Senior Citizen Loan: सीनियर सिटीजन को बैंक लोन देने से क्यों है खतराता, जानिए
Senior Citizen Loan: कोई पर्सनल लोन ले रहा है तो बैंको उसकी नौकरी कितनी बची है उस हिसाब से लोन देता है। वही सीनियर सिटीजन को बैंक से लोन में थोड़ी दिक्कत हो जाती है क्योकि वो उस समय नौकरी नहीं कर रहे होते है।
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Senior Citizen Loan: किसी को अगर ज्यादा पैसों की जरूरत होती है तो वो पहले अपने रिश्तेदरों या फिर दोस्तों से मदद लेता है। लेकिन वहा से उसको मदद नहीं मिलती तो वो बैंक से लोन लेने का सोचते है।बैंक लोगो के अपने अलग अलग जरुरतो के हिसाब लोन मुहैया करवाता है। लेकिन लोन लेने के समय बैंक आपसे कुछ चीजे सिक्योरिटी के तौर पर रखवाता है। लोन लेने के लिए बैंक और भी तरह के मापदंड तय करता है । अगर कोई पर्सनल लोन ले रहा है तो बैंको उसकी नौकरी कितनी बची है उस हिसाब से लोन देता है। वही सीनियर सिटीजन को बैंक से लोन में थोड़ी दिक्कत हो जाती है क्योकि वो उस समय नौकरी नहीं कर रहे होते है।ऐसे में बैंक लोन देने में थोड़ी सिक्योरिटी को लेकर थोड़ा सजग होते है। आइये जानते है 60 साल की उम्र के बाद आपको कितन अलोन मिल सकता है।
ऐसे मिल जाएगा सीनियर सिटीजन को लोन
वही आपको बता दे , अगर कोई 60 साल से ऊपर है तो उसे लोन देने में बैंक थोड़ा आनाकानी जरूर करता है। वही अगर सीनियर सिटीजन लोन के लिए अप्लाई करते है तो उसको दिए जाने वाली राशि उसके पेंशन के अमाउंट के हिसाब से तय की जाती है। तो उसी हिसाब से जिसकी उम्र 30 -40 साल की है उनको लोन उनकी सैलेरी के हिसाब से मिलता है। उसी प्रकार सीनियर सिटीजन को उनके पेंशन के हिसाब से लोन दिया जाता है। इसक साथ ही क्रेडिट स्कोर भी चेक किया जाता है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा होता है तो आपको ज्यादा राशि मिलने की सम्भावना रहती है।
सिक्योर्ड लोन आसानी से मिल जाता है
सीनियर सिटीजन को लोन देने में बैंक को सबसे ज्यादा खतरा सिक्योरिटी को लेकर होता है। बैंक को इस बात का डर होता है की वो लोन सही समय पर चूका पाएंगे या नहीं। वही अगर कोई सीनियर सिटीजन गोल्ड, प्रॉपर्टी या एफडी को लेकर लोन मिलता है। तभी बैंक से जल्दी अप्र्रोवल मिलने की गुंजाइश होती है।
ब्याज दर चेक करके लोन ले
बैंक लोन लेने से पहले सारे बैंक में जाकर ब्याज दर चेक कर ले।कोई बैंक बहुत ज्यादा ब्याज दर पर लोन देता है। तो कोई बैंक काम दर पर लोन देता है। सीनियर सिटीजन को लोन लेते वक्त इस बात का ध्यान रखना चाहिए की लोन की कितनी अवधि है। क्योकि अगर अवधि कम होगी तो उसकी ईएमआई ज्यादा होगी।
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