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सेना के शौर्य को सलाम, वीर सैनिकों के सम्मान में जगमगाए देशभर के रेलवे स्टेशन, देखें खूबसूरत तस्वीरें

भारतीय रेल की यह पहल यह दर्शाती है कि हम, भारतवासी, न केवल सेना के शौर्य को सलाम करते हैं, बल्कि उसकी गाथा को अगली पीढ़ियों तक पहुँचाने की भी जिम्मेदारी निभाते हैं.

Indian Railway: भारतीय सेना की अदम्य शौर्यगाथा "ऑपरेशन सिंदूर" के सम्मान में भारतीय रेल ने पूरे देश में एक ऐतिहासिक पहल की, जिसने भारतवर्ष के कोने-कोने में राष्ट्रप्रेम की नई ज्योति जलाई. कश्मीर से कन्याकुमारी और गुजरात से असम तक फैले रेलवे स्टेशन इन दिनों एक अलग ही रंग में रंगे नजर आए — तिरंगे की रोशनी में नहाए ये स्टेशन मानो वीर जवानों को नमन कर रहे हों.

रेलवे परिसरों में बजते देशभक्ति के गीतों ने हर यात्री के हृदय को छू लिया. हर दिशा से गूंजती देश की पुकार, स्टेशन की दीवारों से टकराकर एकता और अखंडता का संदेश देती रही। स्क्रीनों पर चल रहे प्रेरणादायक दृश्य, राष्ट्रभक्ति से जुड़ी क्लिप्स और सेना के अद्वितीय साहस को दर्शाते विजुअल्स ने हर आम आदमी के मन में अपने देश के लिए गर्व और अपने सैनिकों के प्रति सम्मान की भावना को प्रबल किया.

तिरंगा यात्रा: हर दिल में बसी वीरता की लौ

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की कहानी को जन-जन तक पहुँचाने के लिए भारतीय रेल ने एक और साहसिक कदम उठाया — तिरंगा यात्रा. यह केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि राष्ट्रप्रेम की एक चलती-फिरती प्रेरणा बन गई. विभिन्न शहरों, गांवों और कस्बों से गुजरती यह यात्रा जहां भी पहुँची, वहां के नागरिकों ने पूरे जोश और उमंग के साथ इसका स्वागत किया.


रेल कर्मचारियों, स्थानीय लोगों, स्कूल के बच्चों और सामाजिक संगठनों ने एक साथ मिलकर इस यात्रा को एक जनआंदोलन का रूप दे दिया. इस यात्रा ने हर आयु वर्ग के भारतीयों को यह महसूस कराया कि देश की रक्षा केवल सैनिकों की ही नहीं, बल्कि हर नागरिक की भी जिम्मेदारी है. 


नुक्कड़ नाटक: जनमानस से जुड़ने की सशक्त पहल

तिरंगा यात्रा के साथ-साथ रेलवे स्टेशनों पर नुक्कड़ नाटकों का आयोजन कर भारतीय रेल ने आम जनता से सीधे संवाद स्थापित किया. इन नाटकों ने न केवल ऑपरेशन सिंदूर की वीरता को दर्शाया, बल्कि आतंकवाद के विरुद्ध हमारी सामूहिक लड़ाई और न्याय की मांग को भी सशक्त रूप में प्रस्तुत किया.


संवेदनशीलता, सच्चाई और देशभक्ति से लबरेज ये प्रस्तुतियाँ न केवल दर्शकों की आंखों में आंसू ला गईं, बल्कि उन्हें आत्ममंथन और कर्तव्यबोध के लिए भी प्रेरित कर गईं. 

ऑपरेशन सिंदूर, जो पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद आतंक के विरुद्ध भारतीय सेना की प्रतिज्ञा का प्रतीक बना, आज एक गौरवशाली अध्याय के रूप में इतिहास में दर्ज हो चुका है. भारतीय रेल की यह पहल यह दर्शाती है कि हम, भारतवासी, न केवल सेना के शौर्य को सलाम करते हैं, बल्कि उसकी गाथा को अगली पीढ़ियों तक पहुँचाने की भी जिम्मेदारी निभाते हैं.


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