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महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित गांव में आजादी के बाद पहली बार चली बस, उत्साह में जुटे लोग

महाराष्ट्र के मरकनार गांव में आज़ादी के बाद पहली बार सरकारी बस सेवा शुरू की गई है. जब पहली बस गांव पहुंची तो स्थानीय लोगों ने तिरंगा लहराकर उसका स्वागत किया.

17 Jul, 2025
( Updated: 17 Jul, 2025
12:47 PM )
महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित गांव में आजादी के बाद पहली बार चली बस, उत्साह में जुटे लोग

महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले के सुदूर मरकनार गांव में आज़ादी के बाद पहली बार सरकारी बस सेवा शुरू की गई है. पुलिस के अनुसार, बुधवार को जब पहली बस गांव पहुंची तो स्थानीय लोगों ने तिरंगा लहराकर उसका स्वागत किया. पुलिस का कहना है कि गढ़चिरौली पुलिस के प्रयासों से मरकनार से अहेरी तक यह सेवा शुरू हो सकी है, जिससे लगभग 1,200 ग्रामीणों, खासकर छात्रों को सीधा लाभ मिलेगा. बस सेवा के शुरू होने के बाद ग्रामीणों में खुशी का माहौल है. इसे लेकर ग्रामीण सरकार को धन्यवाद किया. 

ग्रामीणों ने तिरंगा लहराकर किया स्वागत

आदिवासी बहुल और नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिला लंबे समय से खराब कनेक्टिविटी की समस्या से जूझता रहा है. इसी जिले के भामरागढ़ उपखंड में अबूझमाड़ की तलहटी में स्थित मरकनार गांव, जो कभी नक्सलियों का गढ़ माना जाता था वहां बुधवार को एक ऐतिहासिक पल देखने को मिला.
गढ़चिरौली के पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल की पहल पर राज्य परिवहन सेवा की पहली बस जैसे ही गांव में पहुंची, ग्रामीण तिरंगा लेकर उसका स्वागत करने उमड़ पड़े. इस सेवा से मरकनार के अलावा मुरुंभुशी, फुलनार, कोपरशी, पोयारकोठी और गुंडुरवाही जैसे गांवों के 1,200 से अधिक लोगों विशेष रूप से मरीजों, छात्रों और रोज़ाना यात्रा करने वालों को सीधा लाभ मिलेगा.

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परिवहन को आसान बनाने की कोशिश
गढ़चिरौली पुलिस ने दूरदराज के इलाकों में परिवहन को आसान बनाने के लिए कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू की हैं. कहा गया है कि एक जनवरी 2025 को गट्टा-गरदेवड़ा-वांगेतुरी मार्ग पर और 27 अप्रैल को कटेझर से गढ़चिरौली के लिए बस सेवा शुरू की गई. पिछले पांच वर्षों में, गढ़चिरौली पुलिस के संरक्षण में जिले में 420.95 किलोमीटर लंबी 20 सड़कें और 60 पुल बनाए गए हैं. बता दें कि होम मिनिस्टर अमित शाह ने 31 मार्च, 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने का टारगेट रखा है.

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