Uttarakhand में सरकार ने क्यों शुरू किया ऑपरेशन कालनेमि?
देवभूमि कहे जाने वाले उस उत्तराखंड को साधु-संतों के वेश में कुछ राक्षस अपराध को अंजाम देने में लगे हुए हैं जिनका असली मकसद भगवा के नाम पर अपराध करना और भगवा को बदनाम करना है लेकिन लगता है ऐसे राक्षसों का खेल अब ज्यादा दिन तक नहीं चलने वाला है, क्योंकि देवभूमि उत्तराखंड की सत्ता संभाल रहे सीएम पुष्कर सिंह धामी के एक आदेश पर ऑपरेशन कालनेमि की शुरुआत हो गई है और अब कोई भी पाखंडी ऐसी हरकत करता हुआ पकड़ा जाएगा उसे तगड़ा सबक सिखाया जाएगा !

जिस उत्तराखंड को देवों की भूमि कहा जाता है… जिस उत्तराखंड में चार धाम की पवित्र यात्राएं होती हैं... देवभूमि कहे जाने वाले उस उत्तराखंड को साधु-संतों के वेश में कुछ राक्षस अपराध को अंजाम देने में लगे हुए हैं… जिनका असली मकसद भगवा के नाम पर अपराध करना और भगवा को बदनाम करना है... लेकिन लगता है ऐसे राक्षसों का खेल अब ज्यादा दिन तक नहीं चलने वाला है… क्योंकि देवभूमि उत्तराखंड की सत्ता संभाल रहे सीएम पुष्कर सिंह धामी के एक आदेश पर ऑपरेशन कालनेमि की शुरुआत हो गई है... और अब कोई भी पाखंडी ऐसी हरकत करता हुआ पकड़ा जाएगा उसे तगड़ा सबक सिखाया जाएगा…
दरअसल देवभूमि उत्तराखंड में पिछले कई महीनों से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं… जब साधु संतों के वेश में गुंडे-बदमाशों ने अपराध को अंजाम देने का काम किया... 8 जुलाई को ही टिहरी पुलिस ने हरियाणा के एक ऐसे कुख्यात गैंगस्टर को गिरफ्तार किया… जिस पर पहले से ही उसके खिलाफ 15 मुकदमे भी दर्ज थे... और कांवड़िये के भेष में टिहरी में चरस की तस्करी कर रहा था… लेकिन उत्तराखंड पुलिस की नजरों से नहीं बच पाया... ये तो सिर्फ एक उदाहरण है… ऐसे कई मामले हैं जब साधु-संतों के भेष में बदमाशों ने अपराध को अंजाम दिया... यही वजह है कि उत्तराखंड सरकार अब ऐसे फर्जी साधु-संतों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए ऑपरेशन कालनेमि की शुरुआत करने जा रही है…
देवभूमि उत्तराखंड में सनातन धर्म की आड़ में लोगों को ठगने और उनकी भावनाओं से खिलवाड़ करने वाले छद्म भेषधारियों के खिलाफ ऑपरेशन कालनेमि शुरू करने के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए, प्रदेश में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां असामाजिक तत्व साधु-संतों का भेष धारण कर लोगों, विशेषकर महिलाओं को ठगने का कार्य कर रहे हैं, इससे न सिर्फ लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, बल्कि सामाजिक सौहार्द और सनातन परंपरा की छवि को भी नुकसान पहुंच रहा है, ऐसे में किसी भी धर्म का व्यक्ति यदि ऐसे कृत्य करता हुआ मिलता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी
धर्म की आड़ लेकर सनातन धर्म को बदनाम करने वाले फर्जी साधु-संतों के खिलाफ की जाने वाली सख्त कार्रवाई को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यूं ही ऑपरेशन कालनेमि नाम नहीं दिया है.
जिस प्रकार असुर कालनेमि ने साधु का भेष धारण कर भ्रमित करने का प्रयास किया था वैसे ही आज समाज में कई “कालनेमि” सक्रिय हैं जो धार्मिक भेष धारण कर अपराध कर रहे हैं, हमारी सरकार जनभावनाओं, सनातन संस्कृति की गरिमा की रक्षा और सामाजिक सौहार्द बनाये रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, आस्था के नाम पर पाखंड फैलाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमि की शुरुआत करने की सख्त जरुरत थी… क्योंकि आए दिन फर्जी बाबाओं के कारनामे सामने आते रहे हैं... इसी साल जून में ऊधमसिंह नगर पुलिस ने एक ऐसे ढोंगी बाबा को गिरफ्तार किया था… जिसने खुद को इच्छाधारी बाबा बताकर रुद्रपुर में एक ऐसी महिला के साथ करीब चार लाख की ठगी करने के साथ ही उसके साथ दुष्कर्म भी किया… जिसका पति साल 2017 से कोमा में है... ये तो सिर्फ एक मामला था… ऐसी ना जाने कितनी महिलाओं से आरोपी रामभगत ने संतान दिलाने, जमीन में दबा खजाना निकालने और वशीकरण जैसे झांसे देकर न सिर्फ करोड़ों की ठगी करता रहा, बल्कि ब्लैकमेलिंग और यौन शोषण तक करता रहा... और अब सलाखों के पीछे सजा काट रहा है... ऐसे ही फर्जी बाबाओं को सबक सिखाने के लिए उत्तराखंड की धामी सरकार ऑपरेशन कालनेमि की शुरुआत करने जा रही है…