तुर्की ने पाकिस्तान को युद्ध के मिसाइल और ड्रोन देकर मदद की. इस वजह से भारतीयों ने #boycottturkey और अज़रबैजान कैंपेन चलाया, जो काफ़ी ज़्यादा ट्रेंड करने लगा. अब इस कैंपेन के कारण तुर्की को बड़े स्तर पर नुक़सान होने की संभावना है.
पहलगाम टेरर अटैक के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर जैसे एक्शन के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव जैसी स्थिति है. इस तनाव के बीच ये तस्वीर भी साफ़ हो गई कि कौन भारत का साथी है और कौन भारत का दुश्मन. भारत-पाकिस्तान की लड़ाई में तुर्की ने पाकिस्तान का साथ दिया. तुर्की ने पाकिस्तान को युद्ध के मिसाइल और ड्रोन देकर मदद की. अब तुर्की का पाकिस्तान को मदद करना भारतीय ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों के नागरिकों को भी रास नहीं आया. जिस वजह से जब भारतीयों ने #boycottturkey और अज़रबैजान कैंप चलाया तो इसे विश्व भर का साथ मिला.
तुर्की और अजरबैजान की इकोनॉमी टूरिज्म पर निर्भर
तुर्की और अजरबैजान जैसे देशों की इकोनॉमी में टूरिज्म का एक बहुत बड़ा रोल प्ले करता है. इनकी कुल जीडीपी का 10% हिस्सा टूरिज्म से ही आता है. अजरबैजान में तो लगभग 70% पर्यटक भारत से ही जाते है. लेकिन जिस तरह से तुर्की ने पाकिस्तान का साथ दिया है, उससे भारत के लोगों के बॉयकॉट तुर्की और अजरबैजान कैंपेंन छेड़ दिया. अब इसका बड़े स्तर पर प्रभाव देखने को मिलेगा.
तुर्की के सेब नहीं खरीद रहे लोग
तुर्की का पाकिस्तान को समर्थन देने पर पुणे में "बैन टर्की" ट्रेंड शुरू हो गया है. पुणे के व्यापारियों ने तुर्की से आने वाले सेब का बहिष्कार कर दिया है. इस वजह से मार्केट यार्ड से तुर्की के सेब गायब हो गए हैं. व्यापारियों ने साफ़ तौर पर कहा कि देश का दुश्मन हमारा भी दुश्मन है. ग्राहकों ने भी व्यपारियों का साथ दिया और सेब ख़रीदने से मना कर दिया. इस बहिष्कार से तुर्की को आर्थिक चोट पहुंचने की संभावना है.
उत्पादों का बहिष्कार
भारत में तुर्की के अलावा अजरबैजान और उज्बेकिस्तान जैसे देशों के उत्पादों को बॉयकॉट करने की मांग उठने लगी है. आपको बता दें कि तुर्की से बड़ी मात्रा में सामान भारत में इंपोर्ट होता है, जिसकी यहां अच्छी-खासी बिक्री भी होती है. लेकिन तुर्की का पाकिस्तान को सपोर्ट करना इन उत्पादों की मांग में गिरावट ला सकता है. इन उत्पादों में तुर्की कालीन, तुर्की फर्नीचर, तुर्की चीनी मिट्टी की चीजें, बुना हुआ कपड़ा, फैशन परिधान, जेवर, सिरेमिक टाइल्स, चेरी और अन्य फल, सूखे मेवे, जैतून का तेल, प्रोसेस्ड फूड, हाथ से बनी सजावटी वस्तुएं, मोज़ेक आर्ट, पारंपरिक टाइल्स, हेज़लनट्स, अखरोट, किशमिश, बादाम, चॉकलेट, कन्फेक्शनरी, मसाले और हर्बल चाय शामिल हैं.
भारत और तुर्की के बीच व्यापार
वित्त वर्ष 2023-24 में, तुर्की के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 10.43 अरब डॉलर का था, जिसमें निर्यात 6.65 अरब डॉलर और आयात 3.78 अरब डॉलर रहा. भारत से तुर्की को निर्यात किए जाने वाले प्रमुख उत्पादों में वाहन, रसायन और इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं. फरवरी 2024 और फरवरी 2025 के बीच भारत का निर्यात और आयात तुर्की से घटा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान भारत का तुर्की को निर्यात 9.7 मिलियन डॉलर (2.06%) घटकर 470 मिलियन डॉलर से 461 मिलियन डॉलर पर आ गया. इसी अवधि में, तुर्की से आयात भी 232 मिलियन डॉलर (61.9%) घटकर 375 मिलियन डॉलर से 143 मिलियन डॉलर पर आ गया.