कुंभ की घटना पर भड़के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद, सीएम योगी से मांगा इस्तीफा !
कुंभ में मची भगदड़ और 30 मौतों पर जमकर सियासी हो रही है. जबकि योगी सरकार मामले की जांच में जुटी हुई है.. लेकिन कांग्रेस से लेकर। सपा तक योगी आदित्यनाथ को घेर रही है. इसी बीच अब सियासी दलों के बाद संतों और महंतों की ओर से भी प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं. इसी क्रम में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने योगी सरकार पर तंज कसा और कहा कि मौजूदा सरकार को सत्ता में रहने का अब नैतिक अधिकार नहीं है.

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महाकुंभ में भगदड़ मचने से 30 लोगों की मौत की घटना साज़िश थी या फिर हादसा इसका पता लगाने के लिए योगी सरकार ने बड़े बड़े धुरंधर अधिकारी कुंभ में उतार दिए हैं। न्यायिक जाँच के लिए टीम कुंभ पहुँच चुकी है एक एक वीडियो एक एक तस्वीर सीसीटीवी के जरिए खंगाली जा रही है।लेकिन जांच में टांग अड़ाने के लिए विपक्ष तो खड़ा ही था।अब योगी सरकार को आंख दिखाने कुछ विरोधी साधु संत भी मैदान में कूद आए है। ये साधु संत कोई और नहीं। बल्कि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती हैं। जिन्हें योगी सरकार की आलोचना और बीजेपी के विरोध के लिए जाना जाता है।अब कुंभ में ये घटना घटी तो कैसे शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद चुप बैठ सकते हैं। घटना के दूसरे दिन मीडिया के सामने आए।योगी आदित्यनाथ की शांति वाली पोस्ट को लेकर खूब चिल्लाए और छूटते ही सीएम के इस्तीफे की मांग कर डाली।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भड़कते हुए कहा "प्रयागराज में परम धर्म संसद में यह प्रस्ताव पास किया गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तत्काल इस्तीफा दे दें। यह लोग काबिल नहीं है। जनता से इन्होंने जानकारी को छुपाया है।संत समाज के साथ बड़ा धोखा किया है, क्योंकि हम जब इतनी बड़ी भगदड़ की सूचना मिलने के बाद स्नान नहीं करने जा रहे थे, तो इन्होंने अफवाह की बात कर हमें गलत जानकारी दी और हम सभी ने मृत आत्माओं की शांति के लिए बिना मौन रखें या बिना उन्हें श्रद्धांजलि दिए शाही स्नान भी कर लिया। यह बहुत दुखद है कि हमसे जानकारी को छुपाया गया। बिना जानकारी सही तरीके से हम तक पहुंचाएं मृतकों और घायलों के आंकड़ों को भी बाद में बताया गया। पूरे दुनिया में घायलों के आंकड़े चल रहे थे, लेकिन प्रशासन और सीएम ने शाम को जारी किया।हमें मृतक आत्माओं की शांति के लिए उपवास या मौन रखने का मौका भी नहीं मिला। इसलिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री समेत राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा को चाहिए कि तत्काल योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया जाए। अभी भी यहां करोड़ों लोग आने वाले हैं, वह भीड़ नहीं संभाल पा रहे हैं। सिर्फ लीपापोती कर रहे हैं।
अब समझिए जैसे ही भगदड़ मची आग की तरह ये खबर पूरे कुंभ के साथ साथ देशभर में फैल गई। सवाल ये है कि कैसे संतों को पता नहीं चला। दूसरा भगदड़ की खबर मिलते ही योगी सरकार के अधिकार मेले में तैनात हो गए। तुंरत घायलों का इलाज शुरू हुआ। मृतकों को अस्पताल भेजकर आगे की प्रक्रिया शुरु हुई। सरकार ने तुंरत जांच के आदेश भी दे दिया। क्योंकि भीड़ इतनी एकदम टूट पड़ी थी। कि पुलिस प्रशासन कंट्रोल करने में लगातार तेजी से जुटा हुआ था। फिर भी साधू संतों को सरकार का ना तो एक्शन दिख रहा है। ना ही योगी आदित्यनाथ की कुंभ को लेकर सख्ती। बस विपक्षी नेताओं की तरह योगी आदित्यनाथ को घेरने मैदान में आए। इस्तीफे की मांग कर डाली। खैर अब ये मांग शंकराचार्य पर भारी पड़ती नजर आ रही है। क्योंकि ना सिर्फ कुंभ के श्रद्धालुओं ने ही उन्हें खदेड़ दिया। बल्कि सोशल मीडिया पर कुछ पुराने वाली अपलोड कर कांग्रेस सपा का राज याद दिलाया गया।tweet baliyan नाम के यूजर ने शकंराचार्य को पुरानी तस्वीर दिखाते तंज कसा और लिखा "राजनीति ही करनी है तो धर्म का चौला नहीं ओढ़ना चाहिए। सपा ने कांग्रेस वाले ज्योतिषाचार्य के साथ ये व्यवहार किया था, तो भी इन्हें इस्तीफ़ा योगी जी का चाहिए।बस पहचानते चलिए और जो जिस लायक़ है उसे उसकी जगह फिट करते जाइए।
इसके साथ ही OC jain नाम की यूजर ने तो इस घटना को प्री प्लानिंग ही करार दे दिया। साजिश बताते हुए शंकराचार्य पर सवाल उठाए ट्ववीट करते हुए लिखा "बाबा जी के सेवा करो। ये उनके साथ खड़े होते है योगी जी आप भी सेवा कर दो। क्योंकि ये सम्मान के लायक नहीं है। वैसे पूरे घटना क्रम को देखो तो पहले अखिलेश इनसे मिले बात हुई।अगले दिन कुछ लोग लाल झंडा लेकर बसों में भरके पूरे प्रयागराज में आए। फिर घटना हुई। फिर बाबा ने योगी जी का इस्तीफा मांग लिया इतना प्लानिंग से काम तो कभी देखा नहीं"
सिर्फ एक यूजर ही नही। आगे भी तमाम लोगों। ने शंकराचार्य को आईना दिखाया। अरविंद नाम के यूजर ने आगे लिखा- "Ye aadmi is dharti ka prani hi nahi hai। Me mere CM Yogi Maharaj ji k bare me kuch bhi galat nahi sun sakta। Ye bhed ki khaal me bhediya hai। Is k bare me itna ganda bolne ka man kar raha hai bata nahi sakta। Is se bura prani is jagat me koi na hua na hoga"
योगी का इस्तीफा मांगने वाले शकंराचार्य को कोई बेहरुपिया बता रहा है तो नाटकबाज। डॉ अनु नाम की यूजर ने आगे तंज कसते हुए लिखा "बहरुपियों से सावधान रहें"
इसके साथ ही अनुपम मिश्रा नाम के यूजर ने लिखा "इन शंकराचार्य के योगी से इस्तीफा मांगने का कारण यह तस्वीर है पैसा मिल गया"
शंकराचार्य को दो दिन बात घटना पर माहौल बनाने की सूझी लेकिन लोगों ने पुरानी तस्वीरें दिखाकर याद दिला दिया कि कैसे सपा सरकार के वक्त उनके साथ क्या हुआ।लेकिन एक बार फिर इस्तीफे की मांग शंकराचार्य ने नहीं उठाई। और अब अखिलेश यादव से मिलते ही शंकराचार्य को कुंभ में भगदड़ पर योगी के इस्तीफे की याद आई। श्रद्धालुओं ने भी शंकराचार्य की पोल खोलकर उनकी अकल ठिकाने लगाई।
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