'भारत से दोस्ती में ही अमेरिका की भलाई...', हिंदुस्तान से रिश्तों को मिट्टी पलीद कर रहे ट्रंप को मिली नसीहत, रिपब्लिकन निक्की हेली ने चेताया
अमेरिका की पूर्व राजदूत और रिपब्लिकन पार्टी की प्रमुख नेता निक्की हेली ने भारत को अमेरिका का अनिवार्य मित्र बताया है. हेली ने कहा है कि भारत और अमेरिका को टैरिफ के मसले पर एक साथ बैठकर समाधान निकालना चाहिए, न कि एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाना चाहिए. हेली ने आगे सुझाव दिया कि यह बातचीत जितनी जल्दी होगी, दोनों देशों के लिए उतना ही बेहतर होगा.
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करीब 25 वर्षों की कड़ी मेहनत और कोशिशों के बाद बनी इंडिया-यूएस की मजबूत साझीदारी और दोस्ती की तिलांजलि देने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत और रिपब्लिकन पार्टी की प्रमुख नेता निक्की हेली ने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को और अधिक सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया है. उन्होंने भारत को एक ऐसा मजबूत और विश्वसनीय सहयोगी बताया है जिसकी अमेरिका को न केवल वर्तमान वैश्विक संकटों से निपटने के लिए, बल्कि विशेष रूप से चीन जैसी विस्तारवादी शक्तियों का मुकाबला करने के लिए अत्यंत आवश्यकता है.
न्यूजवीक में लिखे अपने विस्तृत विचार लेख में हेले ने भारत को अमेरिका का एक 'अनिवार्य' मित्र करार दिया. हालांकि उन्होंने पिछले दिनों भारत को लेकर लिए अपने स्टैंड में थोड़ी नरमी लाते हुए कहा कि नई दिल्ली को भी वॉशिंगटन के साथ अपने संबंधों को और भी परिपक्व तरीके से संभालना चाहिए और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उठाई गई रूसी तेल की खरीद को लेकर जताई गई चिंता को गंभीरता से लेना चाहिए. हेली ने बीते दिनों भारत पर लगाए गए टैरिफ नीति की आलोचना करते हुए कहा था कि ये रणनीतिक आपदा होगी.
दोनों देशों को साथ बैठकर निकालना चाहिए समाधान
निक्की ने बिगड़ते रिश्तों पर कहा कि भारत और अमेरिका को इस मसले पर एक साथ बैठकर समाधान निकालना चाहिए, न कि एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाना चाहिए. हेली ने आगे सुझाव दिया कि यह बातचीत जितनी जल्दी होगी, दोनों देशों के लिए उतना ही बेहतर होगा. हाल के वर्षों में भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक मामलों को लेकर कुछ टकराव जरूर सामने आए हैं. टैरिफ, आयात-निर्यात नियमों और डिजिटल अर्थव्यवस्था को लेकर मतभेद पैदा हुए हैं. इस संदर्भ में निक्की हेली ने कहा कि इन विवादों को सुलझाने के लिए "सख्त लेकिन ईमानदार बातचीत" की आवश्यकता है.
India must take Trump's point over Russian oil seriously, and work with the White House to find a solution. The sooner the better.
— Nikki Haley (@NikkiHaley) August 23, 2025
Decades of friendship and good will between the world's two largest democracies provide a solid basis to move past the current turbulence.…
हेली ने जोर देकर कहा कि व्यापारिक असहमति और रणनीतिक भागीदारी एक-दूसरे से अलग हैं. हमें व्यापार के मुद्दों को प्राथमिकता पर सुलझाना चाहिए, लेकिन इस प्रक्रिया में अपनी दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी को कमजोर नहीं पड़ने देना चाहिए.
हर क्षेत्र में चीन से आगे निकला भारत, जापान को छोड़ेगा पीछे
निक्की हेली ने भारत की जनसंख्या, आर्थिक विकास और भू-राजनीतिक स्थिति को अमेरिका के लिए एक बड़े अवसर के रूप में देखा है. उन्होंने लिखा कि भारत न केवल जनसंख्या के लिहाज़ से चीन से आगे निकल चुका है, बल्कि उसकी युवा आबादी, नवाचार क्षमता और तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था उसे 21वीं सदी की एक प्रमुख शक्ति बनाती है.
हेली के अनुसार, "भारत जल्द ही जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. इसके अलावा, यह दुनिया का सबसे तेज़ी से विकास कर रहा प्रमुख राष्ट्र है. अमेरिका के लिए इससे बड़ा कोई रणनीतिक अवसर नहीं हो सकता." उन्होंने यह भी कहा कि भारत का उदय अमेरिका या उसके सहयोगियों के लिए किसी प्रकार का खतरा नहीं है. इसके विपरीत, भारत का लोकतांत्रिक ढांचा, कानून का शासन और वैश्विक स्थिरता में योगदान उसे पश्चिमी लोकतांत्रिक देशों का स्वाभाविक साथी बनाता है.
चीन से भारत को चेताया, अमेरिका से संबंध महत्वपूर्ण मोड़ पर
हेली ने चेताते हुए कहा कि चीन लगातार अपने प्रभाव क्षेत्र को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. चाहे वो दक्षिण चीन सागर में हो, अफ्रीका में, या फिर वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं में. ऐसे में अमेरिका को एक ऐसा साझेदार चाहिए जो न केवल भौगोलिक रूप से चीन के करीब हो, बल्कि उसकी अर्थव्यवस्था और सैन्य दृष्टिकोण से भी प्रभावशाली हो. उन्होंने लिखा, भारत को साथ लिए बिना चीन को संतुलित करना मुश्किल है. इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका को आगाह किया कि भारत के साथ रिश्ता केवल रणनीतिक साझेदारी के काग़ज़ी दस्तावेज़ों तक सीमित न रहे, बल्कि वास्तविक, व्यावहारिक और दीर्घकालिक स्तर पर सहयोग बढ़ाया जाए.
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लेख के अंत में निक्की हेले ने यह स्पष्ट किया कि भारत और अमेरिका के संबंध एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़े हैं. व्यापार से लेकर रक्षा, और ऊर्जा से लेकर वैश्विक रणनीति तक दोनों देशों को कई स्तरों पर सहयोग की आवश्यकता है. हालांकि कुछ मुद्दों पर मतभेद अवश्य हैं, लेकिन उन्हें संवाद और कूटनीति से सुलझाया जा सकता है. उन्होंने कहा, हम दोनों देशों ने दशकों तक एक-दूसरे के साथ मित्रता और विश्वास की भावना से काम किया है. अब समय है कि हम अपने साझा लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ें.
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