अवैध धर्मांतरण के सरगना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के काले साम्राज्य का अंत, योगी सरकार की सख्ती के बाद कोठी पर चला बुलडोजर
बलरामपुर में जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की कोठी पर प्रशासन का बुलडोजर चला है. बताया जा रहा है कि यह वही कोठी है जिसमें जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा अपने गैंग के लोगों के साथ रहता था और यहीं से अपने काले साम्राज्य का संचालन करता था.

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण रैकेट चलाने वाले जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ प्रशासन ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है. छांगुर बाबा की अवैध रूप से निर्मित आलीशान कोठी पर बुलडोजर चलाया गया. प्रशासन का कहना है कि यह कोठी अवैध निर्माण के तहत बनाई गई थी. बताया जा रहा है कि इसी कोठी से छांगुर बाबा अपने गिरोह के साथ धर्मांतरण के पूरे नेटवर्क को संचालित करता था. इस कार्रवाई को प्रशासन ने अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अंजाम दिया है.
अवैध धर्मांतरण के आरोपी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की आलीशान कोठी पर बुलडोजर चला दिया गया है. ये एक मोहरा है. इसके लिए फंडिंग NGO की लाइन और केस लड़ने के लिए वकीलों की फौज थी. इसे हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण पर पहले से फिक्स लाखों रुपए मिलते थे.
— Guddu Khetan (@guddu_khetan) July 8, 2025
क्या रेट था?
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गौरतलब है कि बलरामपुर में छांगुर बाबा के अवैध धर्मांतरण से जुड़े काले कारनामों के उजागर होने के बाद पुलिस और प्रशासन सक्रिय हो गया है. जांच के दौरान यह सामने आया कि छांगुर बाबा ने कोतवाली उतरौला क्षेत्र के मधपुर गांव में एक आलीशान कोठी अवैध रूप से सरकारी जमीन पर बनवा रखी थी. इस संबंध में प्रशासन ने पहले नोटिस जारी किया था और फिर बेदखली का आदेश भी दिया गया. आदेश के अनुपालन में अब प्रशासन ने उस कोठी पर बुलडोजर चलाकर कार्रवाई की है. यह कदम अवैध कब्जों और आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ सरकार की सख्त नीति को दर्शाता है.
अतिक्रमण कर बनाई गई कोठी
मिली जानकारी के अनुसार, यह आलीशान कोठी छांगुर बाबा, नवीन रोहरा और नीतू रोहरा की साझा रिहाइश थी. जांच में सामने आया कि कोठी गाटा संख्या 337/370 की भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण करके बनाई गई थी. यह जमीन नीतू नवीन अरोड़ा के नाम दर्ज है. प्रशासन ने पहले इस जमीन की पैमाइश करवाई और फिर नियमानुसार कार्रवाई करते हुए बुलडोजर चलाया.
इससे पहले प्रशासन ने अवैध निर्माण को लेकर नोटिस भी चस्पा किया था. हालांकि, पैमाइश की प्रक्रिया उस समय पूरी नहीं हो सकी थी क्योंकि छांगुर बाबा के परिजनों ने विरोध किया था. विरोध के बावजूद प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए आज दोबारा कार्रवाई की और अतिक्रमण हटाया गया.
तीन बुलडोज़रों ने कोठी को किया जमींदोज
दरअसल, मंगलवार सुबह जिला प्रशासन की टीम तीन बुलडोज़रों के साथ छांगुर बाबा की कोठी पर पहुंची और अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की. इस दौरान मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रहा ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था न हो. कोठी के मुख्य गेट पर ताला लगा हुआ था, जिसे प्रशासन ने तोड़कर अंदर प्रवेश किया.
बताया जा रहा है कि यह आलीशान कोठी करीब 3 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 3 बीघा जमीन पर बनाई गई थी. यह जमीन छांगुर बाबा की करीबी नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर दर्ज है. प्रशासन के मुताबिक, यह निर्माण पूरी तरह से अवैध था और इसी आधार पर कार्रवाई की गई.