Advertisement

ट्रंप के H-1B वीजा प्लान को चीन करेगा फेल, ग्लोबल टैलेंट को रिझाने के लिए जारी किया K वीजा, जानें इसके बारे में सबकुछ

अमेरिका में H1-B वीजा की फीस बढ़ने के बाद चीन ने 1 अक्टूबर से नई K वीजा श्रेणी लॉन्च करने की घोषणा की है. इसका उद्देश्य STEM क्षेत्रों के युवा और प्रतिभाशाली पेशेवरों को चीन में आकर्षित करना है. नए नियम 1 अक्टूबर, 2025 से प्रभावी होंगे और इसमें प्रवेश-निकास प्रक्रिया को आसान बनाया गया है.

22 Sep, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
01:58 AM )
ट्रंप के H-1B वीजा प्लान को चीन करेगा फेल, ग्लोबल टैलेंट को रिझाने के लिए जारी किया K वीजा, जानें इसके बारे में सबकुछ
Xi Jinping (File Photo)

अमेरिका की ट्रंप सरकार द्वारा H1-B वीजा की फीस में भारी बढ़ोतरी के फैसले ने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है, और इसका असर खासतौर पर भारत पर पड़ा है. इसी बीच, भारत के पड़ोसी देश चीन ने ग्लोबल टैलेंट को अपने देश की तरफ आकर्षित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार ने 1 अक्टूबर से नई K वीजा कैटेगरी शुरू करने की घोषणा की है. इस वीजा का उद्देश्य दुनियाभर के युवा और प्रतिभाशाली पेशेवरों को चीन लाना है, खासकर विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और STEM क्षेत्रों में दक्ष लोगों को बीजिंग तक खींचने के लिए.

चीन का बड़ा कदम

दरअसल, दुनिया में वर्किंग वीजा के नियम धीरे-धीरे कड़े होते जा रहे हैं, और ऐसे में चीन ने एक बड़ा कदम उठाया है. चीनी सरकार ने रविवार को आधिकारिक बयान जारी करते हुए नई K वीजा श्रेणी लॉन्च करने की घोषणा की है. यह वीजा 1 अक्टूबर, 2025 से प्रभावी होगा और इसका उद्देश्य दुनियाभर के युवा और कुशल पेशेवरों को चीन में आकर्षित करना है.

H1-B का चीनी वर्जन 

जानकारों का कहना है कि चीन का K वीजा को अमेरिकी H-1B वीजा का चीनी वर्जन है. जब अमेरिका और अन्य देश उच्च कुशल कर्मचारियों को आकर्षित करने के नियमों को कड़ा कर रहे हैं, चीन ने इसका अवसर लिया है. खासकर दक्षिण एशिया के तकनीकी पेशेवरों के लिए यह वीजा एक नया विकल्प बन सकता है.

K वीजा पाने के लिए क्या होगी योग्यता?

चीनी न्याय मंत्रालय के अनुसार, K वीजा उन विदेशियों के लिए है जिन्होंने प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों या शोध संस्थानों से STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स) क्षेत्रों में स्नातक या उच्चतर डिग्री प्राप्त की हो. यह वीजा उन युवाओं के लिए भी है जो चीन में शोध या शिक्षण कार्य करना चाहते हैं. भारत और अन्य देशों के इच्छुक पेशेवर K वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन उन्हें चीनी अधिकारियों द्वारा निर्धारित योग्यताएएं पूरी करनी होंगी. विदेशों में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावास दस्तावेजों की सूची जारी करेंगे. इसमें शैक्षिक योग्यता और पेशेवर या शोध कार्य का प्रमाण देना अनिवार्य होगा.

K वीजा की विशेषता

K वीजा में चीन की मौजूदा 12 सामान्य वीजा श्रेणियों की तुलना में कई सहूलियतें दी गई हैं. इसकी वैधता लंबी होगी और रहने की अवधि में लचीलापन रहेगा. यह दूसरी वर्किंग वीजा के विपरीत, आवेदक को किसी चीनी नियोक्ता या संस्था से आमंत्रण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी. इससे आवेदन प्रक्रिया आसान और कम प्रतिबंधात्मक हो जाएगी.

व्यापक सुधार की दृष्टि से बड़ा कदम 

K वीजा धारकों को न सिर्फ चीन में व्यावसायिक गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति होगी, बल्कि वे संस्कृति और विज्ञान के क्षेत्र में अध्ययन भी कर सकते हैं. विशिष्ट आयु, शिक्षा या कार्य अनुभव जैसी शर्तों के अलावा नियोक्ता की आवश्यकता नहीं होगी. जानकारों की माने तो चीन का यह कदम अंतर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और वैश्विक प्रतिभाओं को आकर्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है. ऐसे पेशेवर जो विदेश में नए अवसरों की तलाश में हैं, उनके लिए यह वीजा नए दरवाजे खोल सकता है.

यह भी पढ़ें

बताते चलें कि चीन की यह पहल दिखाती है कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा के इस दौर में चीन बहुत ही ज्यादा सक्रिय है. ऐसे में चीनी सरकार की अमेरिका पर पूरी तरह से नजर है. ट्रंप सरकार जो भी नए नियमों वैश्विक स्तर पर लागू कर रही है. चीन तुरंत उसका तोड़ निकालकर दुनिया को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. 

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
अधिक
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें