जॉर्डन में तिरंगा लहराकर भारत लौटीं सीमा कुमारी, ढोल नगाड़ों के साथ हुआ स्वागत
पदक जीतने के बाद पठानकोट लौटी सीमा का कैंट रेलवे स्टेशन पर ढोल नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत किया गया. इस मौके पर उनके परिवार के सदस्य और गांव के लोग भी मौजूद थे, उनके लिए खुशी का समय रहा.

पंजाब के पठानकोट जिले के धार ब्लॉक के चक्कड़ गांव की रहने वाली सीमा कुमारी ने जॉर्डन में आयोजित एशियाई सीनियर जू-जित्सु चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा. मजदूर परिवार से ताल्लुक रखने वाली सीमा की इस उपलब्धि ने न केवल उनके गांव, बल्कि पूरे पंजाब को गौरवान्वित किया है. उनके पिता मदन लाल मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण करते हैं. पिता को अपनी बेटी की सफलता पर गर्व है.
सीमा कुमारी का ढोल नगाड़ों के साथ हुआ जोरदार
पदक जीतने के बाद पठानकोट लौटी सीमा का कैंट रेलवे स्टेशन पर ढोल नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत किया गया. इस मौके पर उनके परिवार के सदस्य और गांव के लोग भी मौजूद थे, उनके लिए खुशी का समय रहा.
कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारुचक ने सीमा को किया सम्मानित
इस मौके पर पंजाब के कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारुचक ने खुद उपस्थित होकर सीमा को सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि यह पंजाब के लिए मान की बात है कि जिले की बेटी ने चैंपियनशिप में पदक जीत कर पंजाब और जिले का नाम रोशन किया है. यह हमारे लिए गर्व का विषय है. बेटियां भी बेटों की तरह है और उनमें किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए. पंजाब सरकार की ओर से खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किया जा रहे हैं. इसके लिए अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाड़ियों को भी नकद पुरस्कार दिए जा रहे हैं. सीमा का नाम पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के सामने ईनाम के लिए रखा जाएगा.
भव्य स्वागत से खुश हुईं सीमा
सीमा ने अपने स्वागत पर खुशी जताते हुए कहा, “मैं बहुत अच्छा महसूस कर रही हूं. जब मैं पहली बार खेलकर लौटी थी, तब भी अकादमी ने मेरा भव्य स्वागत किया था. मैं गौरवान्वित हूं.”
जू-जित्सु चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली पहली खिलाडी बनी सीमा
उन्होंने बताया कि वह पंजाब की पहली महिला खिलाड़ी हैं, जिन्होंने जू-जित्सु चैंपियनशिप में पदक जीता है. उनकी नजर अब 2026 के एशियाई गेम्स और उससे पहले वर्ल्ड चैंपियनशिप पर है, जिसके लिए उनका चयन हो चुका है.
सीमा के पिता मदन लाल ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर पूरा मान है. सीमा की यह उपलब्धि युवाओं के लिए प्रेरणा है कि मेहनत और लगन से किसी भी परिस्थिति में बड़े मुकाम हासिल किए जा सकते हैं. उन्होंने युवाओं से खेलों में हिस्सा लेने की अपील की ताकि नशे से दूर रहा जा सके.