत इस मौके को एक अवसर के रूप में देख रहा है, जिससे न केवल उसकी वैश्विक छवि को मजबूती मिलेगी, बल्कि वैश्विक चुनौतियों के समाधान में भारत की भागीदारी भी स्पष्ट होगी.
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पाकिस्तान फिर रोएगा रोना
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करने को तैयार पाकिस्तान इस दौरान कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उछालने की कोशिश कर सकता है. उसका उद्देश्य भारत की छवि को धूमिल करना और खुद को ‘पीड़ित’ के रूप में प्रस्तुत करना है. यही नहीं, पाकिस्तान इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) की एक विशेष बैठक बुलाने की ही योजना बना रहा है, जिसमें कश्मीर और फिलिस्तीन जैसे संवेदनशील मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जा सकता है. विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम पाकिस्तान की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह भारत की बढ़ती वैश्विक स्वीकार्यता और कूटनीतिक सफलता पर पानी फेरने की कोशिश कर सकता है. हालांकि, भारत पहले से ही इन संभावनाओं को भांपते हुए पूरी तरह सतर्क है.
पाकिस्तान की अध्यक्षता के तहत भारत आयोजित करेगा फोटो प्रदर्शनी
जुलाई में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता संभालने जा रहे पाकिस्तान के नेत्तृत्व में भारत न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक विशेष फोटो प्रदर्शनी आयोजित करेगा. इस प्रदर्शनी में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की त्रासदी को केंद्र में रखकर आतंकवाद से मानवता को होने वाले नुकसान को दर्शाया जाएगा. इस महत्वपूर्ण प्रदर्शनी का उद्घाटन भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर करेंगे, जो उस समय अमेरिका में क्वॉड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए मौजूद रहेंगे. प्रदर्शनी के माध्यम से भारत का उद्देश्य वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ सशक्त संदेश देना और इसकी विभीषिका को दुनिया के सामने लाना है. इसके अलावा 22 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में "अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा" विषय पर एक खुली बहस (Open Debate) आयोजित की जाएगी. इस बहस में विभिन्न देशों के प्रतिनिधि शांति बनाए रखने, संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान, और सहयोग को बढ़ावा देने के उपायों पर चर्चा करेंगे. भारत इस चर्चा में अपनी सक्रिय भागीदारी के जरिए यह संदेश देना चाहता है कि वह न केवल एक जिम्मेदार वैश्विक साझेदार है, बल्कि शांति स्थापना और आतंकवाद उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध राष्ट्र भी है.
पाकिस्तान फिर दोहराएगा कश्मीर राग
इस बार भारत का फोकस नकारात्मक राजनीति से हटकर अपनी विकास यात्रा और वैश्विक सहयोग में निभाई जा रही भूमिका को उजागर करने पर रहेगा. नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस पूरे महीने के लिए भारत ने ऐसे कार्यक्रमों की योजना बनाई है, जो देश की आर्थिक सफलता, निवेश में वृद्धि, स्टार्टअप संस्कृति और डिजिटल प्रगति को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने पेश करेंगे. इन कार्यक्रमों के माध्यम से भारत यह संदेश देना चाहता है कि वह न केवल दक्षिण एशिया में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक स्थिर, भरोसेमंद और समावेशी विकास साझेदार के रूप में उभरा है. वहीं दूसरी ओर, पाकिस्तान एक बार फिर अपने पुराने राग कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर दोहराने की कोशिश कर सकता है.