टैरिफ की टेंशन के बीच भारत को मिला ऑस्ट्रेलिया का साथ, विदेश मंत्री वोंग ने कहा- हम भारत के मजबूत समर्थक
अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगाए हैं. इस बीच ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि वह भारत को ‘गहरा और भरोसेमंद साझेदार’ मानता है. विदेश मंत्री पेनी वोंग ने बताया कि उनकी सरकार टैरिफ का समर्थन नहीं करती और खुली अर्थव्यवस्था में ही तरक्की संभव है. उन्होंने क्वाड को साझा उद्देश्यों वाला गठबंधन बताया और कहा कि सहयोग और असहमति दोनों परिपक्व रिश्ते का हिस्सा हैं.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर हाल ही में 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय व्यापार माहौल गर्म हो गया है. ऐसे समय में ऑस्ट्रेलिया ने बुधवार को साफ किया कि वह भारत को ‘गहरा, मजबूत और भरोसेमंद साझेदार’ मानता है. ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनकी सरकार ‘टैरिफ का समर्थन नहीं करती’ और खुली अर्थव्यवस्था में ही सबकी तरक्की संभव है.
क्वाड में भारत के महत्व को रेखांकित किया
पेनी वोंग ने कहा कि क्वाड (Quad) भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान का गठबंधन सिर्फ नाम का नहीं है बल्कि साझा उद्देश्यों पर आधारित है. उन्होंने स्पष्ट किया कि क्वाड के मजबूत समर्थक के रूप में ऑस्ट्रेलिया हमेशा भारत के साथ खड़ा रहेगा. उन्होंने कहा, ‘भले ही द्विपक्षीय संबंधों में उतार-चढ़ाव आते रहें, हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि हमारे साझा लक्ष्य क्या हैं. एक शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध क्षेत्र.’ वोंग ने अमेरिकी टैरिफ पर सीधे टिप्पणी से बचते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया खुले व्यापार पर भरोसा करता है और यही कारण है कि उनकी अर्थव्यवस्था ने तेजी से विकास किया. उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि यही सोच आगे भी कायम रहे.’ यह बयान संकेत देता है कि ऑस्ट्रेलिया व्यापार और आर्थिक सहयोग में भारत का मजबूत पक्षधर है, भले ही वैश्विक राजनीतिक दबाव मौजूद हों.
भारत-चीन संबंध और ऑस्ट्रेलिया की नीति
भारत और चीन के बीच बेहतर हो रहे संबंधों के सवाल पर वोंग ने कहा कि चीन एक बड़ी ताकत है और वह अपने हितों की रक्षा के लिए कार्रवाई करता है. उन्होंने स्पष्ट किया, ‘कुछ चीजों पर ऑस्ट्रेलिया की सहमति होगी, कुछ पर नहीं. परिपक्व संबंध यही है कि हम सहयोग भी करें और असहमति भी जताएं.’ यह बात बताती है कि ऑस्ट्रेलिया भारत के साथ न केवल सहयोग करना चाहता है बल्कि क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने के लिए व्यावहारिक कदम भी उठाने के लिए तैयार है. वोंग ने बताया कि उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से सबसे ज्यादा मुलाकातें की हैं, जो यह दर्शाता है कि भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को प्राथमिकता दी जा रही है.
भारतीय छात्रों के लिए साफ संदेश
ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों पर बढ़ी वीजा फीस के सवाल पर वोंग ने कहा कि यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और कोविड के बाद अचानक बढ़े दाखिलों को स्थिर करने के लिए उठाया गया है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि ‘हम अंतरराष्ट्रीय छात्रों का स्वागत जारी रखेंगे. भारतीय छात्र हमारे लिए रिश्तों की मजबूत कड़ी हैं.’ इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि ऑस्ट्रेलिया न केवल आर्थिक और राजनीतिक रूप से भारत के साथ मजबूत संबंध बनाए रखना चाहता है बल्कि शिक्षा और सांस्कृतिक क्षेत्र में भी सहयोग जारी रखने की दिशा में काम कर रहा है.
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बता दें कि अमेरिका के टैरिफ और वैश्विक व्यापार में बढ़ते तनाव के बीच ऑस्ट्रेलिया का यह रुख भारत के लिए राहत भरा संदेश है. यह संकेत है कि क्वाड के भीतर भारत का महत्व केवल सामरिक नहीं बल्कि आर्थिक और शैक्षिक सहयोग में भी अहम है. वोंग के बयान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ऑस्ट्रेलिया भारत के भरोसेमंद साझेदार के रूप में खड़ा है और दोनों देशों की साझा जिम्मेदारियों और उद्देश्यों को आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है.
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