पुलिस से भिड़ कर बुरे फंसे शरद पवार गुट के विधायक रोहित पवार, सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में FIR दर्ज
NCP शरद पवार गुट के विधायक रोहित पवार के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने की कोशिश के आरोप लगाते हुए पुलिस ने आजाद मैदान पुलिस स्टेशन एफआईआर दर्ज की है. मामला 17 जुलाई को विधानभवन में हुई झड़प के बाद शुरू हुआ था.

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एनसीपी (एसपी) विधायक रोहित पवार के खिलाफ आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में पुलिस के कामकाज में बाधा डालने के संबंध में FIR दर्ज कराई गई है। एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थक नितिन देशमुख की गिरफ्तारी पर रोहित पवार ने आपत्ति जताई थी। आरोप है कि गिरफ्तारी को लेकर उनकी पुलिस अधिकारियों से बहस हो गई थी। पवार के इस रवैए को सरकारी काम में बाधा डालने की कोशिश करार देते हुए ही मामला दर्ज किया गया है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, महाराष्ट्र विधान भवन में 17 जुलाई को हुई झड़प के दौरान भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर के समर्थकों ने नितिन देशमुख पर हमला किया था। इसके विरोध में जितेंद्र आव्हाड ने विधान भवन परिसर में प्रदर्शन किया था। उन्होंने पुलिस वाहन को रोककर नितिन देशमुख की रिहाई की मांग की और पुलिस पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाया। वहीं रोहित पवार ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि पुलिस अधिकारी ने उन्हें उचित जानकारी नहीं दी और ऊंची आवाज में बात की, जिसके कारण बहस हुई।
वायरल हुआ था वीडियो
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में रोहित पवार पुलिस अधिकारी से ऊंची आवाज में कहते दिखे, "अपनी आवाज मत उठाओ, अगर तुम बोलने में सक्षम नहीं हो तो मत बोलो।"
पुलिस क्या बोली?
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आव्हाड और पवार पूछताछ के लिए थाने आए थे। बाद में दोनों ने सरकारी जे.जे. अस्पताल में जाकर नितिन देशमुख से मुलाकात की। आव्हाड और पवार ने पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाया है, जबकि पुलिस का कहना है कि कार्रवाई कानून के अनुसार हुई है। यह मामला विधान भवन में हुई झड़प और उसके बाद के प्रदर्शन से जुड़ा है।
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रोहित पवार ने बीजेपी पर लगाया आरोप
रोहित पवार ने आरोप लगाया कि भाजपा के विधायक अपने साथ 4-5 गुंडों को लेकर विधान भवन में आए थे। उन लोगों ने जितेंद्र आव्हाड को निशाना बनाकर हमला करने की कोशिश की। यह सुनियोजित था, उन्हें पहले से ही मैसेज के जरिए धमकी दी जा चुकी थी। नितिन देशमुख और आव्हाड के कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंचकर उन्हें बचाया।