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बिहार चुनाव से पहले ओवैसी का सियासी अल्टीमेटम, कहा– महागठबंधन में नहीं लिया तो पूरे बिहार में लड़ेंगे चुनाव

हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी इंडिया गठबंधन को खुली चुनौती दी है. एआईएमआईएम की ओर से दावा किया गया है कि पार्टी महागठबंधन में शामिल होने की इच्छुक है और इसको लेकर आरजेडी व कांग्रेस के नेताओं से बातचीत चल रही है. ओवैसी ने स्पष्ट कहा कि अगर वाकई एनडीए को सत्ता में आने से रोकना है, तो एआईएमआईएम को साथ लेकर चलना होगा. पार्टी का कहना है कि सीमांचल क्षेत्र में उसका मजबूत जनाधार है और वह भाजपा को टक्कर देने में अहम भूमिका निभा सकती है.

29 Jun, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
02:25 PM )
बिहार चुनाव से पहले ओवैसी का सियासी अल्टीमेटम, कहा– महागठबंधन में नहीं लिया तो पूरे बिहार में लड़ेंगे चुनाव

बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां चरम पर हैं. सभी प्रमुख दल अपनी-अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. ऐसे में अब हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएमप्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी बिहार की राजनीति में अपनी जगह मजबूत करने की कोशिश में जुट गए हैं.

एआईएमआईएम की ओर से दावा किया गया है कि पार्टी भाजपा विरोधी इंडिया महागठबंधन में शामिल होने की इच्छुक है और इसको लेकर आरजेडी और कांग्रेस के नेताओं से बातचीत भी चल रही है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, एआईएमआईएम भाजपा के खिलाफ मजबूत विपक्ष खड़ा करने में सहयोग देना चाहती है, खासकर सीमांचल जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में, जहां पार्टी का अच्छा जनाधार है. हालांकि ओवैसी की इस कोशिश को तेजस्वी यादव ने खारिज कर दिया है. तेजस्वी यादव ने एक इंटरव्यू में साफ कहा कि, "एआईएमआईएम को लेकर हमारी ओर से कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई है." इसके बावजूद ओवैसी ने एक कदम और आगे बढ़ते हुए INDIA गठबंधन को खुला ऑफर दिया है. उन्होंने कहा है कि, "अगर गठबंधन धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर एकजुट होता है, तो एआईएमआईएम उसका हिस्सा बनने को तैयार है."

ओवैसी का दो टूक बयान, AIMIM को साथ लेना ही होगा
बिहार चुनाव से पहले एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने विपक्षी महागठबंधन को खुली चुनौती देते हुए कहा है कि अगर सच में एनडीए की सत्ता में वापसी रोकनी है, तो हमें साथ लेकर चलना पड़ेगा. उन्होंने साफ कहा,"फैसला अब महागठबंधन के नेताओं को लेना है. हम तैयार हैं, लेकिन अगर वो तैयार नहीं होते तो हमारी पार्टी सीमांचल के बाहर भी चुनाव लड़ेगी और मजबूती से लड़ेगी." ओवैसी ने यह भी दावा किया कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने महागठबंधन के नेताओं से संपर्क साधा है और साफ-साफ कह दिया है कि हम नहीं चाहते कि भाजपा या एनडीए फिर से बिहार की सत्ता में लौटे. उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "पांच साल पहले मैंने खुद कोशिश की थी, लेकिन नतीजा शून्य रहा. इस बार प्रदेश अध्यक्ष पहल कर रहे हैं, लेकिन अब यह पूरी ज़िम्मेदारी उन दलों पर है जो एनडीए को सत्ता से बेदखल करना चाहते हैं." ओवैसी के इस तीखे बयान ने साफ कर दिया है कि अगर महागठबंधन ने उनकी बात नहीं मानी, तो एआईएमआईएम बिहार में अपने बलबूते चुनावी मैदान में उतरने से पीछे नहीं हटेगी और इस बार सीमांचल से आगे भी उसके इरादे हैं. 

आने वाले समय का इंतजार है: ओवैसी 
ओवैसी ने आगे कहा,"हमारे इरादे साफ हैं. आने वाले समय का इंतजार करें. सीटों की सटीक संख्या बताना अभी जल्दबाज़ी होगी, लेकिन बहादुरगंज और ढाका सीट पर हमारे उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी है." इस बयान से एआईएमआईएम के चुनावी विस्तार की मंशा साफ झलक रही है. बता दें कि इससे पहले ओवैसी खुद 50 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने सीमांचल क्षेत्र की 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से पार्टी को 5 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. हालाँकि बाद में पार्टी को झटका तब लगा जब उसके चार विधायक राजद में शामिल हो गए. अब प्रदेश में AIMIM का नेतृत्व पार्टी के इकलौते विधायक अख्तरुल इमान कर रहे हैं. एआईएमआईएम की जीत जिन पांच सीटों पर हुई थी, वे सभी पूर्वी बिहार के मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र की थीं, जिसमें अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार जैसे ज़िले शामिल हैं.

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अब जब ओवैसी सीमांचल के बाहर भी राजनीतिक दावेदारी ठोकने की बात कर रहे हैं, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनाव में एआईएमआईएम का प्रदर्शन किस तरह से बिहार के सियासी समीकरणों को प्रभावित करता है.

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